Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर इस साल के अंत तक सफर शुरू हो जाएगा। इस लिंक एक्सप्रेसवे का 75% काम पूरा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने दिसंबर, 2023 तक इसे निर्मित कर आम लोगों के लिए खोलने का आदेश दिया है।
यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी-यूपीडा (UPEIDA) से जारी रिपोर्ट के मुताबिक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अब तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग एवं 100 प्रतिशत, मिट्टी का कार्य 96 प्रतिशत, जीएसबी का कार्य 81 प्रतिशत, डब्ल्यूएमएम का कार्य 77 प्रतिशत, डीबीएम का कार्य 74 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। एक्सप्रेसवे पर प्रस्तावित कुल 342 स्ट्रक्चर्स में से 331 बन कर तैयार हो चुके हैं। इस तरह 8 अगस्त को जारी रिपोर्ट के मुताबिक तक एक्सप्रेसवे का 75 प्रतिशत से अधिक कंस्ट्रक्शन सम्पन्न हो चुका है।
172 गांवों की जमीन अधिग्रहित हुई
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे से चार जिलों गोरखपुर, संतकबीर नगर, आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के 172 गांव प्रभावित हुए हैं। शासन ने इन गांवों की जमीन अधिग्रहित की है। इसमें गोरखपुर के 88 गांव, संतकबीर नगर के 4, आजमगढ़ के 43 और अंबेडकर नगर के 37 गांव के किसानों से जमीन ली गई है। एक्सप्रेसवे के एक ओर सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जायेगी तथा आवश्यकतानुसार अण्डरपास का निर्माण कराया जायेगा, जिससे परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को एक्सप्रेसवे पर आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।
इस मॉडल पर तैयार हो रहा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेस वे की की कुल लंबाई 91.352 किलोमीटर है और इस एक्सप्रेसवे के लिए 5876.67 करोड रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे गोरखपुर के नेशनल हाईवे 27 (Bypass) पर जैतपुर से शुरू होगा और आजमगढ़ जिले के सलारपुर /चैनेज में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर जाकर समाप्त होगा। हालांकि पहले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे को चार लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन इसे बाद में जरूरत पर 6 लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे को टोटल एक्सेस कंट्रोल मॉडल (Total Access Controll Model) पर तैयार किया जा रहा है।
पूरा हुआ भूमि अधिग्रहण
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम साल 2020 में शुरू हुआ और 4 जुलाई 2022 तक इस एक्सप्रेस वे के लिए 99.5% जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। पहले इसे साल 2022 में तैयार करने की डेडलाइन रखी गई थी। लेकिन कोविड और दूसरी वजह से अब इस एक्सप्रेसवे के तैयार होने में देरी हो रही है। अब शासन ने दिसंबर, 2023 की डेडलाइन तय की है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का राइट-ऑफ-वे (आरओडब्ल्यू) 110 मीटर है। यूपीडा इस पूरे प्रोजेक्ट को 2 पैकेज में बांट कर पूरा करा रही है। पैकेज-1 के लिए एपको इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (APCO Infrastructure Pvt Ltd) और पैकेज-2 के लिए दिलीप बिल्डकॉन (Dilip Buildcon) को चयनित किया गया है।
ये खासियत होगी
एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 टोल प्लाजा, 3 रैम्प प्लाजा, 7 फ्लाई ओवर, 16 व्हेकुलर अण्डरपास, 50 लाइट व्हेकुलर अण्डरपास, 35 पेडेस्ट्रियन अण्डरपास, 7 दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु तथा 389 पुलियों का निर्माण भी किया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के दोनों पैकेजों के बिल्डरों का चयन ई-टेंडरिंग के जरिए किया गया है। इस परियोजना में न्यूनतम निविदा अनुमानित लागत से 3.12 प्रतिशत कम हो गई है। इससे यूपीडा को लगभग 96 करोड़ का लाभ हुआ है। पैकेज-1 का निर्माण कार्य 10 फरवरी, 2020 से तथा पैकेज-2 का निर्माण कार्य 19 जून, 2020 से प्रारम्भ किया गया है।