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काशी से पीएम ने करोड़ों लोगों को दी सहूलियत : सड़क से स्वास्थ्य सेवा तक का ढांचा बदला, सरकार ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

Varanasi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज वाराणसी में 5,189 करोड़ रुपये लागत की 28 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। विशेष तौर पर उद्घाटित परियोजनाओं में काशीवासी ही नहीं बल्कि वाराणसी के रास्ते आवागमन करने वाले बिहार, मध्य प्रदेश व कोलकाता सहित पूर्वांचल के कई जनपदों के लोगों के लिए सुगम यातायात व्यवस्था के लिए 1011.29 करोड़ रुपये से निर्मित 16.98 किलोमीटर लंबी रिंग रोड फेज-2 पैकेज-1 रखोना राजातालाब से वाजिदपुर हरहुआ तक की सड़क प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इसके साथ ही उन्होंने 64 हजार करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना’ का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लोगों को दीपावली, देव दीपावली, अन्नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्सव, डाला छठ की शुभकामनाएं दीं। पीएम ने देश के कोने-कोने से जुड़े हेल्थ प्रोफेशनल, मेडिकल संस्थान के लोगों सहित सभी का आभार जताया।

करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा

इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ टीकाकरण के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद, गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्वास से सबको मुफ्त वैक्सीन लगवायी गयी। आज ही यूपी को 9 नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे उत्तर प्रदेश के करोड़ों समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। उन्होंने मानस में सोरठा का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्ट और क्लेश से मुक्त करता है। स्वास्थ्य से जुड़ी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्या हो सकती है।

75 हजार करोड़ रुपये का कार्यक्रम जारी किया गया

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। भारत के लिए 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक का काम काशी से लॉन्च हो रहा है। 75 हजार करोड़ रुपये का कार्यक्रम जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि काशी की योजनाओं में महादेव का आशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्टों से मुक्ति तय है। उत्तर प्रदेश सहित देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्च स्तर तक हो, हमारे हेल्थ सिस्टम में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता आए, इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ रुपये की परियोजना का लोकार्पण किया गया है।

ध्यान नहीं दिया

उन्होंने कहा कि सड़क से घाट, गंगा जी, वरुणा की साफ-सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व और देश को, ऊर्जा और विश्वास देने वाला है। शरीर को स्वस्थ करने का निवेश उत्तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्य और स्वास्थ्य सुविधा पर ध्यान नहीं दिया गया। जितनी जरूरत थी, जिनकी लंबे समय तक सरकार रही। उन्होंने हेल्थ सेक्टर को विकास और सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्पताल नहीं थे। ब्लॉक में टेस्ट की सुविधा नहीं थी। जिला अस्पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ भी रहता था। हेल्थ केयर सिस्टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी को दूर करने का समाधान है।

बेड तैयार किए जाएंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी से निपटने में हम तैयार हों सक्षम हों, इसके लिए हेल्थ सिस्टम को तैयार किया जा रहा है। जिससे बीमारी पकड़ में आए, जांच में देरी न हो। हमारा लक्ष्य है कि गांव से ब्लॉक, जिला, रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्थ केयर मजबूत हो। हमारे नॉर्थ ईस्ट के राज्यों पर फोकस किया जा रहा है। मिशन के तीन पहलू हैं। डायग्नोस्टिक सिस्टम के तहत हेल्थ और वेलनेस सिस्टम के साथ बीमारी को फ्री में डिटेक्ट किया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों में क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा, ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग तथा अस्पताल में सुविधा बढ़ेगी।

80 बायो व रिसर्च लैब हैं

पीएम ने कहा कि सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे तैयार रहेंगे। रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु है। जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। 730 जिलों में इंटीग्रेटेड सिस्टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्त किया जाएगा। तीसरा पहलू रिसर्च संस्थानों को सशक्त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं। इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। 4 नए वायरोलॉजी लैब बनेगी। एक राष्ट्रीय संस्थान भी बनेगा। इसके माध्यम से देश के कोने-कोने में इलाज से लेकर ईको सिस्टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था, लेकिन हाल क्या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है।

स्वास्थ्य सेवा घोटाले तथा पैसा कमाने का जरिया रहा

उन्होंने आगे कहा, हम सात साल से बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। मैंने दिल्ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बढ़ा कर इंफ्रास्ट्रक्टर को लॉन्च किया था और आज दूसरा बड़ा मिशन, हेल्थ को लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्वास्थ्य के साथ आर्थिक मिशन भी है, जो सभी के लिए सुलभ और सस्ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी हो। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पूर्व वर्षों तक सरकारों में स्वास्थ्य सेवा घोटाले तथा पैसा कमाने का जरिया रहा है।

गरीब माता-पिता का बच्चा भी डॉक्टर बनने का सपना देख सकेगा

प्रधानमंत्री ने कहा, आज सरकार गरीब, दलित, शोषित, वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है। पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था, आज बड़े प्रोजेक्ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर शुरू किया गया है। मेडिकल सुविधाएं बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या भी उतनी ही तेजी से बढ़े। उत्तर प्रदेश में जिस तेजी के साथ नये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, उसका बहुत अच्छा प्रभाव मेडिकल की सीटों और डॉक्टरों की संख्या पर पड़ेगा। स्टाफ की संख्या भी बढ़ेगी। ज्यादा सीटें होने की वजह से अब गरीब माता-पिता का बच्चा भी डॉक्टर बनने का सपना देख सकेगा और उसे पूरा कर सकेगा।

काशी की हालत क्या होती

नए मेडिकल कॉलेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। आने वाले समय में देश में दस गुना डॉक्टर मिलने जा रहे हैं। अधिक डॉक्टर होंगे तो उतनी ही उपलब्धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश या उत्तर प्रदेश में जो काम हुआ, वैसे काम होता तो काशी की हालत क्या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सड़क, घाट, गंगा, ट्रैफिक जाम प्रदूषण सब चलता रहता था। रिंग रोड न होने से जाम होता था। जितना काम वाराणसी में पिछले 7 साल में हुआ है, उतना पिछले कई दशकों में नहीं हुआ।

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