Odisha News: उड़िया संगीत जगत में एक प्रमुख नाम संगीत निर्देशक, गायक और गीतकार प्रफुल्ल कर (Prafulla Kar) का 83 वर्ष की उम्र में भुवनेश्वर में रविवार देर रात निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कर उम्र के इस पड़ाव पर कई बीमारियों से पीड़ित थे। रविवार रात साढ़े नौ बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
उनके परिवार में पत्नी मनोरमा कर और बच्चे महाप्रसाद कर, संध्यादीप कर और महादीप कर हैं। 16 फरवरी, 1939 को पैदा हुए कर ने अपने कॉलेज के दिनों में गाना शुरू किया था। साल 1962 में ‘श्री श्री पतिता पाबाना’ से उन्होंने उड़िया फिल्म उद्योग में एक पेशेवर गायक के रूप में शुरुआत की। एक गायक से एक संगीतकार के रूप में उन्होंने फिल्म ममता के साथ अपनी यात्रा शुरू की।
60 से ज्यादा फिल्मों में दिया संगीत
इस फिल्म के संगीत ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई और वह उड़िया संगीत जगत का प्रमुख नाम बन गए। ओडिया फिल्में ही नहीं, कर ने बंगाली सिनेमा के लिए भी संगीत निर्देशित किया। उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों में संगीत का निर्देशन किया है, जिसमें ममता, बतीघरा, शेष श्राबना, सिंदुरा बिंदु, बंधु महंती, सती अनसूया, बालिदान और राम जैसी कुछ फिल्में शामिल हैं।
6 बार मिला पुरस्कार
ओडिशा राज्य सरकार ने बेहतरीन संगीत देने के लिए उन्हें रिकॉर्ड 6 बार ओडिशा राज्य फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार दिया। फिल्मों के अलावा, उन्होंने ओडिशा सरकार के लिए कई ओडिसी नृत्य नाटकों और संगीत सीडी के लिए संगीत भी तैयार किया।
ये सम्मान मिले
वर्ष 2004 में उन्हें ओडिया सिनेमा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित जयदेव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2015 में उन्हें कला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। साल 2009 में उन्हें ओडिशा संगीत नाटक अकादमी के सर्वोच्च सम्मान कबी सम्राट उपेंद्र भांजा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ओडिया सिनेमा में उनकी उपस्थिति केवल संगीत तक ही सीमित नहीं थी। कर ने दो ओडिया फिल्मों ‘मुक्ति’ और ‘थुकूल’ में छोटी भूमिकाएं निभाईं।
याद किया जाएगा
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लिखा, “प्रफुल्ल कर जी के निधन से व्यथित हूं। उन्हें उड़िया संस्कृति और संगीत में उनके अग्रणी योगदान के लिए याद किया जाएगा। वे एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे और उनकी रचनात्मकता उनके कार्यों में परिलक्षित होती थी। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ऊं शांति।”
दिलों में जिंदा रहेंगे
अपने शोक संदेश में उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, “गीतकार और संगीत निर्देशक के रूप में प्रफुल्ल कर ने कई शानदार रिकॉर्ड बनाए हैं। उनके निधन से उड़िया संगीत के एक युग का अंत हो गया। उनकी अनूठी संगीत शैली और निर्देशन हमेशा लोगों के दिलों में अमर रहेगा।”
आज अंतिम संस्कार होगा
परिवार के सदस्यों ने बताया कि पार्थिव शरीर को सोमवार को पुरी के स्वर्गद्वार में आग के हवाले कर दिया जाएगा। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। अंतिम संस्कार में शहरी और कानून मंत्री प्रताप जेना, स्कूल और जन शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय दासवर्मा शामिल होंगे।