New Delhi : कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने बड़ा झटका देते हुए संगठनात्मक चुनाव से पूर्व शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।
दिग्गज कांग्रेसी आजाद के इस्तीफे को पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और आघात माना जा रहा है । पूर्व में कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जिसमें कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार आदि शामिल हैं। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे 5 पेज के त्यागपत्र में अपनी शिकायतों का सिलसिलेवार उल्लेख किया है। आजाद ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं।
गंभीर नहीं था
उन्होंने कहा है कि ‘‘पार्टी पूरी तरह से बर्बाद हो गयी’’ है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिये और प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के लिये स्थान खाली कर दिया। आजाद ने आरोप लगाया, ‘‘ यह सब इसलिये हुआ, क्योंकि बीते 8 वर्षों में नेतृत्व ने एक ऐसे व्यक्ति को पार्टी पर थोपने का प्रयास किया जो गंभीर नहीं था।’’
क्षमता खो चुकी है
उन्होंने आरोप लगाया कि दरबारियों के संरक्षण में कांग्रेस को चलाया जा रहा है। पार्टी देश के वास्ते सही चीजों के लिये संघर्ष करने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी23 समूह का हिस्सा रहे आजाद ने कहा, ‘‘ इसलिये खेदपूर्वक और बेहद भारी मन से मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने करीब 50 वर्षों के संबंध को समाप्त करने का फैसला किया है। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से त्यागपत्र देता हूं।’’
सवाल एआईसीसी नेतृत्व को खुद से पूछना चाहिए
आजाद ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि 24 अकबर रोड में बैठे एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि बूथ, ब्लाक, जिला और राज्य स्तर पर कहीं भी मतदाता सूची प्रकाशित नहीं की गई। पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। दिग्गज नेता ने कहा कि क्या भारत की आजादी के 75वें वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिये यह उपयुक्त है, यह सवाल एआईसीसी नेतृत्व को खुद से पूछना चाहिए।
नीचा दिखाया गया
उन्होंने कहा कि पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी। आजाद ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस में स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई है कि वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा। पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया।
इस्तीफा दिया
आजाद पार्टी के ‘जी23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से देश की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। खासकर कांग्रेस समर्थकों को बड़ा झटका लगा है। उनके त्यागपत्र के बाद जम्मू-कश्मीर में कई अन्य पदाधिकारियों ने उनके समर्थन में इस्तीफा दे दिया है।