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बड़ी खबर : यूपी कैबिनेट ने कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन को मंजूरी दी, किसानों को मिलेंगे ये लाभ

-मंत्रिपरिषद ने उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी है
-कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिए नीति में विभिन्न संशोधन किये गये हैं
-मण्डी शुल्क, विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद (UP Cabinet) ने उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत नीति के प्रस्तर 6.2.1, प्रस्तर 6.2.2, प्रस्तर 6.2.3.2, एवं प्रस्तर 6.2.3.3 में संशोधन अनुमोदित किया गया है। उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर किसानों के उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 प्रख्यापित है। कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिए नीति में विभिन्न संशोधन किये गये हैं।


उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 में निर्यात क्लस्टर्स के लिए निर्धारित न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि की उपलब्धता 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता में होने के कारण निर्यात आधारित कृषक क्लस्टर के निर्माण में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता को समाप्त करते हुए विकास खण्ड के सीमान्तर्गत न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होने का प्राविधान किया गया है। इससे कृषक समूहों को उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 के अन्तर्गत क्लस्टर आधारित प्रोत्साहन लाभ सुलभ एवं समयान्तर्गत अनुमन्य हो सकेंगे।

ये अधिकारी शामिल रहेंगे
नीति में क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने, परिवहन अनुदान दिए जाने एवं क्लस्टर सूची में संशोधन की प्रकिया को सरलीकृत करते हुए भुगतान समयान्तर्गत सुनिश्चित किये जाने के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, उप्र शासन की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति से कराए जाने का प्राविधान किया गया है। इसके सदस्य सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, उप्र एवं अन्य सदस्य शासन से नामित अधिकारी होंगे।

मिली ये सहूलियत
प्रदेश की लैण्ड लॉक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में जल मार्ग से निर्यात के लिए परिवहन अनुदान 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति किलोग्राम पोर्ट तक उत्पाद पहुंचाने के मार्ग व्यय सहित किया गया है। रेल मार्ग को जोड़ा गया है। इससे प्रदेश से निर्यात के लिए पोर्ट तक रेल, सड़क मार्ग से उत्पाद पहुंचाने पर होने वाले व्यय की भी आंशिक प्रतिपूर्ति हो सकेगी। शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Adityanath Cabinet) की बैठक हुई थी।

नहीं लगेगा शुल्क

उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के मुताबिक, राज्य में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मण्डी शुल्क, विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है। इससे निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सकेगा तथा प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए निर्यात दायित्व सिद्ध किये जाने की प्रक्रिया का निर्धारण समय-समय पर शासन से किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

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