Uttar Pradesh : प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी तथा निबन्धक, सहकारी गन्ना समिति संजय आर भूसरेड्डी ने सहकारी गन्ना समितियों को एफडीआर के विनियोजन में फर्जीवाड़े एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने समितियों द्वारा विभिन्न बैकों में विनियोजित धनराशि के एफडीआर का परीक्षण कराये जाने के आदेश दिये हैं।
इसके अतिरिक्त विनियोजित एफडीआर के परिपक्व होने की स्थिति में एफडीआर का नवीनीकरण न कराकर नये सिरे से फिर विनियोजित कराये जाने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के निबन्धक, सहकारी गन्ना समिति संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि, समिति एवं बैंक कार्मिकों द्वारा मिलीभगत कर फर्जी एफडीआर तैयार कराने का प्रकरण सामने आया है।
नुकसान से बचेंगी
इसके बाद समितियों में ऐसे प्रकरणों की पुनरावृति भविष्य में होने से बचाने के लिए प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियों में पूर्व में विनियोजित एफडीआर का उसी बैंक में नवीनीकरण न कराकर नये सिरे से फिर विनियोजन कराने के सम्बन्ध में मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। इससे समिति के समक्ष किसी प्रकार की वित्तीय क्षति की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
प्रक्रिया सुनिश्चित होगी
एफडीआर के सम्बन्ध में निबन्धक द्वारा जारी इन मापदण्डों के अन्तर्गत सर्वप्रथम सहकारी गन्ना समितियों द्वारा बैंकों में विनियोजित धनराशि के एफडीआर का परीक्षण कराकर उसकी सत्यता की पुष्टि करायी जायेगी। इसके अतिरिक्त बैंकों में विनियोजित एफडीआर के परिपक्व होने के उपरान्त उसी बैंक में एफडीआर का नवीनीकरण न कराकर धनराशि समिति के बचत खाते में क्रेडिट कराते हुए नये सिरे से विनियोजित करायी जायेगी। परिपक्वता से पूर्व ही सभी बैंको से नवीन एफडीआर पर ब्याज दर का कोटेशन प्राप्त कर लिया जायेगा तथा समिति के वित्तीय हित में सबसे अधिक ब्याज दर कोट करने वाले बैंक में ही फिर एफडीआर विनियोजित करने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जायेगी।
दिए ये आदेश
निबन्धक ने जिले एवं क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि, वह समितियों के निरीक्षण के दौरान एफडीआर के विनियोजन में विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुपालन का परीक्षण अवश्य करें। जिससे वित्तीय अनियमितता न होने पाये एवं फर्जीवाड़ा करने वाले कार्मिकों पर भी कड़ी कार्रवाई कर लगाम लगाई जा सके।