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DEORIA BREAKING : खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम सख्त, विक्रेताओं को रखना होगा पूरा रिकॉर्ड, जानें

-डीएम ने उर्वरकों की कालाबाजारी तथा अंतरराज्यीय सीमा से लगे हुए क्षेत्रों में उर्वरकों की तस्करी किए जाने की सम्भावना को रोकने के दिए निर्देश

-उर्वरकों की उपलब्धता के लिए प्रभावी कार्रवाई किए जाने तथा इसका नियमित अनुश्रवण किए जाने का भी दिया निर्देश

-कृषकों के मध्य उनकी कृषि जोत फसल की निर्धारित संस्तुतियों के अनुसार उनके आधार कार्ड के आधार पर वितरण हो सुनिश्चित – डीएम

Deoria News : खरीफ 2022 की फसलों की बुआई का कार्य माह मई के मध्य से कृषक प्रारम्भ करते हैं। बुवाई के समय नत्रजनिक के साथ-साथ फास्फेटिक उर्वरकों की आवश्यक्ता माह जून एवं जुलाई में अधिक होने के कारण मांग में वृद्धि हो जाती है। उस समय कृषकों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जानी है।

फसल सीजन में प्रदेश के अन्तर्गत असमाजिक तत्वों के उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी अनुदानित उर्वरको का प्रयोग औद्योगिक इकाईयों में किए जाने तथा अन्तर्राज्जीय सीमा से लगे हुए क्षेत्रों में उर्वरकों की तस्करी किए जाने की सम्भावना के दृष्टिगत सतत् निगरानी और उर्वरक बिक्री केन्द्रों का स्थलीय निरीक्षण एवं उपलब्ध भौतिक सम्भार का सत्यापन किया जाना आवश्यक है।

नियमित समीक्षा करें अधिकारी

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने यह जानकारी देते हुए कृषकों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए  प्रभावी कार्रवाई किए जाने तथा इसका नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि जनपद में आपूर्तित एवं उपलब्ध उर्वरकों का कृषकों के मध्य उनकी कृषि जोत फसल की निर्धारित संस्तुतियों के अनुसार उनके आधार कार्ड के आधार पर वितरण सुनिश्चित की जाए। उर्वरकों की आपूर्ति उपलब्धता एवं वितरण की जनपद स्तरीय समिति साप्ताहिक बैठक आयोजित कर नियमित रूप से समीक्षा करें।

वितरण पर रहे नजर

उन्होंने कहा कि समीक्षा के दौरान संज्ञान में लाये गये प्रकरण पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जनपद में उर्वरक के आवक होने पर विभिन्न फुटकर, रिटेल विक्रेताओं में वितरण मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय समिति के जरिए सुनिश्चित कराया जाए। उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण के लिए कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सघन छापेमारी करायी जाए। जिन क्षेत्रों में उर्वरक की मांग अधिक है, जहां कृषकों के अधिक संख्या में आने की सम्भावना हो, वहां क्षेत्रीय कर्मचारियों की निगरानी में उर्वरकों का वितरण किया जाए।

स्टॉक की निगरानी होती रहे

जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के साथ थोक उर्वरक विक्रेताओं एवं बफर स्टाकिस्टों का सघन निरीक्षण किया जाए तथा सुनिश्चित किया जाए कि कहीं थोक उर्वरक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भण्डारण कर उर्वरकों का कृत्रिम अभाव तो उत्पन्न नहीं कर रहे हैं। अधिक भण्डारित स्टॉक को बाजार में कृषकों को बिक्री के लिए अविलम्ब अवमुक्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही दोषियों के विरुद्ध सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत विधिक कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए।

बाध्य करें तो होगा एक्शन

जिलाधिकारी ने कहा कि अगर उर्वरक विक्रेता कृषकों को मुख्य उर्वरक यथा यूरिया, डीएपी, एनपीके, कॉमप्लेक्स व एमओपी के साथ कम प्रचलित अन्य उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य करते हैं, तो सम्बन्धित के विरुद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1955 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की सुसंगत धाराओं में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करायी जाए। ऐसे उर्वरक विनिर्माता, प्रदायकर्ताओं पर सतर्क दृष्टि रखी जाए जो किसी थोक उर्वरक विक्रेता को प्रमुख उर्वरक यथा यूरिया, डीएपी, एनपीके एवं एमओपी की आपूर्ति दिये जाने के लिए कम प्रचलित उर्वरक प्राप्त करने के लिए भी बाध्य करते हों, तो बाध्यता की पुष्टि होने पर सम्बन्धित थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के साथ उर्वरक विनिर्माता एवं प्रदायकर्ता के विरुद्ध भी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए।

