Gorakhpur News : गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur – Siliguri Greenfield Expressway) की डीपीआर (DPR) में बदलाव किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे का संशोधित और फाइनल डीपीआर दिसंबर 2022 तक तैयार होगा। अब इस एक्सप्रेसवे को बिहार राज्य के 11 जिलों से होकर गुजारा जाएगा। 9 जिलों से होकर गुजरने की केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज जिले शामिल थे।
अब दो अन्य जिले मधेपुरा और सहरसा से होकर भी इस एक्सप्रेस-वे को ले जाने की राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है। राज्य सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस बारे में प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है। इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार हो रही है। इस साल के अंत तक निर्माण शुरू कर 2025 तक पूरा करने की डेडलाइन रखी गई है।
बदलाव नहीं होगा
हालांकि यूपी के तीन जिलों गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में प्रस्तावित रूट में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है। इन जिलों में भूमि अधिग्रहण की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड भोपाल इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार कर रही है।
डीएम को लिखा खत
संस्था जल्द ही इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India – NHAI) को सौंपेगी। शासन ने इस प्रोजेक्ट की अहमियत को देखते हुए देवरिया और कुशीनगर में भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम अधिकारी नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एनएचएआई गोरखपुर (NHAI Gorakhpur) के परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
25 गांवों की जमीन जाएगी
डीपीआर के मुताबिक गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल प्रस्तावित लंबाई 519 किलोमीटर (करीब 600 किलोमीटर अनुमानित) है। इसमें से 84 किलोमीटर का हिस्सा गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जनपद में पड़ेगा। करीब 416 किलोमीटर हिस्सा बिहार से गुजरेगा। इसकी शुरुआत प्रस्तावित रिंग रोड के जगदीशपुर से होगी। वहां से यह एक्सप्रेसवे सदर तहसील के करीब 25 गांवों से होता हुआ कुशीनगर के बाद बिहार के गोपालगंज जिले में पहुंचेगा।
इन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
इस प्रोजेक्ट के लिए देवरिया में करीब 150 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक एक्सप्रेसवे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा, इसलिए इसका निर्माण आबादी वाले क्षेत्रों से दूरी बनाकर किया जाएगा। एक्सप्रेसवे यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर देवरिया, कुशीनगर और बिहार के गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज और मधेपुरा होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा।
जमीन अधिग्रहित होगी
इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण भारत माला योजना के तहत कराया जाएगा। इसके मुताबिक जनपद में आर्थिक गलियारा एवं इंटर कॉरिडोर तथा फोरलेन की सड़क निर्मित होगी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण, रखरखाव व प्रबंध परिचालन के लिए केंद्र सरकार नेशनल हाईवे एक्ट के तहत भूमि अधिग्रहित करेगी। गोरखपुर-सिलिगुड़ी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा। इसके लिए 30,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित है।
प्राधिकारी नियुक्त होगा
सदर के तहसीलदार आनंद कुमार नायक ने कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे देवरिया से होकर गुजरेगा। हालांकि यह जनपद के किन गांवों से गुजरेगा, इसके बारे में जानकारी फिलहाल एनएचएआई ने उपलब्ध नहीं कराई है। भूमि अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी की नियुक्ति के संबंध में एक पत्र आया है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (Jitendra Pratap Singh) जल्द ही किसी को सक्षम प्राधिकारी पद पर नियुक्त करेंगे।