Deoria News : राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीआई प्रकरणों की विशेष सुनवाई की। विशेष सुनवाई के प्रथम दिन कुल 85 प्रकरण आये, जिनमें से 70 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। अवशेष प्रकरणों को गुणदोष के आधार पर निस्तारित करने के लिए सुरक्षित रखा गया है।
उन्होंने समस्त जन सूचना अधिकारियों को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की मूल भावना के तहत आरटीआई आवेदनों का निस्तारण करने का निर्देश देते हुए कहा कि समय से सूचना देने से पारदर्शिता एवं जवाबदेही में वृद्धि होती है।
राज्य सूचना आयुक्त ने बताया कि बीते दिन जनपद में विशेष सुनवाई के दौरान प्रस्तुत समस्त 85 प्रकरण एक ही व्यक्ति द्वारा मांगी गई सूचनाओं से संबंधित हैं और वह सुनवाई के दौरान अनुपस्थित था। सुनवाई से पूर्व वादी एवं प्रतिवादी दोनों पक्षों को नोटिस भेजा गया था, किंतु डाक विभाग द्वारा प्रस्तुत नोटिंग के मुताबिक वादी ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि आने वाले प्रकरणों में सर्वाधिक 27 केस खंड विकास अधिकारी बनकटा कार्यालय से संबंधित थे। डीआईओएस कार्यालय से 8, बीएसए, तहसीलदार सदर एवं जिलाधिकारी कार्यालय से 6-6 प्रकरण संबंधित थे। शेष प्रकरण अन्य विभागों से जुड़े थे। अधिकांश प्रकरणों में सूचना उपलब्ध करा दी गई है। संबंधित जन सूचना अधिकारियों ने वादी को रजिस्टर्ड डाक से सूचना भेजे जाने का साक्ष्य भी प्रस्तुत किया।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में निहित प्राविधानों के अनुसार 30 दिन के भीतर सूचना देना अनिवार्य है। इसे लक्ष्मण रेखा मानें। इस अवधि में सूचना न देने पर दंड के भागी होंगे। सूचना उपलब्ध कराते समय व्यापक लोकहित का ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि समस्त कार्यालयों में जनसूचना अधिकारी नामित होने चाहिए। अक्सर यह देखने में आता है कि जन सूचना अधिकार के तहत दिए जाने वाले आवेदन सही कार्यालय में नहीं पहुंचते है, जिससे सूचना मिलने में समस्या आती है। ऐसे आवेदनों का अंतरण 5 दिन की अवधि में संबंधित विभाग को कर देना चाहिए।
इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, एसडीएम योगेश कुमार गौड़, सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, बीडीओ बनकटा निरंकार मिश्रा सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।