उत्तर प्रदेशखबरें

योगी सरकार की आम जन से अपील : 28 अगस्त तक जरूर लें फाइलेरिया की दवा, सालों बाद मिल सकती है लापरवाही की सजा

Uttar Pradesh News : ‘अपना पांव हाथी जैसा होने से बचाने और हाइड्रोसील से बचने के लिए बस एक ही उपाय है – दवा लीजिए। मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया लाइलाज और गंभीर बीमारी है। किसी को हो जाए तो जीवन भर ठीक नहीं होती है। इसलिए जो लोग रह गए हैं वो 28 अगस्त तक दवा जरूर खा लें। आशा आपके घर पहुंचे और उस वक्त आपकी मुलाक़ात न हो तो बाद में उनसे सम्पर्क कर दवा जरूर खाएं। यह आपके और आपके परिवार के लिए बेहद जरूरी है।’

यह अपील योगी सरकार की ओर से प्रदेशवासियों से लगातार की जा रही है, ताकि कोई भी अपंगता का शिकार न हो। योगी सरकार की ओर से की जा रही यह अपील इस बात का उदाहरण है कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर सीएम योगी कितने गंभीर हैं।

उनकी यह गंभीरता उनके प्रयासों में भी झलकती है। सरकार की ओर से फाइलेरिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत आशा दवा के साथ हर घर तक पहुंच रही है। इसके अलावा पीएचसी, सीएचसी, जन आरोग्य मेलों में भी फाइलेरिया की दवा उपलब्ध कराई जा रही है।

बीमारी का पता चलने में लग सकते हैं 15 साल
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेशवासियों से यह अपील करते हुए बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) चल रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहीं हैं।

यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है। दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को यह दवा जरूर खानी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान प्रदेश के 27 जिलों में चलाया जा रहा है, जहां इस तरह के मामले ज्यादा पाए गए हैं। बीमारी का पता चलने में पांच से 15 साल लग सकते हैं, इसलिए कोई भी जोखिम न लें और न ही कोई बहाना करें क्योंकि आज का यही बहाना आपको जीवनभर के लिए मुसीबत में डाल सकता है।

इसलिए दवाओं का सेवन कर समाज को फाइलेरिया मुक्त बनाएं। दवा खाने के बाद जी मिचलाना, चक्कर आना या उल्टी लगे तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने के कारण हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं जिससे इस तरह की प्रतिक्रिया हो सकती है जो कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।

प्रभावित व्यक्ति की कार्यक्षमता हो जाती है कम
विशेषज्ञों की मानें तो फाइलेरिया से संक्रमित होने के बाद रोगी का पूरा जीवन दर्द और कठिनाई से बीतता है। इससे जुड़ी दिव्यांगता के कारण लोगों को अक्सर सामाजिक उपेक्षा का भी सामना करना पड़ता है।

बीमारी से प्रभावित व्यक्ति की कार्यक्षमता भी कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति की आजीविका और आर्थिक उन्नति दोनों प्रभावित होती है। इसलिए फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना खुद के साथ घर-परिवार और समाज की भलाई में है। लगातार पांच साल तक साल में एक बार यदि दवा का सेवन कर लेते हैं तो इस बीमारी से सुरक्षित बन सकते हैं।

Related posts

DEORIA : सीडीओ ने विकास कार्यों की समीक्षा की, पिछड़ रहे ब्लॉक के लिए जारी हुए आदेश

Sunil Kumar Rai

2 मार्च को पथरदेवा ब्लॉक के इस गांव में होगा उपचुनाव : भारी सुरक्षा के बीच होगा मतदान

Laxmi Srivastava

Rani Laxmi Bai Jayanti : विद्यार्थी परिषद ने देवरिया में शोभा यात्रा निकाली, वीरांगनाओं की वेशभूषा में सजीं छात्राओं ने जगाया जोश

Rajeev Singh

JEE Main Exam : राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने जेईई मेंन परीक्षा की तिथियां बदलीं, अब जून-जुलाई में होगा एग्जाम

Abhishek Kumar Rai

हरिकेवल प्रसाद की 11वीं पुण्यतिथि : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और सांसद-विधायक ने ऐसे दी जननेता को श्रद्धांजलि

Rajeev Singh

डीएम ने निर्माणाधीन प्यासी मझौली सेतु की गुणवत्ता पर जताई नाराजगी : सुधार के लिए दी डेडलाइन, 2 लेन रोड का मांगा प्रस्ताव

Rajeev Singh
error: Content is protected !!