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खास खबर : योगी सरकार ने यूपी के हर गांव को रोशन किया, बुन्देलखण्ड में बदले हालात, पढ़ें राज्य सरकार की विद्युत नीति

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश की वर्तमान योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार प्रदेश में विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने तथा सभी को बिजली पहुंचाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। प्रदेश सरकार के प्रयास से राज्य के सभी आबाद 1 लाख 4 हजार 636 राजस्व गांव एवं 2 लाख 84 हजार मजरे विद्युतीकृत किए जा चुके हैं। इस प्रकार प्रदेश के हर गांव, हर मजरे में बिजली पहुंचायी जा चुकी है। प्रदेश सरकार के विद्युत विभाग ने 2 करोड़ 93 लाख 52 हजार उपभोक्ताओं को नियमित विद्युत कनेक्शन दिए हैं। ‘‘सहज बिजली हर घर योजना‘‘ (सौभाग्य) के तहत प्रदेश के 1 करोड़ 41 लाख घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं।

गांवों में 20 घंटे बिजली

इस प्रकार सौभाग्य योजना के तहत प्रदेश मे विद्युतीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है। सौभाग्य योजना के तहत ही प्रदेश के दूरस्थ एवं दुर्गम ग्रामों, मजरों में अविद्युतीकृत घरों में विद्युतीकरण के लिए 53800 से भी अधिक सोलर संयंत्र स्थापित किये गये हैं। प्रदेश की वर्तमान सरकार के विद्युत के क्षेत्र में किये गये सुधारों का परिणाम हुआ है कि अब जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 22 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। अब गांव भी रोशनी से जगमग होने लगे हैं तथा लोगों को जीवन यापन में आसानी हो रही है। बच्चों को रात्रि में पढ़ने-लिखने के लिए अतिरिक्त समय भी मिल रहा है।

उत्पादन क्षमता 28422 मेगावाट हो गयी है

प्रदेश मे विगत साढ़े चार वर्षों में 6 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता का विकास किया जा चुका है। इस प्रकार प्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 28422 मेगावाट हो गयी है। प्रदेश को विद्युत के क्षेत्र मे आत्मनिर्भर बनाने तथा सभी को बिजली पहुंचाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को साकार करने के लिए 8262 मेगावाट की विभिन्न विद्युत उत्पादन परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं। शीघ्र ही इनसे विद्युत उत्पादन होने लगेगा। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन व मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए संकल्पित है। गांवों को बिजली से रोशन करना इसका महत्वपूर्ण भाग है।

12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी

इसी क्रम में किसानों और ग्रामीणों को सस्ती बिजली देने के लिए प्रदेश सरकार 12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी दे रही है। इससे किसानों को 1.20 रुपये प्रति यूनिट बिजली प्राप्त हो रही है। बुन्देलखण्ड के किसानों को बिजली बिल के फिक्स चार्ज में 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। उन पर विद्युत बिल का बोझ कम से कम पड़े एवं वे तनाव रहित होकर कृषि कार्य में ध्यान दे पाएं। विद्युत नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर खराब होने के 48 घण्टे के अन्दर मरम्मत या नये ट्रांसफार्मर की स्थापना सुनिश्चित की गयी है। शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर खराब ट्रांसफार्मर की मरम्मत या नये ट्रांसफार्मर की स्थापना की जा रही है।

ग्रामीण फीडरों को अलग किया गया है

प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अनवरत विद्युत आपूर्ति के लिए नए विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की गयी है। जबकि अनेक विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि की गयी है। किसानों के 39000 से ज्यादा निजी नलकूपों के बिजली बिल पर सम्पूर्ण सरचार्ज माफ कर उन्हें राहत दी गयी है। प्रदेश के किसानों की समृद्धि के लिए कृषि उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम भार प्रबन्धन की विद्युत आपूर्ति के लिए 2200 से ज्यादा ग्रामीण फीडरों को अलग किया गया है। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना के तहत ग्रामों में मार्ग प्रकाश की व्यवस्था के लिए 12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी की स्थापना की गयी है। इस तरह गांव की सड़कें भी अब रात्रि में रोशन होने लगी है।

