Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद (UP Cabinet) ने प्रदेश में मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ आदि) की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम (उत्तर प्रदेश मिलेट्स रिवाइवल प्रोग्राम-यूपीएमआरपी – UPMRP) नामक यह नवीन योजना वर्ष 2022-23 (01 जनवरी, 2023) से वर्ष 2026-27 तक संचालित किये जाने का प्रस्ताव है। कार्यक्रम क्रियान्वयन की 05 वर्षों की इस अवधि में 18626.50 लाख रुपये का अनुमानित व्यय आंकलित है, जिसे राज्य सरकार द्वारा नयी योजना स्वीकृत करते हुए वहन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए मिलेट्स के उपभोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (इण्टरनेशनल ईयर आॅफ मिलेट्स – International Year of Millets) के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के संचालन के लिए नीति निर्धारण, पात्रता के लिए मापदण्ड निर्धारण, अनुदान भुगतान के लिए मानक के निर्धारण एवं योजना की सामयिक प्रगति की समीक्षा के लिए कृषि निदेशक की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय परियोजना स्क्रीनिंग समिति अधिकृत होगी।
राज्य स्तरीय परियोजना स्क्रीनिंग समिति द्वारा संस्तुत प्रस्तावों की स्वीकृति, अनुश्रवण एवं स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष धनराशि अवमुक्त करने के लिए अपर मुख्य सचिव कृषि की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति अधिकृत होगी।
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य, क्षेत्र एवं क्रियान्वयन के दिशा-निर्देेशों में भविष्य की आवश्यकता के अनुसार वांछित संशोधन राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति द्वारा किया जाएगा।
राज्य में मिलेट्स की खेती पारंपरिक रूप से बहुत हद तक लोकप्रिय एवं प्रचलित थी, परन्तु हरित क्रान्ति के उद्भव के साथ कृषि क्षेत्र में हुए परिवर्तन से इसका क्षेत्र और उत्पादन उस प्रकार प्रचलित नहीं रहा और कुल खाद्यान्न उत्पादन में मिलेट्स का हिस्सा कम हुआ, जबकि पौष्टिक अनाज के बास्केट के रूप में मिलेट्स अत्यन्त उपयोगी है।
मिलेट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों का भण्डार है। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के लिए मिलेट्स एक वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है। मिलेट्स संतुलित आहार के साथ-साथ एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण में योगदान देता है। ये मानव जाति के लिए एक प्राकृतिक उपहार है।
प्रदेश में मिलेट्स के अन्तर्गत ज्वार, बाजरा, कोदो एवं सावां की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। वर्ष 2021-22 में कुल 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल मिलेट्स फसलों से आच्छादित रहा है, जिसमें से सर्वाधिक 9.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बाजरा, 1.71 लाख हेक्टेयर में ज्वार, 0.02 लाख हेक्टेयर में कोदो एवं 0.05 लाख हेक्टेयर सावां से आच्छादित रहा है। कोदो एवं सावां के अतिरिक्त रागी/मडुआ, काकुन आदि का आच्छादन नगण्य है।
मिलेट्स में सम्मिलित फसलों की खेती कम उपजाऊ भूमि, शुष्क क्षेत्र अथवा वर्षा आधारित क्षेत्र, पहाड़ी/पठारी क्षेत्र में एवं विपरीत मौसम में भी आसानी से की जा सकती है। प्रदेश में कई जनपद एवं उनमें कई विकास खण्ड ऐसे हैं, जहाँ पर मिलेट्स की खेती के लिए समुचित जलवायुवीय दशाएं उपलब्ध हैं, जहाँ पर ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ आदि की खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश में मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देते हुए क्षेत्राच्छादन/उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि कर कृषकों की आय में वृद्धि करना तथा मूल्य संवर्धन एवं विपणन के माध्यम से जन सामान्य के आहार में मिलेट्स के उपभोग को बढ़ावा देकर संतुलित आहार की तरफ प्रेरित करना है। इस कार्यक्रम को क्रियान्वयन प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में किया जाएगा।
कार्यक्रम के तहत मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मिलेट्स बीज के मिनी किट कृषकों को निःशुल्क वितरित किये जाएंगे। गुणवत्तायुक्त बीजों का वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राज्य की प्रमाणित बीज वितरण योजना के अन्तर्गत अनुदान पर किया जाएगा। बीज मिनीकिट वितरण में सीमान्त एवं लघु कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी, यदि सामान्य कृषक भी मिलेट्स का बीज लेना चाहे तो उसे भी उपलब्ध कराया जाएगा।
वर्ष 2023-24 से 04 वर्षों तक मिलेट्स के बीज मिनीकिट 2.5 लाख कृषकों को निःशुल्क वितरित किये जाएंगे। कृषकों का चयन कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत अथवा भारत सरकार की किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत आच्छादित कृषकों में से किया जाएगा। चयनित कृषकों में 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकांे को लाभान्वित किया जाएगा। महिला कृषकों को विशेष वरीयता प्रदान की जाएगी।
मिलेट्स के उत्पादों को तैयार करने के लिए मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केन्द्र की स्थापना होगी। मिलेट्स विपणन के लिए मोबाइल आउटलेट/स्टोर को प्रोत्साहित किया जाएगा।