Uttar Pradesh : भारत सरकार द्वारा संचालित ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश अभियोजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है, जिसके लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 का राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार एवं ट्रॉफी प्रदान की गयी। भारत सरकार द्वारा गत वर्ष 2021 का भी प्रथम पुरस्कार एवं ट्रॉफी उत्तर प्रदेश अभियोजन को प्रदान किया गया था।
भारत सरकार द्वारा भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को पूर्णतया डिजिटल बनाने के लिए वर्ष 2025 का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अभियोजन को प्राथमिकता दिये जाने एवं इसकी नियमित मॉनिटरिंग के कारण आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स पुलिस (सीसीटीएनएस), अभियोजन (ई-प्रॉसीक्यूशन) एवं कोर्ट (ई-कोर्ट) के बीच सूचनाओं को साझा करना एवं आपसी समन्वय सरल एवं प्रभावी हो गया।
इसके साथ ही अभियोजन संवर्ग तथा डीजीसी संवर्ग के अभियोजकों में भी आपसी समन्वय एवं एवं लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण कराने की कार्य संस्कृति भी मजबूत हुई, जिससे अपराधों में रिकॉर्ड सजा कराकर कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया गया।
मुख्यमंत्री के महिला एवं पॉक्सो सम्बन्धी अपराधों में जीरो टॉलरेन्स नीति के कारण मिशन शक्ति अभियान को सफल बनाते हुये महिला सम्बन्धी अपराधों में सर्वाधिक सजा हुई। पिछले 3 वर्षों से लगातार महिला सम्बन्धी अपराधों में कनविक्शन रेट पूरे देश में सर्वाधिक रहा है। महिला सम्बन्धी अपराधों में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश पिछले तीन वर्षों से एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में 59.1 प्रतिशत सजा की दर के साथ प्रथम स्थान पर है, जो राष्ट्रीय औसत से 123 प्रतिशत ज्यादा है।
पॉक्सो सम्बन्धी अपराधों में मात्र एक माह में वर्ष 2020 में 5 मामलों में सजा दिलायी गयी। वहीं वर्ष 2022 में 34 मामलों में सजा दिलायी गयी। वर्ष 2020 में पॉक्सो सम्बन्धी अपराधों में 535 मामलों में सजा करायी गयी, जबकि साल 2022 में 2313 मामलों में सजा करायी गयी।