Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगुवाई में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधा हुए हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (Right To Education Act 2009) के तहत राज्य ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में नया रिकार्ड बनाया है। इससे पहले प्रदेश में कभी भी इतनी बड़ी संख्या में गरीबों के बच्चों का प्रवेश प्राइवेट स्कूलों में नहीं हुआ।
आदेश जारी हुआ
पिछली बार मुख्यमंत्री बनने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प करने का अभियान चलाया। हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने के लिए निजी विद्यालयों के लिए भी सख्त गाइडलाइंस जारी की गईं। सीएम ने सभी निजी स्कूलों को आरटीई 2009 के तहत कमजोर व सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों के लिए कक्षा एक में प्रवेश देने का आदेश दिया था।
सरकार उठाती है खर्च
इन बच्चों को कक्षा 8 तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इनकी पढ़ाई का खर्च सरकार उठाती है। चयनित छात्रों के एडमिशन में आनाकानी करने पर निजी स्कूलों पर कार्रवाई भी की जाती है। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने बताया कि तीसरे चरण की लॉटरी 15 जून को निकलेगी और 30 जून तक दाखिले होंगे। इसके तहत सरकार निजी स्कूलों को 450 रुपये हर महीने प्रति छात्र फीस देती है।
पौने पांच लाख बच्चों को मिल रही शिक्षा
देश में आरटीई कानून साल 2009 में लागू किया गया था। पिछली समाजवादी पार्टी सरकार में 2012 से 2016 तक लगभग 21 हजार बच्चों के दाखिले हुए थे। जबकि 2017 से 2021-22 तक करीब 3.41 लाख बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में हुआ था। ये सब अब भी इन विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। इस सत्र में 1.31 लाख बच्चों का प्रवेश हो चुका है। पिछले शैक्षिक सत्र में करीब 1 लाख बच्चों का दाखिला हुआ था।
शैक्षिक सत्र 2022-23 में टॉप टेन जिले ये हैं –
जिला बच्चे
लखनऊ – 14246
कानपुर नगर – 8077
वाराणसी – 7321
आगरा – 5350
गौतमबुद्ध नगर – 5049
गाजियाबाद – 4515
मुरादाबाद – 4097
अलीगढ़ – 4091
मिर्जापुर – 3147
मेरठ – 3124