-मुख्यमंत्री ने 04 वन्यजीव रेस्क्यू सेण्टरों का शिलान्यास किया
-जनपद चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए, यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा
-प्रदेश में ‘डॉल्फिन पार्क’ की स्थापना की कार्ययोजना तैयार की जाये
-वन्यजीवों के रेस्क्यू में संवेदनशीलता के साथ मानकों का पूरा ध्यान रखा जाये
Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर आहूत उत्तर प्रदेश राज्य वन्यजीव बोर्ड (Uttar Pradesh State Wildlife Board) की 13वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में स्थापित किये जाने वाले 4 वन्यजीव रेस्क्यू सेण्टरों का शिलान्यास किया। यह रेस्क्यू सेण्टर बहिलपुरवा चित्रकूट वन प्रभाग, हस्तिनापुर मेरठ वन प्रभाग, गोपालपुर पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा मधवलिया महराजगंज में स्थापित किये जाएंगे।
सीएम ने इस अवसर पर कहा कि शिलान्यास किये जा रहे रेस्क्यू सेण्टरों का निर्माण कार्य 02 वर्ष में पूर्ण कर लिया जाए। निर्माण कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ समयबद्ध ढंग से मानकों के अनुसार कराया जाये। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सक्षम, बेहतर कार्यशैली और अच्छे रिकॉर्ड वाली संस्थाओं को दी जाए।
चौथा टाइगर रिजर्व होगा
उन्होंने कहा कि जनपद चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जाए। केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना टाइगर रिजर्व में जल भराव की स्थिति बनेगी। इससे पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघों का मूवमेन्ट चित्रकूट स्थित रानीपुर वन्यजीव विहार की ओर होगा। प्रदेश के पास रानीपुर वन्यजीव विहार को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने का यह अच्छा अवसर है। उन्होंने रानीपुर टाइगर रिजर्व के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि 630 वर्ग किमी क्षेत्रफल में विकसित किया जाने वाला यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा।
डॉल्फिन की संख्या बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से गंगा जी सहित सहायक नदियां अविरल और निर्मल हो रही हैं। इससे गंगा जी में डॉल्फिन की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। इसके दृष्टिगत प्रदेश में एक ‘डॉल्फिन पार्क’ की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार की जाये।
नाइट सफारी तैयार हो
सीएम ने कहा कि जनपद लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी और अत्याधुनिक चिड़ियाघर का विकास कराया जाना है। वन, नगर विकास, आवास एवं लोक निर्माण विभाग मिलकर इसकी कार्ययोजना तैयार करें। यह नाइट सफारी प्रदेश का ही नहीं, देश का पहला नाइट सफारी होगा। इस नाइट सफारी और अत्याधुनिक चिड़ियाघर से देश के प्रकृति, वन्यजीव प्रेमियों तथा पर्यटकों को एक आकर्षक गन्तव्य उपलब्ध होगा। उन्होंने इस सम्बन्ध में प्राथमिकता पर कार्य किये जाने के आदेश दिये।
56 जनपदों में चयन हुआ
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ईको पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसके लिए ‘एक जनपद-एक गन्तव्य’ (One District One Destination) योजना के अन्तर्गत हर जनपद में ईको पर्यटन के अनुकूल गन्तव्य स्थलों का चयन कर वहां पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया जाये। इसके लिए पर्यटन, वन और वन्यजीव विभाग पारस्परिक समन्वय के साथ कार्य करें। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 56 जनपदों में ईको पर्यटन स्थलों का चयन किया जा चुका है। शेष जनपदों में भी यथाशीघ्र चयन का कार्य पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को नई ऊर्जा देगी।
ईको टूरिज्म पर होगा बल
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईको पर्यटन, वन्यजीव संरक्षण तथा अन्य वानिकी गतिविधियों में स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। ईको पर्यटन गतिविधियों से रोजगार सजृन पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय और योग्य युवाओं को चयनित कर ‘नेचर गाइड’ के रूप में प्रशिक्षण और यूनीफॉर्म उपलब्ध करायी जाये। पर्यटक ईको पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित हों, इसके लिए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग मिलकर कार्ययोजना बनायें। टूर ऑपरेटर्स को भी इससे जोड़ा जाए।
मानकों का रहे ख्याल
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। ड्रोन आदि उपकरणों के इस्तेमाल से इसमें मदद मिल रही है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के रेस्क्यू में संवेदनशीलता के साथ-साथ मानकों का पूरा ध्यान रखा जाये।
ड्रेजिंग जरूरी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों की ड्रेजिंग से वन एवं वन्यजीवों को भी लाभ होता है। ड्रेजिंग के माध्यम से नदियों का चैनलाइजेशन करने से जन-धन हानि रुकती है। नदी का संरक्षण होता है। बरसात के दिनों में जंगलों में जल-भराव नहीं होता है। इससे पेड़ एवं वन्य जीवों दोनों का बचाव होता है। उन्होंने कहा कि जंगल के करीब की नदियों की ड्रेजिंग करायी जानी चाहिए।
कार्ययोजना तैयार करें
सीएम ने कहा कि जनपद संतकबीरनगर की बखिरा झील ईको टूरिज्म की अपार सम्भावनाओं से युक्त है। इस स्थल के विकास से स्थानीय स्तर पर व्यापक पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि झील के ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए।
ग्रीन कवर बढ़ा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों से प्रदेश में ‘ग्रीन कवर’ बढ़ा है। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी माह में आयोजित किये जाने वाले ‘वन महोत्सव’ के भव्य आयोजन के लिए सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जायें। वन महोत्सव के कार्यक्रम में जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए। गंगा जी के तटवर्ती क्षेत्रों में जैविक और प्राकृतिक ढंग से वानकी के कार्यों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
सुविधाएं बढ़ेंगी
सीएम ने कहा कि इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वन्य क्षेत्रों में जल जीवन मिशन की विविध परियोजनाओं, पेयजल योजनाओं, ऑप्टिकल फाइबर बिछाने तथा वन क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है। इन कार्यां को तेजी के साथ पूरा कराया जाये। सम्बन्धित अधिकारी इन कार्यों का नियमित अनुश्रवण करें।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।