ग्रामीण बाजारों में 25700 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट

पं0 दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण बाजारों में 25700 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी हैं। जिससे ग्रामीण बाजार भी रोशनी से जगमग हो रहे हैं एवं व्यापार व आवागमन की सहूलियतें बढ़ रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की समृद्धि एवं सम्पन्नता बढ़ाने के लिए प्रारम्भ से ही संकल्पित एवं कार्यरत हैं। किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता एवं उद्देश्य के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान के तहत कृषकों को अपनी अनुपजाऊ, बंजर भूमि पर 2 मेगावाट क्षमता तक के सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना की सुविधा भी सरकार दे रही है।

जैव ऊर्जा की 14 परियोजनाओं करे लिए राशि जारी

यूपी एक बड़ा सूबा है। प्रदेश में जैव अपशिष्टों से जैव उर्जा उत्पादन की अपार क्षमताएं है। जिनका दोहन कर कृषकों की उर्जा समस्या को भी हल किया जा सकता है। उनकी आय में वृद्धि कर उनकी खुशहाली भी सुनिश्चित की जा सकती है। इसी को देखते हुए प्रदेश में जैव अपशिष्टों से जैव ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए जैव ऊर्जा नीति-2018 के अन्तर्गत प्रदेश की वर्तमान सरकार ने जैव ऊर्जा की 14 परियोजनाओं के लिए 2492 करोड़ रुपये का निवेश स्वीकृत किया गया है। यह जैव ऊर्जा के कुशल उपयोग को बढ़ाने का कार्य करेगा। परम्परागत ऊर्जा स्रोतों पर दबाव कम करने व नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति के तहत प्रदेश की वर्तमान सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़कर अब 1350 मेगावाट हो गया है।

7500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत

नयी सौर ऊर्जा नीति के तहत 1535 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापना के लिए 7500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत किये जा चुके है। सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सौर ऊर्जा इकाई की स्थापना पर स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जा रही है। वाणिज्यिक भवनों एवं सरकारी भवनों में ऊर्जा बचत के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता 2018 लागू की जा चुकी है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए अब तक 3400 सोलर आरओ वाटर प्यूरिफायर संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है। धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण श्री राम नगरी ‘अयोध्या‘ की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिले को सौर सिटी के रूप में विकसित करने की प्रदेश सरकार की योजना है।

बुन्देलखण्ड में बदल रहा जीवन

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भारत सरकार ने 30000 नलकूपों के सौर ऊर्जीकरण के लिए स्वीकृति प्रदान की है। बुन्देलखण्ड प्रदेश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने व विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए 4000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश के निवासियों में विद्युत की बचत करने की प्रवृति का विकास करने तथा परम्परागत बल्ब के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी बल्ब के उपयोग को बढ़़ाने के लिए केन्द्र सरकार की ‘उजाला योजना‘ (उन्नत ज्योति बाई अफोर्डेबल एलईडी फॉर ऑल) के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 60 लाख 81 हजार से भी अधिक एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है।

700 मेगावाट की कमी आयी है

इससे प्रदेश में विद्युत मांग में सालाना 700 मेगावाट की कमी आयी है तथा 3385 मिलियन यूनिट बिजली एवं 1355 करोड़ रुपये की बचत की गयी हैं। विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश सरकार ने विद्युत के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रदेश की वर्तमान सरकार ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सब का विश्वास‘‘ की नीति पर चलते हुए सभी के घरों को रोशन करने का कार्य कर रही है। जब गांव-गांव, घर-घर बिजली से रोशन होंगे, सौर ऊर्जा से जगमगाएंगें तो प्रदेश की समृद्धि एवं समाज में सुख की स्थापना सुनिश्चित होगी। गांवों के स्कूल हो, बाजार-हाट या गांव की सड़कें अब सर्वत्र प्रकाश फैलाने का उत्तर प्रदेश सरकार का यह कार्य सबके जीवन में उजाला ला रहा है।

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