Uttar Pradesh : देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को जनपद मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जी की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य में औपचारिक रूप से यह उनका प्रथम आगमन है। यह उनके लिए सदैव यादगार रहेगा। उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले भाग्यशाली हैं। देश के विकास में प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और आगे भी रहेगा। मुख्यमंत्री जी ने जो 02 कार्यक्रम यहां आयोजित किए हैं, यह उनकी विकासशील सोच को दर्शाते हैं। मुख्यमंत्री जी अपने नाम के अनुरूप कार्य करते हैं।
शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण करना उनके लिए गौरव की बात है, यह बदलते भारत की तस्वीर है। इस अमृतकाल की नींव वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के साथ रखी गई। इसे मुमकिन करने के लिए विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव हुए हैं, जो सोचा नहीं गया था, आज वह मुमकिन हो रहा है।
वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद हम अपने शहीदों को भूल गए। अमृतकाल का एक उद्देश्य यह भी है कि हम अपने महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जिनमें धनसिंह गुर्जर प्रमुख हैं, उन्हें न केवल याद करें, बल्कि उनका अनुकरण भी करें। आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है। दुनिया वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रही है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि हमने अपने महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करना शुरू कर दिया है।
देश और दुनिया में यह चिन्ता का विषय था कि देश का सबसे बड़ा प्रान्त कहां जा रहा है। आज उत्तर प्रदेश में हो रहे बदलाव मन को प्रफुल्लित करने वाले हैं। प्रदेश में सही मायनों में विकास की गंगा बह रही है। कानून व्यवस्था के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। इस मामले में आज उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश है। उत्तर प्रदेश के विकास का असर देश और दुनिया पर पड़ रहा है।
सितम्बर, 2022 में देश ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिन्होंने हम पर सैकड़ों साल राज किया, उन्हें पछाड़कर भारत दुनिया की 5वीं बड़ी आर्थिक महाशक्ति बना है। उत्तर प्रदेश के सहयोग से इस दशक के अन्त तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा। आज हर भारतीय का मनोबल पराकाष्ठा पर है। देश की व्यवस्था पर हर भारतवासी को गर्व है। दुनिया कौतूहल से हमारी ओर देख रही है। हम किसी को भी अपनी प्रतिष्ठा नष्ट नहीं करने देंगे। वर्ष 2047 में भारत विश्वगुरु तथा दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति होगा। यह दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि हमारी संस्कृति शान्ति, समरसता और खुशहाली के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का ज्ञान देती है।
प्रधानमंत्री जी ने आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले गुमनाम शहीदों को पहचान देने की बात कही है। इतिहास ने इस सम्बन्ध में बहुत बड़ा अन्याय किया है। 1857 की क्रान्ति हमारा पहला स्वतंत्रता संग्राम था, जबकि उसे म्युटिनी या गदर बताया गया। हमारे देश में राष्ट्रवाद की कभी कमी नहीं रही है। इस मामले में हमारा डीएनए दुनिया में सबसे मजबूत है। भारत की 5,000 वर्ष से अधिक पुरानी सांस्कृतिक धरोहर है। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हर परिस्थिति में हम देश को आगे रखेंगे। हम सदैव भारत पर गर्व करेंगे।
पुलिस बल और उनके परिजनों के प्रति हमारा नजरिया बदलना चाहिए। इनका योगदान समाज में स्थायित्व लाने तथा कानून व्यवस्था को सही करने के लिए है। आज प्रदेश में सुदृढ़, पारदर्शी व जवाबदेह कानून व्यवस्था है। आज कानून अपना काम कर रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में इस पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय को उच्चीकृत कर स्टेट ऑफ आर्ट पुलिस ट्रेनिंग सेण्टर घोषित करते हुए इसका नामकरण महान सेनानी शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर के नाम पर कर दिया। अब तक इस विद्यालय में 232 बेसिक सर्विस कोर्स के माध्यम से 24811 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह गर्व की बात है कि आज भारत के उपराष्ट्रपति जी के कर-कमलों से क्रान्ति की इस पावन धरा पर अमर शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण किया गया है।
