Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने विधान सभा सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है। रविवार को विधान भवन में आहूत एक सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के निर्बाध संचालन के लिए सभी दलों के सहयोग का आश्वासन मिलने से सदन में सकारात्मक वातावरण बनेगा। साथ ही, विधान सभा सत्र के संचालन के दौरान अधिक से अधिक सदस्यों, विशेष रूप से नए सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि 18वीं विधान सभा के इस नए सत्र में ई-विधान लागू किए जाने से नवाचार हुआ है। इसके तहत सदस्यों को नेवा सेवा केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। इस बार विधानसभा सत्र की कार्यवाही का सजीव प्रसारण डीडी न्यूज के साथ-साथ यूट्यूब पर भी किया जाएगा।
बजट प्रस्तुत किया जाएगा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गम्भीर चर्चा को आगे बढ़ाने से लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था बढ़ती है। उन्होंने कहा कि 18वीं विधान सभा का प्रथम सत्र 23 मई, 2022 को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से प्रारम्भ होगा। इस सत्र में वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
विश्वास व्यक्त किया है
सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता ने बड़े विश्वास के साथ सदस्यों को देश की सबसे बड़ी विधान सभा में चुनकर भेजा है। प्रदेश की 25 करोड़ जनता ने 403 सदस्यों पर विश्वास व्यक्त किया है। सदस्यों को जनता के विश्वास पर खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा में होने वाले आचार-विचार और व्यवहार का अनुकरण देश की विभिन्न विधान सभाओं में भी उसी प्रकार के आचार-विचार की अपेक्षा के साथ किया जाता है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
उन्होंने कहा कि 17वीं विधानसभा के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अनवरत चर्चा सदन में करायी गई। पूरी चर्चा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अन्य केन्द्रीय मन्त्रियों द्वारा वर्चुअली सुना गया। चर्चा के उपरान्त प्रधानमंत्री ने स्वयं फोन करके इस पहल के लिए प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा था कि संयुक्त राष्ट्र संघ की अपेक्षा के अनुरूप सतत विकास पर प्रदेश की विधान सभा में चर्चा होना एक दुर्लभ क्षण है। यह प्रदेश विधान सभा के सदस्यों के सकारात्मक रूप से कार्य करने को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने अपेक्षा की कि चर्चा के क्रम में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय उन्हें उपलब्ध कराए जाएं। प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप इस विचार-विमर्श का हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में विवरण प्रदेश सरकार द्वारा देश की सभी विधानसभाओं एवं पुस्तकालयों में भी भिजवाया गया।
कार्यपद्धति जाना
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में प्रदेश विधान सभा का सत्र कैसे संचालित हो रहा है, इस सम्बन्ध में राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने भी इसकी जानकारी प्राप्त की। प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि विधान सभा सत्र के दौरान सदन के सदस्य एक-एक सीट छोड़कर बैठ रहे हैं। 60 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्य एवं कोरोना के लक्षण वाले सदस्य वर्चुअली जुड़कर विधान सभा की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद की कार्य पद्धति को एक आदर्श के रूप में माना जाता है, परन्तु उत्तर प्रदेश विधान सभा की कार्यवाही की जानकारी देश के उपराष्ट्रपति द्वारा प्राप्त किए जाने से प्रदेश विधान सभा की गरिमा बढ़ी तथा सदस्यों के सम्मान में वृद्धि हुई।
सकारात्मक माहौल में चर्चा होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा में सकारात्मक माहौल में चर्चा होनी चाहिए। प्रदेश की विधान सभा के लिए निर्वाचित सदस्यों के व्यावहारिक ज्ञान का लाभ सदन के अलावा जनता को भी मिले, इस प्रकार की कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधान सभा की कार्यवाही निर्बाध रूप से संचालित होनी चाहिए। सदन के सदस्य स्वयं के प्रश्न एवं अनुपूरक प्रश्न पूछने के साथ ही, अन्य सदस्यों को भी प्रश्न पूछने का मौका दें, जिससे प्रश्नकाल की गरिमा बढ़ेगी। सदस्यों को अधिक से अधिक प्रश्न पूछने का मौका मिलेगा।
अच्छी परंपरा है
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि पक्ष एवं विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सकता है। सभी दलों ने सदन की कार्यवाही के निर्बाध संचालन में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। यह एक अच्छी परम्परा है।
सभी दलों ने दिया भरोसा
इस बैठक में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के इन्द्रजीत सरोज, अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह तथा भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की आराधना मिश्रा ‘मोना‘, राष्ट्रीय लोकदल के राजपाल सिंह बालियान, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जगदीश नरायण, निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल के अनिल कुमार त्रिपाठी, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह ने अपने-अपने दलों की ओर से पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।