Uttar Pradesh : सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की विश्व बैंक (World Bank Delegation) के प्रतिनिधिमण्डल के साथ बुधवार को उनके सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें प्रदेश में प्रस्तावित स्वच्छ वायु पहल के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश भारत का पहला एयरशेड आधारित ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ (UP Clean Air Action Plan) तैयार कर रहा है। ‘यूपी क्लीन एयर एक्शन प्लान’ विश्व बैंक के तकनीकी सहयोग से विकसित किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा।
खास प्रोजेक्ट आरम्भ हुआ
इस योजना में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम और 15वें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित वायु प्रदूषण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्राथमिकता निर्धारित की जा रही है, ताकि वर्ष 2030 तक राज्यव्यापी वायु गुणवत्ता लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रभावी रणनीति बनायी जा सके। विश्व बैंक ने ‘एयरशेड’ और अन्तर्विभागीय ‘वन टीम यूपी’ दृष्टिकोण के तहत उत्तर प्रदेश क्लीन एयर प्लान के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने की भी पहल की है।
मॉडल बनेगा यूपी
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है। वर्तमान में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अब उत्तर प्रदेश वायु प्रदूषण के प्रबन्धन में भी देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनने के लिए तैयार है। राज्य में उज्ज्वला योजना के दोनों चरणों में लगभग 1.70 करोड़ निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने की सुविधा व्यापक स्तर पर उपलब्ध हुई है।
प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय करते हुए बायो-गैस, बायो-सीएनजी, प्राकृतिक कृषि पद्धतियों आदि से सम्बन्धित पायलेट परियोजनाओं को शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोवर्धन योजना तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की पायलेट परियोजना को प्रारम्भ किया जाए।
17 शहरों में शुरू होगा अभियान
उन्होंने स्वच्छ ईंधन के विकल्प के तौर पर गोबर गैस रीफिलिंग की शोध परियोजना प्रारम्भ करने के निर्देश भी दिए। सीएम ने ई-वाहन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर विश्व बैंक पहले चरण में 17 अति प्रदूषित शहरों में ई-मोबिलिटी को प्रोत्साहन दे।
उद्योगों को सहायता दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ईंट-भट्ठों सहित विभिन्न उद्यमों में प्रौद्योगिकी उन्नयन का कार्य किया जाए। उन्होंने परम्परागत ईंधन के स्थान पर स्वच्छ ईंधन अपनाने वाले उद्योगों को सहायता प्रदान किए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
अतिथि रहे मौजूद
इस अवसर पर विश्व बैंक की प्रमुख पर्यावरण विशेषज्ञ कैरिन शेपर्डसन, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ जोस्टिन नैगार्ड, प्रदेश के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह, सचिव आशीष तिवारी आदि उपस्थित थे।