खबरेंदेवरिया

देवरिया की कोर्ट ने 29 साल बाद 41 अभियुक्तों को सुनाई सजा : एक को उम्र कैद, पढें पूरा मामला

Deoria News : उत्तर प्रदेश के जनपद देवरिया की एक अदालत ने 29 साल पहले वर्ष 1995 में एक घर और एक दुकान में लूटपाट के मामले में शुक्रवार को 40 लोगों को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने प्रत्येक अभियुक्त पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

जानकारी के मुताबिक घटना जनपद के खामपार थाना क्षेत्र की वर्ष 1995 की है। सभी अभियुक्तों ने 18 जनवरी, 1995 को खामपार थाना क्षेत्र के बलवन खास गांव में अजय कुमार के घर और दुकान में लूटपाट की थी। उसी दिन, अजय कुमार उर्फ ​​मुन्ना ने डबल बैरल बंदूक से भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।

सरकारी वकील मनीष सिंह ने बताया कि अदालत ने अजय कुमार को भी दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। कुमार के घर और दुकान को लूटने के संबंध में, आईपीसी की धारा 395 (डकैती के लिए सजा) और 397 (डकैती, या डकैती, मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के प्रयास के साथ) के तहत खामपार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। सिंह ने बताया कि अजय कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या की सजा) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

यह मामला बिहार में सक्रिय रहे इंडियन पीपुल्स फ्रंट से भी जुड़ा है। सहायक शासकीय व्यवस्था नितेश पांडे व मनीष सिंह सोनू के अनुसार खामापार थाना क्षेत्र के निवासी अजय कुमार श्रीवास्तव 17 जनवरी 1995 को अपनी बाइक से बाजार जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में इंडियन पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) के सदस्य छोटे लाल के बाइक से टक्कर लग गई। दोनों लोगों में काफी कहासुनी हुई।

उसके बाद छोटे लाल करीब 150 आईपीएफ सदस्यों के साथ अगले दिन 18 जनवरी 1995 की सुबह 7:20 बजे श्रीवास्तव के दरवाजे पर पहुंचा। वे नारा लगा रहे थे कि जो आईपीएफ से टकराएगा, वह चूर-चूर हो जाएगा। आरोपियों ने लाठी डंडा, भाला, ईंट, पत्थर के साथ बम से अजय श्रीवास्तव के घर पर हमला बोल दिया। हमला बोला। उसके बाद अजय के घर के सभी लोग छत पर भाग गए, जबकि गांव के अन्य लोग भी भाग गए। उन्होंने अजय के घर के अलावा बगल के हरदेव भगत व रामनाथ के घर भी लूटपाट की।

उनके हमले में कई लोग घायल हो गए थे, इसी बीच अजय लाल ने अपने बाबा की लाइसेंसी बंदूक से फायर किया, जिसमें एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई। महिला आईपीएफ का नेतृत्व करती थी। इस मामले में दोनों ओर से केस दर्ज दर्ज कराया गया।

आईपीएफ बिहार से जुड़ा हुआ संगठन है। इसके सदस्य बड़े वर्ग की जमीन पर अपना लाल झंडा लगाकर कब्जा जमाते थे। बिहार से लेकर बाॅर्डर पर अपने संगठन के सदस्य के लिए लड़ते थे और उनका विरोध करने वालों को मार देते थे।

Related posts

अच्छी खबर : यूपी के सरकारी कर्मचारियों को मिला बड़ा तौहफा, सीएम आज करेंगे ऑनलाइन पेंशन पोर्टल का शुभारंभ

Sunil Kumar Rai

Syama Prasad Mukherjee Birth Anniversary : स्वतंत्र देव सिंह ने देव भूमि को किया नमन, कार्यकर्ताओं का बढ़ाया हौसला

Harindra Kumar Rai

देवरिया के स्वास्थ्य केंद्रों पर डीएम की छापेमारी : दो दर्जन से अधिक कर्मी मिले नदारद, दर्ज होगी एफआईआर

Abhishek Kumar Rai

पीएम करेंगे पैक हाउस का उद्घाटन : यूपी-बिहार के करोड़ों किसानों को मिलेगा लाभ, बिचौलियों का होगा पत्ता साफ

Satyendra Kr Vishwakarma

गवर्मेंट पॉलिटेक्निक में छात्रों के फेयरवेल में पहुंचे डीएम : संस्थान का किया निरीक्षण, बढ़ाया बच्चों का उत्साह

Rajeev Singh

Dhanteras 2022 : आरोग्य भारती ने सिंघई गांव में स्वास्थ्य के देवता की पूजा-अर्चना की, विधि-विधान से मनाई जयंती

Sunil Kumar Rai
error: Content is protected !!