सुनिश्चित करायी जाए

जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त उर्वरकों की बिक्री निजी क्षेत्र, सहकारिता एवं अन्य बिक्री केन्द्रों के द्वारा शत प्रतिशत पीओएस के माध्यम से निर्धारित दर, मूल्य पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायी जाए। पीओएस के माध्यम से बिक्री न करने वाले तथा क्रेता कृषकों को मीओएस मशीन में निकलने वाली पर्ची नहीं देने वाले उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए।

विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई होगी

उन्होंने कहा कि एमएफएमएस पोर्टल पर उर्वरकों की बिक्री के लिए एक्नालेजमेण्ट की व्यवस्था के दृष्टिगत उर्वरक विनिर्माताओं से थोक विक्रेता और थोक विक्रेता से फुटकर विक्रेता तक उर्वरकों की रियल टाइम एक्नॉलेजमेण्ट की जाए, जिससे कृषकों को उर्वरक वितरण के साथ-साथ डीबीटी प्रणाली के अन्तर्गत वास्तविक क्रेता का नाम दर्ज हो सके। भौतिक रूप से जैसे ही उर्वरकों का मूवमेन्ट होता है, वैसे ही आनलाइन प्रणाली को भी अदयावधिक करना सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी प्रकार का विलम्ब करने वाले थोक, फुटकर विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

अनिवार्य होगा

डीएम ने आदेश देते हुए कहा कि प्रत्येक उर्वरक व्यवसायी के स्तर पर स्टॉक पंजिका, विक्रय पंजिका तथा रसीद अनिवार्य रूप से रखी जाए। उर्वरक विक्रेता अपने विक्रय केन्द्रों पर उर्वरक बिक्री करते समय उर्वरकों का वितरण विक्रय रजिस्टर पर अनिवार्य रूप से अंकित करेंगे। विवरण में क्रेता कृषक की जोत बही, खतौनी एवं बोई जाने वाली फसल का विवरण भी अनिवार्य रूप से अंकित किया जाएगा। थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उर्वरकों की उर्वरकवार बिक्री दर तथा स्टॉक का अंकन रेट, स्टॉक बोर्ड पर प्रतिदिन अंकित किया जाए।

रजिस्टर रखना होगा

जिलाधिकारी ने कहा कि उर्वरक विक्रेता अपने बिक्री केन्द्र पर एक उर्वरक बिक्री रजिस्टर रखा जाए, जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, गांव, श्रेणी, कृषित भूमि उर्वरक का नाम, मात्रा, प्राप्त धनराशि तथा कैश रसीद की संख्या एवं दिनांक का अंकन अनिवार्य रूप से किया जाए। प्रत्येक माह टॉप-20 बॉयर्स, बारबार आने वाले क्रेता की सूची एमएफएमएस पोर्टल से प्राप्त कर पूर्व में निर्गत आदेशानुसार सूची का परीक्षण करा लिया जाए। संदिग्ध प्रकरणों की टीम गठित करते हुए स्थलीय जांच कराकर नियमानुसार विधिक कार्रवाई करायी जाए। भारत सरकार के पोर्टल पर सत्यापन रिपोर्ट अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाए।

दूसरे जिले में न जाए उर्वरक

उन्होंने कहा कि यदि फुटकर विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य दर से अधिक कीमत पर उर्वरक बिक्री करता पाया जाए, तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1995 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधान के अनुसार प्रभावी विधि संगत कार्रवाई सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। जनपद के डीलरों द्वारा उर्वरक स्टॉक को एक जनपद से दूसरे जनपद के डीलर को कदापि बिक्री न किया जाए। जनपद के लिए जारी उर्वरक मूवमेन्ट प्लान के विपरीत किसी भी प्रकार के उर्वरकों का संचलन अनुचित है। इसका उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश 1985 तथा उर्वरक (परिसंचलन नियंत्रण) 1973 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाए।

छापेमारी की जाए

डीएम ने कहा कि अनुदानित यूरिया का उपयोग, गैर कृषि कार्य एवं औद्यौगिक इकाईयों में रोकने के लिए सम्बन्धित औद्यौगिक इकाईयों पर छापे डाले जाएं। निर्देशों का उल्लंघन,  अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने वाले असमाजिक तत्वों अथवा उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में निहित प्रावधान के अनुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए।

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