Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार के गठन के समय दिव्यांगजन पेंशन राशि 300 रुपये प्रतिमाह थी, जिसे प्रदेश सरकार ने बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किया। फिर दिसम्बर, 2021 में इसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह अर्थात 12,000 रुपये वार्षिक कर दिया गया है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग का वार्षिक बजट पहले 660 करोड़ रुपये था, जिसे 1150 करोड़ रुपये से अधिक का किया गया है। इसके कारण इसमें अनेक नई सम्भावनाएं साकार हुई हैं।
लाभार्थियों की संख्या बढ़ी
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले 8,75,000 दिव्यांगों को ही पेंशन की सुविधा मिलती थी। अब 11,26,000 दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इसी प्रकार, कुष्ठावस्था पेंशन योजना में 4,765 लोगों को पेंशन दी जाती थी। आज 11,584 नए लोगों को इस सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। कृत्रिम अंग उपकरण में दिव्यांगजनों को पहले 8,000 रुपये अनुदान दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है। साथ ही, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण देने की व्यवस्था इसके साथ की जा रही है।
फ्री यात्रा मिलती है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में प्रदेश सरकार ने 2 लाख 56 हजार 165 दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग व उपकरण वितरित किया है। दिव्यांगजनों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी गयी है, जबकि ऐसी सुविधा पहले नहीं थी। इसी प्रकार, दिव्यांगजनों के प्रोत्साहन के लिए पहले तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार दिये जाते थे, जिसे बढ़ाकर 12 श्रेणी तथा 30 उप श्रेणियों में दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसमें मिलने वाली पुरस्कार राशि को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है।
6 लाख रुपये देती है
प्रदेश सरकार शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में कॉक्लियर इम्प्लाण्ट के लिए लाभार्थी को 6 लाख रुपये उपलब्ध कराती है। पिछले 05 वर्षों के दौरान प्रदेश में 1,538 कैप्टिव सर्जरी एवं 234 श्रवणबाधित बच्चों के लिए कॉक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है। प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 100 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल उपलब्ध कराये जाने का कार्य किया जा रहा है।
यूपी को पहला स्थान मिला
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के अधिकारों को लेकर देश का प्रथम पुरस्कार प्रदेश को प्राप्त हुआ है। उत्कृष्ट राजकीय ब्रेल प्रेस का पुरस्कार, दिव्यांगजनों की पुनर्वास योजना के प्रभावी ढंग से संचालन के लिए लखनऊ को उत्कृष्ट जनपद का राष्ट्रीय पुरस्कार, सुगम्य भारत अभियान कार्यक्रम में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्रदेश को मिला है। वाराणसी जनपद को प्रभावी पुनर्वास संचालन के लिए वर्ष 2019 का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार उन अनेक सुविधाओं को जो दिव्यांगजनों के कार्य को और सरलीकृत करते हुए उनके जीवन को और सरल तथा आसान बना सके, इसके लिए पूरी तरह तत्पर है।
स्मार्ट बनाएंगे
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध तथा चीन में लॉकडाउन के दृष्टिगत टैबलेट व स्मार्टफोन में लगने वाली चिप की मैन्युफैक्चरिंग नहीं हो पा रही है। इसलिए फेज वाइज इनका वितरण किया जा रहा है। पहले फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं को इनका वितरण किया जा रहा है। तत्पश्चात सेकेण्ड ईयर एवं प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक युवा को स्मार्ट युवा बनाएंगे। उन्हें स्मार्टफोन व टैबलेट देने का कार्य राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने उन सभी बच्चों को जिन्हें आज टैबलेट प्राप्त हुआ है, उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे टैबलेट का बेहतर उपयोग अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी में करेंगे।
विशेष विद्यालय संचालित हो रहे हैं
इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजनों के शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार उनकी श्रेणी के अनुसार विशेष विद्यालय संचालित कर रही है। दिव्यांग विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री एवं अन्य सहायक उपकरण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी कड़ी में दिव्यांग विद्यार्थियों को तकनीकी से जोड़ने की प्रक्रिया के अन्तर्गत आज विश्वविद्यालय के अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों को टैबलेट का वितरण किया जा रहा है।