New Delhi : प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रगतिशील किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। किसान मछली पालन के जरिये अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Deoria Jitendra Pratap Singh IAS) ने मंगलवार को गड़ेर स्थित प्रगतिशील किसान संकर्षण शाही के मत्स्य पालन केंद्र का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने मत्स्य पालन केंद्र के विषय में बारीकी से जानकारी प्राप्त की। केंद्र के संचालक संकर्षण शाही ने जिलाधिकारी को बताया कि उन्होंने दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में मछली पालन के लिए तालाब बनाये हैं। इसमें रोहू, भाकुर, पेंगीशियस, नैनी, ब्लैक कॉर्प सहित विभिन्न प्रजाति की मछलियों की सीड फार्मिंग की जाती है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त हुआ। कृषि विभाग की योजना से सोलर पंप एवं फार्म मशीनरी बैंक मिला।
उन्होंने बताया कि जनपद में मछली की अच्छी खासी डिमांड है। वे प्रतिवर्ष 500 कुंतल से अधिक मछली प्रति हेक्टेयर का उत्पादन करते हैं।आसपास के जनपदों से भी मछली के खरीददार आते हैं। प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है। उन्होंने अपने फार्म की सुरक्षा के लिए झटका मशीन वाली बाड़बंदी व सीसीटीवी कैमरे का इंतजाम भी किया है। लगभग 20 श्रमिक उनके मत्स्य पालन केंद्र पर रोजगार भी पा रहे हैं।
संकर्षण शाही के पिता रमारमण शाही ने नीली क्रांति मिशन के तहत आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। मत्स्य विकास अधिकारी नंदकिशोर ने बताया कि गड़ेर क्षेत्र में लगभग एक दर्जन से अधिक प्रगतिशील किसान वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन कर बेहतर आय प्राप्त कर रहे हैं।
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की कृषि एवं उसके सहायक गतिविधियों में आय बढ़ाने की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने जनपद के अन्य हिस्सों के प्रगतिशील किसानों गड़ेर में लर्निंग टूर आयोजित करने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि जनपद के किसानों को मत्स्य पालन के सफल मॉडल से परिचय कराना आवश्यक है।
इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी तथा जनपद के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। मत्स्य पालन कई प्राकृतिक प्रकोपों की स्थिति में भी सुरक्षित आय का विकल्प उपलब्ध कराता है। जिलाधिकारी ने जनपद के प्रगतिशील किसानों से प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने का अनुरोध किया।