मेरठ जनपद का अपना एक इतिहास रहा है। 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर यहीं से शुरू हुआ। स्वतंत्रता आन्दोलन में इस नगरी ने न केवल सैनिकों का नेतृत्व किया, बल्कि बाल, वृद्ध, नर तथा नारी के साथ संन्यासियों को भी उद्वेलित कर, इसमें सहभागिता करने के लिए प्रेरित किया। 10 मई, 1857 को मेरठ से क्रान्ति की शुरुआत हुई, यह वास्तव में देश की आजादी के संग्राम की शुरुआत थी। उस समय धनसिंह गुर्जर सदर कोतवाली के प्रभारी थे और पुलिस तथा समाज में क्रान्ति को नेतृत्व प्रदान कर रहे थे। ब्रिटिश सरकार ने कोतवाल धनसिंह गुर्जर को मुख्य आरोपी ठहराते हुए फाँसी पर लटका दिया था। धनसिंह गुर्जर जैसी कुर्बानी देने का अन्य कोई उदाहरण पुलिस महकमे में नहीं है। उनके साहस और देशभक्ति की मिसाल पुलिस के लिए आदर्श है।
आज हमारी सरकार भविष्य को दृष्टिगत करते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ पर जोर दे रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने हेतु प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार तथा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरवशाली क्षण है कि अमृतकाल के प्रथम वर्ष में देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में उपराष्ट्रपति जी द्वारा किया गया है। यह प्रशिक्षण विद्यालय स्टेट ऑफ आर्ट पुलिस ट्रेनिंग सेण्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। भारत माता के महान सपूत कोतवाल धनसिंह गुर्जर ने अपनी पूरी जवानी राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित की तथा देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
मेरठ का अपना एक इतिहास रहा है। मेरठ ने इतिहास बनते भी देखा है और दुनिया के सामने इतिहास बनाते हुए मिसाल भी प्रस्तुत की है। यहां का बाबा औघड़नाथ मन्दिर 1857 की प्रथम क्रान्ति का महत्वपूर्ण केन्द्र बिन्दु था। 1857 में बैरकपुर में मंगल पाण्डेय द्वारा जो चिंगारी सुलगाई गई थी, उसका चरम उत्तर प्रदेश की धरती पर देखने को मिला था। यहां पर मेरठ में प्रथम स्वातंत्र्य समर की ज्वाला को तेज करने के लिए कोतवाल धनसिंह गुर्जर नेतृत्व प्रदान कर रहे थे। झांसी में रानी लक्ष्मीबाई हुंकार भर रही थीं कि ‘मैं अपनी झांसी हरगिज नहीं दूंगी’। वहीं बिठूर में तात्या टोपे इस प्रथम स्वातंत्र्य समर की ज्वाला को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे थे।
देश का कोई कोना ऐसा नहीं था, जो 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर के माध्यम से भारत की आजादी की अलख को गांव-गांव तथा जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान न दे रहा हो। 1857 के उन अमर सेनानियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से देश ने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हर घर तिरंगा के माध्यम से प्रत्येक भारतवासी देश की आजादी के 75 वर्ष के उत्सव में सहभागी बना है।
शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की स्मृतियों का वर्तमान पीढ़ी में संचार करने तथा नई प्रेरणा प्रदान करने हेतु राज्य सरकार ने जनपद मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय को स्टेट ऑफ आर्ट सेण्टर के रूप में विकसित किया है। इसकी प्रशिक्षण क्षमता को 300 से बढ़ाकर 1600 किया गया है। यहां पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ ही सब-इंस्पेक्टर तथा इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की ट्रेनिंग भी होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था की गई है।
इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में शनिवार को जनपद मेरठ में कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता विस्तार कार्यक्रम तथा शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद उत्तर प्रदेश पुलिस बल को प्राप्त हो रहा है। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने कोतवाल धनसिंह गुर्जर पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर, जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक, सांसद डॉ लक्ष्मीकान्त बाजपेयी, कान्ता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, सत्य पाल सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।