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कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय को यूपी कैबिनेट की मंजूरी : मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया ऐतिहासिक, लिखा भावुक पोस्ट

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने कुशीनगर में प्रस्तावित कृषि विश्वविद्यालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के प्रयास से इस कृषि यूनिवर्सिटी के नींव रखी जाएगी।

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर कृषि मंत्री ने अपने भाव व्यक्त किए। उन्होंने लिखा, मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में माननीय मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें कुशीनगर जनपद में महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में महात्मा गौतमबुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। आज मेरे जीवन का ऐतिहासिक दिन है। “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमृत काल के नये भारत की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण निर्णय।”

उन्होंने बताया कि, कल गोरखपुर में ख़रीफ़ उत्पादकता गोष्ठी करने के बाद लखनऊ आया। गोरखपुर से लखनऊ आते जाते समय कुशीनगर के प्रस्तावित कृषि विश्वविद्यालय के संदर्भ में अपने अपर मुख्य सचिव डा. देवेश चतुर्वेदी से विस्तार से चर्चा की। कल गोष्ठी के बीच से ही कुशीनगर की सीडीओ के साथ अपर मुख्य सचिव को कुशीनगर के सभी उपलब्ध भूमि के अवलोकन के लिए भेजा। वापस आने पर तुरन्त कैबिनेट नोट उन्होंने बनाया और रात 10 बजे मैंने उसे अन्तिम रूप देकर अपना हस्ताक्षर किया।

सूर्य प्रताप शाही ने आगे बताया, आज मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में उसे स्वीकृति मिल गई। इसके लिए मैं उनका जीवन भर आभारी रहूँगा। मैं उन्हें तथा कुशीनगर और देवरिया की जनता का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूँ।

कृषि मंत्री ने लिखा है, मुझे कसया की महान जनता ने तीन बार विधानसभा में चुनकर भेजा है। आज मैं जहां हूँ, उसकी बुनियाद कसया विधानसभा की जनता ने डाली है। तब कसया देवरिया ज़िले का हिस्सा था। मैं वहाँ की महान जनता के आशीर्वाद से गृह राज्यमंत्री (मुख्यमंत्री से समब्ध), स्वास्थ्य चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा तथा आयुष मंत्री, आबकारी और मद्यनिषेध मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की अपने क्षमता और योग्यता के अनुसार सेवा कर सका।

भाजपा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भारतीय जनता पार्टी के विस्तार के लिए योगदान कर सका। कसया तथा पथरदेवा की जनता का असीम ऋण मेरे उपर रहा है, जिसे जीवन भर चुकाना कठिन और असंभव था।देवरिया-पथरदेवा की महान जनता ने दो बार विधानसभा में भेजा, जिससे मुझे कृषि एवं कृषि शिक्षा मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के नये भारत के संकल्प को सिद्ध करने का, कृषि और अन्नदाता किसान भाईयों के लिए काम करने का अवसर मिला।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1994 में कसया तहसील के ग्राम सबया, अनिरूधवा, विशनपुर विन्दवलिया, सिलवा महंथ आदि गाँवों के हज़ारों किसानों के 750 एकड़ भूमि तथाकथित मैत्रेय परियोजना के नाम पर अधिग्रहण की कार्रवाई सपा और बसपा सरकार ने ओने पौने मुआवजा बनाकर मैत्रेय जैसे फ़र्ज़ी ट्रस्ट को देने की साज़िश की, जिसके ख़िलाफ़ मेरे नेतृत्व में किसानों की लड़ाई शुरू हुई।

गोवर्धन प्रसाद गोंड, राम अवतार सिंह पटेल, प्रभुनाथ पटेल आदि सहयोगियों के नेतृत्व में लम्बे समय तक संघर्ष करना पड़ा। आन्दोलन के दबाव में 500 एकड़ ज़मीन मुक्त हुई। लगभग 250 एकड़ भूमि पर सर्किल रेट (बाज़ार मूल्य) पर बात तय हुई। दशकों तक शिलान्यास के अलावा कुछ नहीं हो सका।

कैबिनेट मंत्री ने कहा, मुझे आज अतीव ख़ुशी है कि गोरखपुर मंडल और कुशीनगर के पहले कृषि विश्विद्यालय विश्वविद्यालय के स्वीकृति के लिए उप्र सरकार के मंत्रिपरिषद में प्रस्ताव रखने का अवसर मिला है। मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी तथा मुख्यमंत्री जी सहित मंत्रिपरिषद के इस पर सहमति देने के धन्यवाद के साथ आभार प्रकट करता हूँ।

पिछले 4-5 वर्षों का प्रयास आज सफल हुआ। प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी जी कृपा से मैं कुशीनगर और देवरिया की जनता का ऋण कम करने में सफल हुआ। यह ईश्वर की महान अनुकम्पा है, जिसके लिये आजीवन कृतज्ञ हूँ।

यह है पूरा प्रोजेक्ट
यह कृषि विश्वविद्यालय अविभाजित देवरिया जनपद (वर्तमान कुशीनगर और देवरिया) का पहला विश्वविद्यालय होगा। इसके लिए मैत्रेय परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि (अनिरूधवा, सबया तथा विशनपुर विन्दवलिया) से 145.55 एकड़, तमकुही राज तहसील के कृषि विभाग के गड़ियां बीज फार्म का 58.77 एकड़ तथा मसालाफारम और कृषि विज्ञान केन्द्र बभनौली से 185.75 एकड़ कुल (390.54 एकड़) भूमि राज्य सरकार कृषि शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करेगी ।

प्रस्तावित विश्वविद्यालय में कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन व महाविद्यालय के अतिरिक्त प्रशासनिक भवन, छात्रावास, अनुसंधान के लिए प्रयोगशाला, टिश्यु कल्चर लैब, इनक्यूबेशन सेन्टर आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जायेगा। इस कृषि विश्वविद्यालय के निर्माण पर लगभग 750 करोड़ रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी। शीघ्र ही प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी के कर कमलों से शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

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