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पहल : गंगा में छोड़ी गईं 2 लाख मछलियां, यूपी के इन 12 जिलों में चल रहा अभियान, जानें पूरा प्लान

West Bengal : गंगा नदी को साफ करने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट (Namami Gange Project) के तहत अनेकानेक उपाय किए जा रहे हैं। इसी अभियान के तहत पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में गंगा नदी में 2 लाख मछलियां छोड़ी गईं। ICAR-CIFRI (ICAR-CENTRAL INLAND FISHERIES RESEARCH INSTITUTE) के निदेशक डॉ बीके दास ने कहा कि, “गंगा में जितनी ज़्यादा मछलियां होगी, उतनी गंगा स्वच्छ होगी। गंगा में मछली घट रही है, इसलिए हम गंगा में मछली छोड़ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, “हम पिछले 2-3 साल से गंगा में मछली छोड़ रहे हैं और हम इस साल जगह-जगह 2 लाख मछली छोड़ रहे हैं। ये अभियान बंगाल, यूपी, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में चलेगा। ये काम आज से 15 जून तक चलेगा। हम 1 महीने में 10 जगहों पर 20 लाख मछली छोड़ेंगे। जबकि उत्तराखंड में 50,000 मछली छोड़ेंगे।”

योगी सरकार ने उठाया कदम

गंगा की सफाई के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने भी बड़े कदम उठाए हैं। राज्य के 12 जिलों में नमामि गंगे अभियान के तहत मत्स्य पालन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों की लगभग 15 लाख मछलियों को नदी में छोडऩे की कार्ययोजना बनाई गई है। जिससे नदी में जैव विविधता को बनाये रखने और संरक्षित करने के साथ-साथ सफाई सुनिश्चित की जाएगी।

इन जिलों में चलेगा अभियान

इन मछलियों को पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी तक के करीब 12 जिलों में छोड़ा जाएगा। ये जिले गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, कानपुर, हरदोई, बहराइच, बुलंदशहर, अमरोहा और बिजनौर हैं। वाराणसी और गाजीपुर जिलों से गंगा में लगभग 1.5-1.5 लाख मछलियां छोड़ी जाएंगी। नदी की सफाई सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा में सीवेज के प्रवाह को खत्म करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का भी निर्माण किया है।

ये है प्लान

औद्योगिक प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए बेहतर प्रवर्तन के माध्यम से अनुपालन को बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गंगा के किनारे स्थित ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को गंदे पानी की मात्रा कम करने या इसे पूर्ण तरीके से समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना पहले से ही तैयार कर चुका है और सभी श्रेणी के उद्योगों को विस्तृत विचार-विमर्श के साथ समय-सीमा दे दी गई है। सभी उद्योगों को गंदे पानी के बहाव के लिए रियल टाइम ऑनलाइन निगरानी केंद्र स्थापित करना होगा।

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