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UP Election 2022 : योगी सरकार ने इस तरह पूरे किए अन्नदाता के सपने, पूर्वांचल को मिला बड़ा तोहफा, पढ़ें खास रिपोर्ट

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) ने अनेक परियोजनाएं चलाई हैं। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का राष्ट्र को समर्पण एवं लोकापर्ण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 11 दिसम्बर, 2021 को हरिहरगंज (हंसुवाडोल), बहराइच रोड जनपद बलरामपुर में किया था।

1982 में मिली स्वीकृति

महत्वपूर्ण बात यह कि सरयू नहर परियोजना की स्वीकृति 1982 में हुई थी। साल 2012 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। इस प्रकार लगभग 40 वर्षो बाद यह प्रोजेक्ट पूरा हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की संवेदनशीलता, दूरदर्शिता तथा लगन से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पूर्ण होकर आज प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई का वरदान सिद्ध हो रही है।

9 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

सरयू नहर परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 जनपदों- बहराइच श्रावस्ती, गोण्डा बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महराजगंज में सिंचाई सुविधा का विकास करने के लिए इस क्षेत्रों के किसानों के लिए बहुमूल्य तथा बहुउपयोगी परियोजना है। 40 वर्षों से लम्बित इस राष्ट्रीय परियोजना को मात्र 4 वर्षों के रिकार्ड समय में पूर्ण किया गया है, वह भी कोविड महामारी के विकट दौर में। इससेे प्रदेश के नेतृत्व की किसानों एवं कृषि की उन्नति के प्रति गंभीरता साफ झलकती है।

सबसे बड़ी परियोजना है

यह परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhanmantri Krishi Sinchai Yojna) अन्तर्गत देश की 99 परियोजनाओं में सबसे बड़ी परियोजना है। इसके पूर्ण होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 9 जनपदों के 15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। जिससे इन जनपदों के कृषकों की मानसून पर निर्भरता खत्म होगी एवं यहाँ फसलों का उत्पादन बढे़गा। फलस्वरूप प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को भी सार्थक सिद्ध किया जा सकेगा।

24 लाख टन अतिरिक्त पैदावार होगी

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के माध्यम से सिंचाई सुविधा का विकास होने पर 24 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन होने की संभावना हैं। जिससे प्रदेश खाद्यान्नों के उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता व अतिरिक्त उत्पादन के माध्यम से देश में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा। साथ ही इस उत्पादन से गरीब, वंचितों को भी भुखमरी से निजात मिलेगी। परियोजना से 9 जनपदों के 6227 ग्रामों के 30 लाख से भी अधिक कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।

नहरों का जाल बिछा है

परियोजना के अन्तर्गत 6600 किमी लम्बी मुख्य एवं छोटी 922 नहरों का निर्माण किया गया है। इसके अन्तर्गत सरयू एवं राप्ती नदी पर दो बड़े बैराज भी बनाए गये हैं। अयोध्या, गोला, डुमरियागंज एवं उतरौला में पम्प कैनाल का निर्माण कर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इसके अन्तर्गत इमामगंज, बस्ती, बांसी, खलीलाबाद, गोण्डा, तरबगंज, इटियाथोक, मनकापुर, टिकरी एवं कैम्पियरगंज शाखा नहर का निर्माण किया गया है।

11048 पुल बने

परियोजना के अन्तर्गत नहरों पर 922 हेड रेगुलेटर एंव 11048 पुलों का निर्माण किया गया है। साथ ही नेपाल से आने वाले व क्षेत्रीय नालों पर 1495 ड्रेनेज क्रासिंग का निर्माण किया गया है। सम्पूर्ण परियोजना में 9800 करोड़ रुपए की लागत आई है। पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण को भी परियोजना में प्रमुखता से शामिल किया गया है। इस परियोजना के निर्माण से घाघरा नदी, सरयू नदी, राप्ती नदी, बाण गंगा नदी व रोहिणी नदी को जोड़ने का कार्य भी किया गया हैं।

4 साल में पूरा किया

लगभग 40 वर्षो से लम्बित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को रिकार्ड 4 साल में पूरी कर उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने एक उपलब्धि अपने नाम की है। यह प्रदेश के नेतृत्व की कर्मठता, ईमानदारी तथा कार्य के प्रति समर्पण का ही सुफल है कि आज प्रदेश के किसानों को सिचाई का उपहार मिला है। अब हमेशा सिंचाई की सुविधा उपलब्ध रहने से पूर्वी क्षेत्र के किसान विविध प्रकार की फसल उगा सकेगें। अब जबकि परियोजना पूर्ण हो चुकी है, तब नहरों में बहते जल से पूर्वांचल में समृद्धि की गंगा भी बह रही है।

बाणसागर प्रोजेक्ट पूरा हुआ

प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अनेक लंबित परियोजनाओं को पूर्ण करा कर लोगों का विकास का वर्षों का स्वप्न साकार किया गया हैं। इनमें 46 वर्षा से लंबित बाणसागर परियोजना को भी पूर्ण कराया गया है। जब प्रदेश के किसान समृद्ध होगें तब उत्तर प्रदेश भी समृद्ध होगा, उन्नत होगा। प्रदेश के विकास के लिए प्रदेश की वर्तमान साकार सम्पूर्ण रूप से समर्पण के साथ कार्य कर रही है।

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