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नगर निकाय चुनाव की गाइडलाइंस जारी : जानें कौन कर सकेगा दावेदारी, कितना देना होगा शुल्क, पढ़ें हर जानकारी

Deoria News : जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (DM Deoria Jitendra Pratap Singh IAS) ने नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2022 में निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए आवश्यक सूचनाओं के संबंध में जानकारी दी है।

उन्होंने बताया है कि नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार संबंधित नगरीय निकाय का निर्वाचक होने के साथ ही उसकी 30 वर्ष की आयु होना अनिवार्य है। इसी प्रकार नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के सदस्य पद के लिए उम्मीदवार को संबंधित नगरीय निकाय का निर्वाचक तथा 21 वर्ष की आयु होना अनिवार्य है। कोई भी उम्मीदवार एक से अधिक, परन्तु दो से अनधिक वार्डों से निर्वाचन लड़ सकेगा।

उम्मीदवार के लिए अनहर्ताएं
जिला निर्वाचन अधिकारी ने उम्मीदवारी के लिए अनर्हताओं के संबंध में बताया है कि कोई व्यक्ति नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत के सदस्य पद पर निर्वाचित होने के लिए उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा-13-घ तथा अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के लिए उसी अधिनियम की धारा-43-क (2) में वर्णित प्रावधानों के अनुसार अनर्ह होगा।

इसी प्रकार कोई व्यक्ति नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित होने के लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-25 तथा महापौर पद पर निर्वाचित होने के लिए धारा-11(1) (ग) तथा (घ) में वर्णित प्रावधान के अनुसार अनर्ह होगा।

इसके मुताबिक –
-वह अनुमोदित दिवालिया हो, वह नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता हो
-वह राज्य सरकार/केन्द्रीय सरकार/स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में हो अथवा
-जिला सरकारी काउन्सिल/अपर या सहायक जिला सरकारी काउन्सिल/अवैतनिक मजिस्ट्रेट/ मुन्सिफ/सहायक कलेक्टर हो
-वह किसी प्राधिकारी के आदेश द्वारा विधि व्यवसायी के रूप में कार्य करने से विवर्जित किया गया हो
-वह किसी स्थानीय प्राधिकारी का पदच्युत सेवक हो और जिसे पुनः सेवायोजन के लिए विवर्जित किया गया हो
-भारत सरकार/राज्य सरकार के अधीन ग्रहण किये गये किसी पद से भ्रष्टाचार अथवा राजद्रोह के कारण पदच्युत हुआ हो और पदच्युत होने के दिनांक से 06 वर्ष की अवधि समाप्त न की गयी हो,
-उसे किसी न्यायालय द्वारा इन अधिनियमों में उल्लिखित किसी अपराध के लिए दोषी पाया गया हो या सदाचार बनाये रखने के लिए पाबन्द किया गया है और 5 वर्ष की अवधि समाप्त न की गयी हो,
-उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-16 के अन्तर्गत महापौर पद से हटाया गया हो अथवा
-उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा-40 (3) के अन्तर्गत सदस्य पद से हटाया गया हो और हटाये जाने के दिनांक से 05 वर्ष की अवधि समाप्त न हो गयी हो अथवा
-धारा-48 (2) के खण्ड (क) या खण्ड (ख) 6,7 या 8 के अन्तर्गत अध्यक्ष पद से हटाये जाने की दशा में अपने हटाये जाने के दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक अध्यक्ष या सदस्य के सम में पुनर्निर्वाचन का पात्र नहीं होगा।
-वह नगर निकाय को देय किसी कर का 01 वर्ष से अधिक अवधि के बकाये का देनदार हो,
वह उ०प्र० नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा 80 तथा 83 के अधीन अथवा उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 की धारा 27 व 41 के अधीन अनर्ह हो।

नामनिर्देशन शुल्क एवं जमानत राशि
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि विभिन्न पदों के निर्वाचन के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य, जमानत की धनराशि तथा निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा निर्धारित है। उन्होने बताया है कि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवार के लिये नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के 25 से 40 वार्ड के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 500 तथा जमानत की धनराशि 8000 निर्धारित है। नगर पालिका परिषद के सदस्य पद के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 200 तथा जमानत की धनराशि 2000, अध्यक्ष नगर पंचायत के नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 250 एवं जमानत धनराशि 5000 तथा सदस्य नगर पंचायत के नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 100 एवं जमानत धनराशि 2000 निर्धारित है।

अनु0 जाति/अ0ज0 जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/महिला उम्मीदवार के लिए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के 25 से 40 वार्ड के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 250 रुपये तथा जमानत की धनराशि 4000 रुपये निर्धारित है। नगर पालिका परिषद के सदस्य पद के लिए नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 100 रुपये तथा जमानत की धनराशि 1000 रुपये, अध्यक्ष नगर पंचायत के नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 125 रुपये एवं जमानत धनराशि 2500 रुपये तथा सदस्य नगर पंचायत के नाम निर्देशन पत्र का मूल्य 50 रुपये एवं जमानत धनराशि 1000 रुपये निर्धारित है।

आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों द्वारा अनारक्षित पद पर नाम निर्देशन करने पर भी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिये निर्धारित नाम निर्देशन पत्र का मूल्य लिया जायेगा। नाम निर्देशन पत्र नगद मूल्य देकर क्रय किया जा सकेगा। जमानत की धनराशि चालान द्वारा ट्रेजरी में जमा करायी जा सकती है तथा चालान की प्रति नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न की जायेगी। चालान फार्म रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त होंगे।

