Uttar Pradesh : सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि मूल्य समर्थन योजना के तहत प्रदेश में गेहूं की खरीद आज से प्रारम्भ हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों की उपज का समय से भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं की खरीद किये जाने के आदेश देते हुए कहा कि गेहूं के सुरक्षित भण्डारण के लिए पर्याप्त इंतजाम किये जाएं।
आपूर्ति न रुके
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि गर्मी के मौसम के दौरान कहीं भी पेयजल का संकट न होने पाए। इसको ध्यान में रखते हुए सभी जनपदों में जलापूर्ति व्यवस्था का परीक्षण कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी हैण्डपम्प क्रियाशील रहें। उन्होंने सम्बन्धित विभागों एवं संस्थाओं के सम्बन्ध में तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।
फुट पेट्रोलिंग की जाए
सीएम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही महिला सुरक्षा के सम्बन्ध में विशेष अभियान चलाया जाए। सभी स्कूलों, कॉलेजों पर एण्टी रोमियो स्क्वाएड को सक्रिय किया जाए। बाजारों और भीड़ वाले इलाकों में शाम को पुलिस की टीम द्वारा फुट पेट्रोलिंग की जाए।
मिशन शक्ति आरंभ होगा
उन्होंने कहा कि आगामी 10 अप्रैल से प्रदेश में मिशन शक्ति के कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसके दृष्टिगत विभाग द्वारा सभी तैयारियां समय से सुनिश्चित कर ली जाएं। महिला कांस्टेबिल की बीट स्तर पर तैनाती की जाए। महिला बीट अधिकारी के साथ समस्त विभागों के कर्मचारी समन्वय स्थापित कर गांव की महिलाओं से संवाद स्थापित करें और उन्हें महिला कल्याण के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से अवगत कराएं।
समस्याएं हल हों
साथ ही, सप्ताह में एक दिन नगरीय वॉर्डाें तथा ग्राम स्तर पर ग्राम सचिवालय में एक वृहद अभियान संचालित करते हुए महिलाओं से सम्बन्धित समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
तकनीक का उपयोग हो
उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली से बचाव के सम्बन्ध में तकनीक उपलब्ध है। इस तकनीक का उपयोग कर आकाशीय बिजली की सम्भावना वाले क्षेत्रों के नागरिकों को पहले से सतर्क कर उनकी जीवन रक्षा की जा सकती है। आकाशीय बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एलर्ट सिस्टम विकसित किया जाए। इसके लिए विशेषज्ञों से संवाद स्थापित किया जाए।