Deoria News : “समरस समृद्ध एवं स्वाभिमानी राष्ट्र का निर्माण ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का लक्ष्य है। मकर संक्रांति सामाजिक एकता का संदेश देता है।” ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भटनी नगर में मकर संक्रांति उत्सव पर बौद्धिक करते हुए अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद ने कही।
उन्होंने कहा कि संक्रांति प्रतीक है परिवर्तन का, सामाजिक समरसता का, एकता व बंधुत्व का। उन्होंने कहा कि बाहर के लोगों ने आकर भारत में जाति का भेद पैदा कर समाज को बांटने की कोशिश की है। हमें अपने संस्कृति समाज, धर्म व व्यवस्था पर पूरा गर्व है। हम कोई जाति नहीं हैं, अपितु संपूर्ण समाज हिंदू है। समाज में दूसरे के बिना हर कोई अधूरा है। इसी तरह एक-दूसरे का महत्व समझते हुए समाज में समरस होकर रहने का इसमें संदेश है।
पदाधिकारी ने कहा कि देश में सामाजिक एकता के ताने बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास किया गया और अभी भी कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, लेकिन स्वयंसेवक भारत को परम वैभव के शिखर पर ले जाने को कृत संकल्पित हैं। सामाजिक उत्थान के लिए भारतीय समाज के सभी लोगों को एकता के भाव में रहना होगा। वेश-भूषा, आचार-व्यवहार, संस्कार से भी हमें भारतीय ही बनकर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति अनुसार जीवन शैली, मान, मर्यादा, प्रतिष्ठा भारत को परम् वैभव तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। प्रत्येक गांव में शाखा एवं स्वयंसेवक समाज निर्माण में संलग्न हो, ऐसी समय की जरूरत है।
बौद्धिक के पश्चात केके पब्लिक स्कूल (KK Public School Bhatni) से स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला, जो चूड़ी गली, गांधी चौक, जलपा माता मंदिर, नकहनी, चिऊड़ा गली, मुख्य बाजार, विकास रोड होते हुए पुनः केके पब्लिक स्कूल पर पहुंच समाप्त हुआ। स्वयंसेवक घोष पर कदमताल करते हुए आगे बढ़ते रहे। जगह जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया।
इस दौरान फूलवदन, यशवंत, सुशील, जयराम वर्मा, अखिलेश्वर, डॉ अरविन्द पाण्डेय, वेद प्रकाश, सुरेंद्र चौरसिया, दीपक, आनंद कृष्ण, करुणेश, आमर्त्य सुंदरम, हरिओम, राजीव सिंह, रामेश्वर पांडेय, अभय तिवारी, उपेन्द्र तिवारी, ओमप्रकाश, विनोद तिवारी, अजय कुमार वर्मा, बीके श्रीवास्तव, शिवम, अभय, प्रतीक, उत्कर्ष, अनिल पांडेय, पुण्य प्रकाश आदि मौजूद रहे।