Gorakhpur Siliguri Expressway : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ने वाले गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) के लिए अब तक सिर्फ 3 जिलों में ही सर्वे का काम पूरा हो पाया है। अन्य सभी जनपदों में सर्वे का काम अंतिम चरण में है। सर्वे पूरा होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (Gorakhpur Siliguri Greenfield Expressway) की डीपीआर भोपाल की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (LN Malviya Infra Projects Private limited Bhopal) ने तैयार की है।
एक महीने में पूरा होगा सर्वे
दरअसल दिसंबर, 2022 तक इस एक्सप्रेसवे की फाइनल डीपीआर को मंजूरी देकर टेंडर प्रक्रिया जारी करने की योजना थी। लेकिन अनेकानेक वजहों से इसमें देरी हुई। अब तक एक्सप्रेसवे रूट में पड़ने वाले 3 जिलों में ही सर्वे कंप्लीट हो सका है। अन्य सभी संबंधित जनपदों में सर्वे लास्ट फेज में है। जिम्मेदारों का कहना है कि इसे 1 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
शुरू होगा भूमि अधिग्रहण
उसके बाद एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू होगा। दरअसल भारत सरकार के नियम के मुताबिक किसी भी सड़क परियोजना में 80% भूमि अधिग्रहीत होने के बाद ही निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू होती है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में भूमि अधिग्रहण के लिए सभी जनपदों में सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किए गए हैं। भारतमाला फेस टू के अंतर्गत इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाना है।
इन जिलों में बनेगी सड़क
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर बिहार और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को जोड़ने वाले गोरखपुर सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 520 किलोमीटर है। इसमें से 416 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक सड़क की लंबाई बिहार के मधुबनी जनपद में है। यहां एक्सप्रेसवे करीब 94 किलोमीटर लंबा होगा। जबकि पश्चिमी चंपारण जिले में 23.4 किमी, पूर्वी चंपारण जनपद में 72.5 किमी, शिवहर में 15.8 किमी, सीतामढ़ी में 40.7 किमी, सुपौल में 32 किमी, अररिया में 48.5 किमी और किशनगंज में 63.2 किमी सड़क निर्मित होनी है। यूपी के 3 जिलों देवरिया, गोरखपुर कुशीनगर से यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे गुजरेगा।
साल 2025 तक तैयार करने का लक्ष्य
करीब 30000 करोड़ रुपए से तैयार होने वाले इस 6 लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से वेस्ट बंगाल के सिलीगुड़ी तक का सफर सिर्फ 6 घंटे में तय किया जा सकेगा। इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारतमाला योजना के तहत कराया जाएगा। यह करीब तीन साल में बन कर तैयार हो जाएगा। साल 2022 के आखिर में निर्माण कार्य शुरू कर वर्ष 2025 तक इसे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अब इसमें देरी होना स्वाभाविक है।
इन जिलों से गुजरेगा
एक्सप्रेसवे की शुरुआत यूपी के गोरखपुर में प्रस्तावित रिंग रोड के जगदीशपुर से होगी। यहां से यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे देवरिया, कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज और मधेपुरा होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा। बताते चलें कि फिलहाल गोरखपुर से सिलीगुड़ी के लिए एनएच 27 पर सफर करना पड़ता है। लेकिन इस हाईवे पर वाहनों का अत्यधिक दबाव है। इस वजह से वाहन पूरी रफ्तार से नहीं चल पाते और इस यात्रा में 12-15 घंटे लग जाते हैं।
यूपी में इन तहसीलों के गांवों की जमीन जाएगी
520 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का 84 किमी हिस्सा गोरखपुर मंडल से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे तीन जिलों गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया के जिन 111 गांवों से गुजरेगा, उसमें गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा तहसील के 14, कुशीनगर के हाटा तहसील के 19, कसया तहसील के 13 व तमकुहीराज तहसील के 42 और देवरिया जिले के सदर तहसील के 23 गांव शामिल हैं।