Deoria News : देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर और महराजगंज में पिछले 4 महीनों में 82 मासूम बच्चे लापता हुए हैं। बड़ी बात यह है कि तमाम दावों के बावजूद इन चारों जिलों की पुलिस अब तक सिर्फ 3 बच्चों का पता लगा पाई है। अन्य के बारे में पुलिस के हाथ खाली हैं। परिजन बच्चों को खोकर बेसुध हैं। उन्हें आस है कि पुलिस बच्चों को तलाश लेगी।
जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2022 से 30 अप्रैल 2022 तक चार जिलों देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर और महराजगंज में 35 बच्चे तथा 47 बच्चियां (कुल 82) लापता हुए हैं।
इसमें –
- देवरिया में 7 बच्चे और 16 बच्चियों समेत कुल 23 लापता हैं।
- कुशीनगर में 15 बच्चे और 13 बच्चियों सहित कुल 28 मासूम गायब हैं।
- सीएम सिटी गोरखपुर में 10 बच्चे और 6 बच्चियों समेत कुल 16 मासूमों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
- महाराजगंज में 15 मासूम लापता हुए हैं। इसमें 3 बच्चे और 12 बच्चियां हैं।
जानकारी दी गई है
इन चारों जिलों की पुलिस का कहना है कि सभी लापता बच्चों के परिजनों की शिकायत पर केस दर्ज हुआ है। इनकी सूचना ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड सॉफ्टवेयर में भी फीड हुई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बच्चों का पता लगा लिया जाएगा। लेकिन चिलुआताल के महेसरा के ईंट-भट्ठे पर काम करने वाली एक महिला के डेढ़ महीने के बच्चे को एक युवक-युवती लेकर फरार हो गए। मगर पुलिस को ना ही युवक-युवती मिले, ना ही बच्चे। ऐसे में 79 मासूमों का पता लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगा।
नहीं मिल रही सफलता
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश पुलिस को खुली छूट दी है। काम में राजनीतिक दबाव कम करने के लिए नई पहल की गई है। बावजूद इसके पुलिस गुमशुदा बच्चों की तलाश में असफल साबित हो रही है।
सवाल पूछिए
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इन आंकड़ों को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा है कि, “ये योगीराज में आपके बच्चों की सुरक्षा के हालात हैं। सिर्फ 4 महीने में 4 जिले के आंकड़े हैं ये। BJP सरकार में UP के अन्य तमाम जिलों में पिछले 5 सालों में ना जाने कितने बच्चे चोरी हुए होंगे, जिनका कोई सुराग नहीं लगा। टीवी देखने के बजाय आंकड़े देखिए और इन पर भी सरकार से सवाल कीजिए!”