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Bhupinder Singh Dies : ‘दिल ढूंढता है फिर वही’ गाने वाले भूपिंदर सिंह का 82 वर्ष की उम्र में निधन, शोक में डूबा संगीत जगत

Mumbai News : दशकों तक भारत के बड़े वर्ग को आवाज देने वाले प्रख्यात गायक और गिटारवादक भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) का 82 वर्ष की उम्र में सोमवार शाम मुंबई में निधन हो गया। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पिछले एक हफ्ते से वह अस्पताल में भर्ती थे। जहां सोमवार, 18 जुलाई को हर्ट अटैक से उनका निधन हो गया।

उनकी आवाज आत्मा तक पहुंचती थी। दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन (मौसम) और रंग दे बसंती गाने वाले भूपिंदर सिंह के जाने से पूरा देश शोक मना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी हस्तियों ने इस महान गायक के निधन पर शोक जताया है।

ये प्रसिद्ध गाने गाए

भूपिंदर सिंह ने मोहम्मद रफी, आरडी बर्मन, मदन मोहन, लता मंगेशकर, आशा भोसले से लेकर संगीत जगत के सबसे बड़े नामों के साथ काम किया था। उनके प्रसिद्ध गीतों में “दिल ढूंढता है”, “दो दीवाने शहर में”, “नाम गुम जाएगा”, “करोगे याद तो”, “मीठे बोल बोले”, “कभी किसी को मुकम्मल”, “किसी नज़र को तेरा इंतजार आज भी” और “एक अकेला शहर में है” शामिल है। उन्होंने राजेश खन्ना पर फिल्माया गया गाना दुनिया छूटे यार ना टूटे गाया। आरडी बर्मन ने उन्हें रात बनूं में गीत बनो तुम, नाम गुम जाएगा, कहिया कहां से आना हुआ और बीते ना बिताए रैना जैसे गाने गाए।

अमृतसर में हुआ जन्म

6 फरवरी, 1940 को अमृतसर में जन्मे भूपिंदर सिंह दिल्ली के पश्चिमी पटेल नगर में पले-बढ़े। संगीत से उनका परिचय उनके पिता प्रो. नाथ सिंह ने कराया। वह एक संगीतकार थे। भूपिंदर सिंह छोटी उम्र से ही विभिन्न वाद्ययंत्रों को बजाने में रुचि रखते थे। उनके पिता समझ गए थे कि वह संगीत के क्षेत्र में करियर बनाएंगे।

रेडियो में काम शुरू किया

गिटार सीखने के बाद उन्होंने संगीतकार सतीश भाटिया के मार्गदर्शन में ऑल इंडिया रेडियो के साथ एक मेहमान कलाकार के रूप में काम करना शुरू किया। उन्हें भूपिंदर सिंह की आवाज़ अलग लगी और उन्हें गाने के अवसर मिलने लगे। भाटिया ने ही भूपिंदर सिंह को मशहूर संगीतकार मदन मोहन से मिलवाया था। वह दिल्ली के दौरे पर आए थे।

मदन मोहन ने बुलाया मुंबई

उन्होंने मदन मोहन के लिए बहादुर शाह जफर का लगता नहीं है दिल मेरा उजादे दयार मैं गाया। उनकी गायकी से प्रभावित होकर मदन मोहन ने भूपिंदर सिंह को मुंबई बुलाया। इसके बाद उनके करियर को नई दिशा मिली। फिर उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। धीरे-धीरे उन्होंने गजल गायकी को अपनी पहचान बनाई।

निधन से व्यथित हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, दशकों से यादगार गीत देने वाले भूपिंदर सिंह जी के निधन से व्यथित हूं। उनके संगीत ने लाखों लोगों को प्रभावित किया। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। शांति।

शक्ति प्रदान करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें याद करते हुए लिखा कि, प्रख्यात संगीतकार व लोकप्रिय पार्श्व गायक भूपिंदर सिंह जी का निधन संगीत व कला जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों व असंख्य प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

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