Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने आज प्रदेश का सर्वाधिक ऐतिहासिक बजट पेश किया। योगी सरकार 2.0 के इस बजट में खेती-किसानी और किसानों को बड़ी सौगात दी गई है।
वित्त मंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष दिनांक 16 मई, 2022 तक गन्ना किसानों 1 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो इसके पूर्व के 5 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 95,215 करोड़ रुपये से 77,530 करोड़ रुपये अधिक है।
हस्तांतरित किये गये है
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना माह दिसम्बर, 2018 से संचालित है। योजना के अन्तर्गत 2.55 करोड़ कृषकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्मय से 42 हजार 565 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये है।
5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितम्बर, 2019 से लागू की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत कृषक की परिभाषा का विस्तार करते हुये खतौनी में दर्ज खातेदार, सहखातेदार के साथ-साथ उनके परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत खातेदार, सहखातेदार के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है तथा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बॅटाई पर कृषि कार्य करते हैं, को भी सम्मिलित किया गया है। योजना के अन्तर्गत दुर्घटनावश मृत्यु, दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी
कृषकों को सिंचाई के लिए डीजल-विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी।
वितरण किया जाना प्रस्तावित है
कृषि उत्पादन में गुणवत्तायुक्त बीजों का सर्वाधिक महत्व है। इसलिये वर्ष 2021-2022 में 60.10 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया गया है। वर्ष 2022-2023 में 60.20 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है।
वितरण का लक्ष्य है
प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वर्ष 2021-2022 में 99.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है। वर्ष 2022-2023 में 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है।
1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही
है। मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सीधे भुगतान किया जा चुका है
खरीफ विपणन वर्ष 2021-2022 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा धान कामन का समर्थन मूल्य 1940 रुपये प्रति कुन्टल एवं धान ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति कुन्टल निर्धारित किया गया। खरीफ वर्ष 2021-2022 में 4656 स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से 11 लाख से अधिक किसानों से 65 लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान खरीद की गयी, जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में ई-पेमेन्ट के माध्यम से 12 हजार 485 करोड़ रुपये का सीधे भुगतान किया जा चुका है।
94 हजार मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया गया
रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में भारत सरकार द्वारा गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति कुन्टल निर्धारित किया गया। प्रदेश में गेहूं क्रय अवधि दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से 15 जून, 2022 तक निर्धारित है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए प्रदेश में 5608 क्रय केन्द्र स्थापित कर दिनांक 25 अप्रैल, 2022 तक लगभग 94 हजार मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किया गया।
18.61 लाख किसान लाभान्वित हुए
वर्ष 2020-21 में रुपये 7 हजार पचासी करोड़ 59 लाख का अल्पकालिक ऋण प्रदेश के किसानों को वितरित किया जा चुका हैं, जिससे 17.99 लाख किसान लाभान्वित हुये। वर्ष 2021-2022 में लगभग रुपये 7 हजार 539 करेाड़ 81 लाख ऋण का वितरण किया जा चुका है, जिससे 18.61 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।