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यूपी पुलिस की नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी : अब वर्दी में रील्स बनाना पड़ेगा भारी, पढ़ें सभी प्रतिबंध

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इसका पालन करना सभी पुलिस कर्मियों के लिए अनिवार्य है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, पिछले कुछ वक्त से ऐसे दृष्टान्त सामने आ रहे हैं, जहां पर पुलिस कार्मिकों द्वारा पूर्व में निर्गत सोशल मीडिया पॉलिसी एवं उप्रसरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हुए कार्य के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग एवं बावर्दी अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया है, जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है। भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो, इस लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के दिए गए निर्देशों के क्रम में गृह मंत्रालय भारत सरकार, BPR&D एवं इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MIEITY) की गाइडलाइन, उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 (यथा संशोधित 1998, 2002), उत्तर प्रदेश पुलिस वर्दी विनियम, ऑफीसियल सीक्रेट एक्ट तथा अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत उप्र पुलिस के समस्त कर्मियों के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी- 2023 से सम्बंधित गाइडलाइंस 8 फरवरी को जारी हुई हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिबन्धित गतिविधियां
1-कार्य के दौरान प्रत्येक पुलिस कार्मिक का यह कर्तव्य है कि, वह प्रदत्त कार्यों को पूर्ण लगन एवं मनोयोग से निष्पादित करें। सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है। अतः राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
2-कार्य के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कर्मी द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित किया जाता है।
3-ड्यूटी के उपरान्त भी बावर्दी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबंधित किया जाता है।
4-थाना/ पुलिस लाईन/ कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाईव टेलीकास्ट एवं कार्रवाई से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है। कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
5-अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाईव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। अतः सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
6-पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चौट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
7-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन/आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये। (उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम-15 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा।)
8-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है।
9-किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा।
10-किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेंडर्स) की पहचान अथवा नाम व अन्य सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।
11-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी।
12-पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
13-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
14-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
15-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैरसामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो।
16-पुलिस के ‘‘सराहनीय कार्य’’ से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट/साझा की जायेगी।
17-पुलिस कार्रवाई के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सीलमोहर किये हुए फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी।
18-गश्त/पेट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र में मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो/वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी।
19-पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र/वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए, पुलिस कार्मिक के परिजन/मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो/फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा।
20-पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों/व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो/वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट/साझा नहीं किया जायेगा।
21-पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध एवं किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी/प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा।
22-पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी भी वाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे।
23-पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इण्टरनेट, वाईफाई, आईपी एड्रेस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा।
24-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो/वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा एवं किसी भी अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि के लिए फैक्ट चेक के लिये ट्विटर हैण्डिल @UPPViralCheck फेसबुक पेज @UPPFactCheck एवं इन्स्टाग्राम एकाउंट @UPPFactCheck पर जानकारी किये जाने के साथ-साथ मुख्यालय के सोशल मीडिया सेन्टर से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है।
25-पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने के लिए वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड/साझा नहीं किया जायेगा। कार्मिकों द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण के लिए विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
26-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पोल/वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जाएगा न ही उक्त संबंध में कोई टिप्पणी की जाएगी।

ये करने की आजादी
-प्रत्येक पुलिस कार्मिक एक सामान्य नागरिक के रूप में, सोशल मीडिया के प्रयोग एवं उस पर अभिव्यक्ति के लिए उस सीमा तक स्वतंत्र है, जहां तक उसके द्वारा उप्र सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 (यथा संशोधित 1998, 2002), उत्तर प्रदेश पुलिस वर्दी विनियम, अन्य सुसंगत नियमों तथा सोशल मीडिया पर आचारण एवं नियमावली संबंधी परिपत्रों/निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया जाता है। पुलिस कार्मिक सोशल मीडिया पर कोई ऐसी पोस्ट न डालें और न ही ऐसा कोई आचरण करें, जो मानवीय गरिमा एवं विधिक उपबंधों के प्रतिकूल हो।
-पुलिस कार्मिकों द्वारा एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउन्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा।
-पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो/वीडियो को अपने व्यतिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है।
-पुलिस कार्मिक, राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों यथा वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या उनसे अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं।
-पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट/शेयर/लाईक/कमेन्ट किया जा सकता है।

पॉलिसी के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
-‘‘सोशल मीडिया पॉलिसी’’ के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आने पर सक्षम अधिकारी द्वारा उल्लंघन करने वाले कार्मिक के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई करके, कृत कार्रवाई से अपने पर्यवेक्षण अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
-सोशल मीडिया के संदर्भ में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की काडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश निर्गत किये गये हैं। इन दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त उ0प्र0 पुलिस की सोशल मीडिया पालिसी-2023 का पालन करना भी अनिवार्य होगा। निर्देशों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई प्रचलित की जायेगी।

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