जमानत की धनराशि ट्रेजरी चालान द्वारा बैंक/ कोषागार में ‘‘8443- सिविल जमा-121- चुनावों के सम्बन्ध में जमा-05 स्थानीय निकायों के निर्वाचनों के लिये जमा’’ लेखा शीर्षक के अन्तर्गत जमा की जायेगी। जमानत की धनराशि नगद भी जमा करायी जा सकती है। जमा के प्रमाण स्वरूप रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी रसीद देगा। किसी उम्मीदवार द्वारा एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचन के लिए अधिकतम 04 नाम निर्देशन पत्र भरे जा सकते हैं, परन्तु उक्त निर्वाचन क्षेत्र के लिए ‘‘जमानत की धनराशि’’ एक बार ही जमा की जायेगी।

प्रस्तावक
प्रस्तावक के विवरण में उन्होंने बताया है कि उम्मीदवारी के नाम निर्देशन पत्र एक प्रस्तावक द्वारा हस्ताक्षरित किए जाएंगे तथा उम्मीदवार एवं प्रस्तावक का फोटो भी नाम निर्देशन पत्र पर चस्पा किया जायेगा। पार्षद, नगर निगम तथा सदस्य, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के मामलों में प्रस्तावक उसी कक्ष का निर्वाचक हो सकता है, जिस कक्ष से उम्मीदवार निर्वाचन लड़ रहा है, किन्तु महापौर, नगर निगम तथा अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के मामलों में प्रस्तावक निकाय के किसी भी कक्ष का निर्वाचक हो सकता है जिस निकाय से उम्मीदवार निर्वाचन लड़ रहा है। कोई मतदाता एक से अधिक अभ्यर्थी को प्रस्तावक के रूप में नामनिर्दिष्ट नहीं कर सकता है।

नाम निर्देशन के लिए आवश्यक अभिलेख
नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख/प्रमाण पत्र के विविरण में उन्होंने बताया है कि संबंधित निकाय के एक वर्ष से अधिक अवधि के बकाये का देनदार न होने का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। उम्मीदवार जिस कक्ष का निर्वाचक है उससे भिन्न कक्ष से निर्वाचन लड़ने पर उम्मीदवार को निर्वाचक नामावली की सुसंगत प्रविष्टियों की प्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न और जमानत धनराशि जमा किये जाने की रसीद जमा करनी होगी।

यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति का है तो उसे सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही आयोग द्वारा जारी आदेश संख्या-113/ रा०नि०आ०अनु०-6/2009/25/09 दिनांक 08.07.2009 के साथ संलग्न प्ररूप में शपथ-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। उक्त शपथ पत्र नोटरी/तहसीलदार/नायब तहसीलदार में से किसी एक द्वारा सत्यापित कराया जा सकता है।

उपर्युक्त शपथ पत्र के प्ररूप रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त किये जा सकते हैं। उम्मीदवारों द्वारा निर्धारित प्ररूप पर आपराधिक एवं सम्पत्तियों/दायित्वों का विवरण सम्बन्धी शपथ पत्र भी नाम निर्देशन पत्र के साथ संलग्न किया जायेगा जिसका प्ररूप रिटर्निंग अधिकारी/ सहायक रिटर्निंग अधिकारी से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है तथा उक्त शपथ पत्र कार्यकारी मजिस्ट्रेट/तहसीलदार/नायब तहसीलदार (जिन्हें कार्यकारी मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदत्त कर दिये गये हो)/सार्वजनिक नोटरी से सत्यापित कराया जा सकता है।

उम्मीदवार नाम निर्देशन पत्र जमा करने की रसीद अवश्य प्राप्त करें। कोई प्रत्याशी किसी राजनीतिक दल द्वारा खड़ा किया गया तभी और केवल तभी समझा जायेगा, जब उस प्रत्याशी ने इस आशय की घोषणा अपने नाम निर्देशन पत्र में कर दी हो। उम्मीदवार ने इस आशय की लिखित सूचना सम्बन्धित दल के प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा प्ररूप-7 (क) में उम्मीदवारी के अन्तिम दिनांक व समय से पूर्व सम्बन्धित निर्वाचन अधिकारी को प्रदत्त कर दी गयी हो।
उक्त सूचना दल के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य पदाधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र- 7 (ख) पर हस्ताक्षरित हो। ऐसे प्राधिकृत व्यक्ति का नाम एवं उनके नमूने के हस्ताक्षर प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सम्वन्धित निर्वाचन अधिकारी तथा सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को उम्मीदवारी के अन्तिम दिनांक व समय तक प्ररूप-7(ख) में सूचित किया गया हो। उक्त सूचना दल के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य पदाधिकारी द्वारा प्ररूप-7 (क) पर हस्ताक्षरित हो सकता है।

ऐसी दशा में प्ररूप 7 (ख) की आवश्यकता न होगी। प्राधिकृत प्राधिकारी द्वारा अपने समर्थक उम्मीदवार के पक्ष में निर्गत किये जाने वाले प्ररूप 7(क) एवं दल के अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य पदानिवारी द्वारा निर्गत 7(ख) की सूचना निर्धारित दशाओं में मान्य नहीं होगी। यदि उक्त प्ररूप-7(क) एवं 7(ख) की सूचना फैक्स के माध्यम से प्राप्त होती है। यदि उक्त प्ररूप-7(क) एवं 7(ख) की सूचना सत्य प्रतिलिपि हस्ताक्षर या मुहर द्वारा हस्ताक्षर से प्राप्त होती है। उम्मीदवारों से अपेक्षा है कि असुविधा से बचने के लिये नामनिर्देशन दाखिल करने की तैयारियां समय से कर लें।

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