Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जनपद गोरखपुर में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण गीडा (Gorakhpur Industrial Development Authority-GIDA) के स्थापना दिवस पर गीडा की 260 करोड़ रुपये की 49 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया। शिलान्यास की गई परियोजनाओं में फ्लैटेड फैक्ट्री एंव प्लास्टिक पार्क भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गीडा के विभिन्न उद्यमियों की 504 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास/उद्घाटन भी किया। उन्होंने 1,200 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए निवेशकों को भूखण्ड के आवंटन पत्र वितरित किए। इसके तहत सीएम ने स्वयं 07 उद्यमियों को आवंटन पत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गोरखपुर आज विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कभी औद्योगिक दृष्टि से शून्य और अति पिछड़े जनपदो में गिने जाने वाले गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपद आज विकास के नित नये मानक और प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। 1990 के दशक में गोरखपुर में पहले से संचालित उद्योग बन्द हो रहे थे।
गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना 1990 में बन्द हो गया था, गीडा की स्थापना के लिए 1989 में प्रयास तो प्रारम्भ हुए, लेकिन यह सभी प्रयास विफल हो गये। आवागमन के साधन नहीं थे। वायु कनेक्टविटी गोरखपुर में नहीं थी, लेकिन आज गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश विकास की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की ताकत को समाज को समझना होगा। महिलाएं अपनी घर-गृहस्थी को संचालित करने के साथ ही स्वावलम्बन का एक नया अध्याय रच सकती हैं। इसके लिये प्रदेश के अन्दर केन्द्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार महिला स्वयंसेवी समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड देकर प्रोत्साहित करते हुए उन्हें विभिन्न कार्यों के साथ जोड़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि फ्लैटेड फैक्ट्री के माध्यम से रेडिमेड गारमेन्ट्स के एक हब के रूप मे गोरखपुर को बदला जा सकता है, जिसमें लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां पर एक-एक महिला अपने घर-गृहस्थी के कार्यों को संचालित करने के साथ ही प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपये कमा सकती है। पहले चरण में फ्लैटेड फैक्ट्री में 80 इकाइयां स्थापित होंगी। 70 करोड़ रुपये की लागत से प्लास्टिक पार्क बनेगा, जिसमें 92 इकाइयां लगेंगी। इसमें गेल के द्वारा रॉ मैटेरियल उपलब्ध कराया जायेगा और प्लास्टिक की कुर्सी-मेज आदि घर के उपयोग की अन्य सामग्री को बनाने का कार्य किया जा सकेगा।
सीएम ने कहा कि गोरखपुर का बन्द फर्टिलाइजर कारखाना आज 105 फीसदी की दर से फिर से उत्पादन कर रहा है। हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड एचयूआरएल (Hindustan Fertilizer & Chemicals Limited-HURL) के नाम से गोरखपुर खाद कारखाना फिर से विकास की एक नई कहानी कह रहा है। पिपराइच में बन्द हो चुकी चीनी मिल के स्थान पर आज वहां पर नई चीनी मिल स्थापित हो चुकी है। कनेक्टिविटी के लिए गोरखपुर बहुत बेहतर हो गया है। गोरखपुर की एयर कनेक्टिविटी के लिये आज 14 फ्लाइट गोरखपुर से देश के सभी महानगरों को जोड़ती हैं।
गोरखपुर औद्योगिक विकास की दृष्टि से आगे बढ़ सके, इसके लिये पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur Link Expressway) के माध्यम से जोड़ने का कार्य पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। यह बहुत शीघ्र बनकर तैयार हो जाएगा। गोरखपुर में औद्योगिक विकास का एक नया क्षेत्र गीडा से लेकर धुरियापार तक हम सबको दिखाई देगा, जहां पर लाखों नौजवानों को रोजगार एवं नौकरी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह हम सभी पर निर्भर करता है कि हम किस प्रकार का माहौल देना चाहते हैं। अगर जाति और मजहब के आधार पर हम बटे रहेंगे तो कभी विकास नही हो पायेगा, हमारे सामने हमेशा पहचान का संकट रहेगा। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के विकास के लिये जब किसी प्रकार की आवश्यकता महसूस हुई तो गोरखपुर का एक-एक नागरिक मेरे साथ विकास की उस आवश्यकता का हिस्सा बना। उसी का यह परिणाम है कि आज यहां के नागरिकों के समर्थन और सहयोग से गोरखपुर विकास के एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हो रहा है।
सीएम ने कहा कि आज गोरखपुर एजुकेशन का एक हब बन रहा है। गीडा में कई इंजीनियरिंग कॉलेज काम कर रहे हैं। चार-चार विश्वविद्यालय वर्तमान में गोरखपुर में उच्च शिक्षा और शोध के केन्द्र बने हुए हैं। साथ ही, गोरखपुर हेल्थ का भी एक हब बन रहा है। गोरखपुर में एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College Gorakhpur) जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश में रोजगार और व्यवसाय का भी एक प्रमुख केन्द्र बनकर उभरा है। गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक उद्योग लगने की ओर अग्रसर है। इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिये बेहतर माहौल देना हम सभी का दायित्व है। विगत 05 वर्ष के दौरान जितना निवेश गोरखपुर में हुआ, उतना निवेश 27 वर्षों में नहीं हुआ था।