Deoria news : देवरिया जिले के कंपोजिट स्कूल सहवा (Composite School Sahawa) में कार्यरत शिक्षक खुर्शीद अहमद को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 (National Awards to Teachers) मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
खुर्शीद यूपी से इकलौते शिक्षक हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। आज सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने पूरे देश से शानदार प्रदर्शन करने वाले 46 अध्यापकों को पुरस्कृत किया।
प्रयास अनुकरणीय हैं
खुर्शीद अहमद को शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनपद देवरिया स्थित ‘कंपोजिट स्कूल, सहवा’ के अध्यापक खुर्शीद अहमद को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई! नवाचारी माध्यमों से विद्यार्थियों के लिए विज्ञान को सरल, सहज, सुगम व रुचिकर बनाने के आपके प्रयास अनुकरणीय हैं। उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।
ये मानना है
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अहमद का मानना है कि इस पुरस्कार के लिए उनका चयन छात्रों में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के प्रयास के लिए हुआ है। उनके शिक्षण की अनूठी शैली से बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आती है। उन्होंने बताया कि, “अपनी कक्षा में मैंने कभी भी छात्रों को उनके नाम या रोल नंबर से नहीं बुलाया। मैंने नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, लिथियम और कुछ बच्चों को प्रमुख वैज्ञानिकों के नाम दिए हैं। इस तरह मैं उन्हें लगातार विज्ञान और वैज्ञानिकों की ओर ले जाने का प्रयास करता हूं।”
देश के विकास की कुंजी है
उन्होंने बताया, “कक्षा के बाद भी छात्र खुद को उस नाम से बुलाते हैं, क्योंकि उन्हें अवधारणा दिलचस्प लगती है। यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनके दिल और दिमाग से विज्ञान विषयों के डर को हटा दूं और उन्हें विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करूं। यह देश के विकास की कुंजी है।”
कार्यक्रम आयोजित किए जाते
अहमद ने छात्रों को छोटे समूहों में विभाजित करके विज्ञान के प्रयोगों पर सरल प्रोजेक्ट भी सौंपे हैं। विषय को रोचक बनाने के लिए उन्होंने पहले उन्हें मोबाइल या लैपटॉप से विचार समझाया और फिर छात्रों से अपने साथियों के साथ इसे दोहराने के लिए कहा। विज्ञान में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए अक्सर कक्षा में प्रतिस्पर्धी कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे।
रचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा हूं
पुरस्कार विजेता अध्यापक ने कहा, मैं नवाचार और रचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा हूं। छात्रों को रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने के लिए मूल तकनीकी विचारों और नवाचारों के साथ आने की आवश्यकता है। कोरोना संक्रमण की वजह से साल 2020 और 2021 में जब भौतिक कक्षाएं बंद हो गई थीं, तब अहमद ने एक पहल की और मोहल्ला कक्षाएं शुरू कीं। वहां वह विभिन्न स्थानों पर छोटे समूहों में छात्रों को बुलाते थे और आभासी कक्षाओं के साथ-साथ भौतिक शिक्षण जारी रखते थे।
2006 में शुरू किया
वर्ष 2006 में अध्यापन शुरू करने वाले अहमद ने चार साल तक शिक्षा मित्र के रूप में बच्चों को शिक्षा दी। साल 2013 में उनकी नियुक्ति सहायक अध्यापक के रूप में प्राथमिक विद्यालय कौलाचक पथरदेवा में हुई। उसके बाद 2015 में गणित-विज्ञान विषय की सीधी भर्ती चयन द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग में तीसरी तैनाती पूर्व माध्यमिक विद्यालय मथुरा छापर तरकुलवा में हुई। तीन वर्ष तक नौकरी करने के बाद 2018 में उच्च प्राथमिक विद्यालय सहवा में तैनाती हुई।