Uttar Pradesh : पूर्वी यूपी के देवरिया जिले से शुरू हुए चीनी उद्योग के सफर को अब प्रदेश में 120 साल पूरे हो गए हैं। हालांकि इस यात्रा के दौरान देवरिया को ही सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। जनपद की तमाम चीनी मिलें बंद हो गईं। उत्तर प्रदेश में चीनी उद्योग का आधार देवरिया लगातार पिछड़ता चला गया।
इस सफर के 120 साल पूरे होने पर बीते दिनों एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग ने 120 वर्षों की सफल यात्रा आज पूरी की है। इसलिए प्रदेश के चीनी उद्योग के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज से 120 वर्ष पूर्व गोरखपुर मण्डल के जनपद देवरिया से यह यात्रा शुरू हुई थी।
उन्होंने कहा कि आज देश में सर्वाधिक 121 चीनी मिलें प्रदेश में हैं। हमारे अन्नदाता किसान सबसे अधिक गन्ना उत्पादन करते हैं। सबसे अधिक चीनी का उत्पादन भी प्रदेश में होता है। एक नये भविष्य के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे तो यह अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का माध्यम बनेंगी। चीनी मिलें चीनी के साथ ही, ग्रीन ईंधन का भी महत्वपूर्ण स्रोत बनने जा रही हैं।
सीएम योगी 17 फरवरी को ‘प्रदेश के चीनी उद्योग के 120 वर्ष पूर्ण कर लेने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर टोयोटा किर्लोस्कर मोटर तथा इण्डियन शुगर मिल एसोसिएशन के मध्य एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री ने चीनी उद्योग की 120 वर्षों की विकास यात्रा पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
उन्होंने चीनी उद्योग पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन भी किया। इस अवसर पर सीएम ने चीनी उद्योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों तथा प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इनमें ध्रुव मोहन साहनी, स्व डॉ केके बिरला, स्व लाला बंशीधर, स्व मीनाक्षी सराओगी, स्व साहू माधव प्रसाद तथा कुंवर विजय कुमार गोयल सम्मिलित थे। दिवंगत महानुभाव के परिजनों/ प्रतिष्ठान के प्रतिनिधियों ने यह सम्मान प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने चीनी उद्योग की तत्कालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत गन्ने से सीधे एथेनॉल बनाने की अनुमति दी थी। आज उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एथेनॉल उत्पादन करने वाला राज्य बन चुका है। टोयोटा कम्पनी ने यहां एथेनॉल से चलने वाली कार लॉन्च की है। यह वर्तमान के साथ ही, भविष्य की नई सम्भावनाओं की ओर सबका ध्यान आकर्षित करती है।
उन्होंने कहा कि हमारे अन्नदाता किसान चीनी उद्योग के साथ ही, सरकार की भी धुरी हैं। अन्नदाता किसानों के हितों को ध्यान में रखकर कोई कार्य किया जाएगा, तो वह चीनी उद्योग के हित में होगा। यह सरकार की नीतियों को प्रभावी रूप से लागू करने का माध्यम भी बनेगा। विगत 06 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने किसानों के हित के लिए जो भी निर्णय लिए हैं, उन्हें प्रदेश के चीनी उद्योग ने अक्षरशः लागू किया है। इसका परिणाम है कि हमारे अन्नदाता किसान खुशहाल है। चीनी मिलें भी तेजी के साथ चलती हुई दिखायी दे रही हैं। आज किसानों को मोबाइल पर गन्ना पर्ची उपलब्ध कराई जा रही है। घटतौल की समस्या का भी समाधान हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में हमारी सरकार के गठन के साथ ही, उत्तर प्रदेश चीनी मिल फेडरेशन से गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के समय से भुगतान किये जाने की मंशा जाहिर कर दी गई थी। राज्य सरकार ने इसके लिए चीनी मिलों को भरपूर सहयोग प्रदान किया था। यह पहली बार हो रहा है कि प्रदेश में लगभग 100 से अधिक चीनी मिलें गन्ना किसानों को 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। आज भी सरकार की प्राथमिकता है कि जब तक गन्ना किसानों के खेत में गन्ना हो, तब तक चीनी मिलें चलती रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विगत 06 वर्षों से यह कार्य लगातार हो रहा है। अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में सरकार ने जो विश्वास अर्जित किया था, उसी से प्रेरणा लेते हुए राज्य में कुछ नया परिवर्तन करने के लिए सरकार सदैव तत्पर होकर कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हित में सभी रास्ते खोले। आवश्यकता पड़ने पर इसके साथ खाण्डसारी उद्योग को भी जोड़ा गया। राज्य की पुरानी तथा जर्जर चीनी मिलों को पुनः संचालित करने की कार्रवाई तेजी के साथ की जा रही है।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 09 वर्षों से किसानों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को प्रदान करना, किसानों को फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना एमएसपी उपलब्ध कराना, प्रोक्योरमेन्ट सेन्टर के माध्यम से बिना किसी मध्यस्थ के सीधे किसानों से उपज खरीदना, लागत को कम करना, स्वॉयल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग करना जैसे कार्य देश में पहली बार हुए हैं।
किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गईं सभी योजनाओं को प्रदेश में विगत 06 वर्षों में लागू किया गया है। आज किसान स्वयं को संतोषजनक एवं सुरक्षित स्थिति में पा रहे हैं। प्रदेश में महिला स्वयं सेवी समूहों से जुड़ी महिलाएं 7,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये प्रति माह कमा रही हैं। महिला स्वयं सेवी समूहों का मुनाफा भी कई गुना बढ़ा है। यह महिला स्वावलम्बन की दिशा में बड़ा कदम है।