Gorakhpur News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने आज जनपद गोरखपुर के जंगल कौडिया ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेले (Mukhyamantri Aarogya Mela) का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2020 में ही आरोग्य मेलों का आयोजन प्रारम्भ किया गया था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इन मेलों को स्थगित करना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा आज से फिर आरोग्य मेलों का शुभारम्भ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी लोगों को बिना भेदभाव चिकित्सा सुविधाओं एवं सेवाओं का लाभ पहुंचाना है।
सभी विधानसभा क्षेत्रों में बदलाव होगा
उन्होंने आगे कहा, “प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिये राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में संसाधन सम्पन्न 100 बेड के उच्चीकृत अस्पताल बनाए जाएंगे। साथ ही, प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड क्षेत्र में 25 से 30 बेड के बेहतरीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लोगों की सेवा के लिए उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
सेवाएं दे रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में इलाज का एकमात्र केंद्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर था। वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयासों से आज बीआरडी मेडिकल कॉलेज बहुत अच्छे ढंग से लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
एम्स शुरू हो गया है
पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोगों की चिकित्सा सुविधा के लिए गोरखपुर में एम्स भी क्रियाशील हो गया है। जनपद देवरिया, सिद्धार्थनगर व बस्ती में नए मेडिकल कॉलेज सेवाएं दे रहे हैं। जनपद कुशीनगर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जनपद महराजगंज में मेडिकल कॉलेज बनाने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
50 हजार मासूमों की जान गई
उन्होंने संचारी रोगों की रोकथाम में अंतर्विभागीय समन्वय एवं सामूहिकता की ताकत का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी ताकत की दम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश कोरोना नियंत्रण का बेहतरीन मॉडल देने में सफल रहा है। वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में 50 हजार मासूमों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस पर रोक लगाने का कार्य किया गया है।
संसाधन तक नहीं थे
सीएम ने आगे कहा, “40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस को समाप्त नहीं किया जा सका था। इसके इलाज के लिए संसाधन तक नहीं थे। केन्द्र व राज्य सरकार ने मिलकर सिर्फ चार साल में इंसेफेलाइटिस को समूल उखाड़ने में सफलता हासिल की है। मस्तिष्क ज्वर अब नाममात्र का रह गया है। सतर्कता और सामूहिक प्रयासों से अगले एक-दो वर्षों में इंसेफेलाइटिस रोग हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा।”
हासिल करेंगे लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने लोगों से संचारी रोग नियंत्रण अभियान, टीबी व फाइलेरिया मुक्ति अभियान से भी जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक दुनिया को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि प्रधानमंत्री ने देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। जनसामान्य टीबी मरीजों की पहचान और उनके इलाज में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को सरकार की तरफ से प्रति माह 500 रुपये पोषण भत्ता भी दिया जाता है।
30 करोड़ डोज दी गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक संवेदनशील सरकार कैसे कार्य करती है, कोरोना काल में प्रदेश में सभी लोगों ने देखा है। महामारी के दौरान कोरोना वॉरियर्स के सेवा भाव व टीमवर्क की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 30 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध करायी जा चुकी है। निःशुल्क जांच, इलाज एवं वैक्सीन के साथ ही डबल इंजन की सरकार प्रत्येक जरूरतमंद को प्रतिमाह डबल राशन उपलब्ध करा रही है। यह सभी कार्य निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
स्टॉल देखे
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया एवं शिशुओं का अन्नप्राशन संस्कार भी किया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की लाभार्थियों को चेक प्रदान करने के साथ ही फाइलेरिया एवं टीबी के रोगियों को किट भी वितरित की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।