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DEORIA BREAKING : डीएम ने कोला गांव की प्रधान को जारी किया कारण बताओ नोटिस, पिछले महीने पंचायत सचिव को किया था सस्पेंड, जानें वजह

Deoria News : जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह (IAS Jitendra Pratap Singh DM Deoria) ने विकास खण्ड सलेमपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत कोला की ग्राम प्रधान तारामति देवी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मिली थी गड़बड़ी

दरअसल कोला में संचालित गौशाला का एसडीएम सलेमपुर ने दो बार निरीक्षण किया, जिसमें परिसर का दरवाजा बन्द, केयर टेकर भी अनुपस्थित तथा साफ-सफाई ठीक नहीं पाई गई। इस पर एक्शन लेते हुए डीएम ने प्रधान पद के दायित्वों के सम्यक निर्वहन न करने के आरोप में नियमावली के अन्तर्गत कारण बताओ नोटिस निर्गत किया है।

15 दिन में देना होगा जवाब

जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान तारामति देवी को यह भी निर्देश दिया है कि वह साक्ष्य सहित अपना उत्तर नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस के अन्दर जिला पंचायत राज अधिकारी, देवरिया के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

होगी कार्रवाई

निर्धारित अवधि में अथवा संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने की दशा में यह मानते हुए कि आपके द्वारा प्रधान पद के दायित्वों का सम्यक निर्वहन नही किया जा रहा है, अग्रेत्तर कार्रवाई सम्पादित कर दी जायेगी। इसके लिए वे सम्पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगीं।

20 अगस्त को हुआ था एक्शन

इससे पहले पिछले महीने 20 अगस्त को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर विकास खण्ड सलेमपुर के ग्राम महुई पांडेय, कोला स्थित गौशाला के रखरखाव में लापरवाही बरतने पर ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था।

दो बार जांच में मिली खामियां

दरअसल 2 अगस्त को एसडीएम ध्रुव कुमार शुक्ला ने इस गौशाला का निरीक्षण किया था। जिसमें परिसर का दरवाजा बंद मिला और केयरटेकर मौके पर मौजूद नहीं था। 5 अगस्त को उप जिलाधिकारी सलेमपुर गुंजन द्विवेदी ने फिर गौशाला का निरीक्षण किया, जिसमें कई विसंगतियां सामने आई थीं। परिसर में साफ-सफाई पर्याप्त नहीं मिली थी और केयरटेकर भी समय से उपस्थित नहीं था।

जिम्मेदारी सौंपी गई है

जिलाधिकारी ने बताया कि शासनादेश के अनुसार अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों पर पशुओं के देखरेख एवं सुरक्षा के लिए पशु रक्षक, श्रमिक की व्यवस्था कराना ग्राम्य विकास, पंचायती राज विभाग का दायित्व है। साथ ही अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना, क्रियान्वयन, संचालन व प्रबंधन के अनुश्रवण प्रशासकीय व्यवस्था में ग्राम प्रधान को अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है, जिसमें संरक्षित गोवंश को चारा-दाना, पीने का पानी की व्यवस्था करने आदि की जिम्मेदारी के लिए अधिकृत किया गया है।

लापरवाही मिली थी

इस ग्राम पंचायत में पशुओं की देखभाल करने के लिए केयरटेकर की व्यवस्था कराना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी थी। परंतु ग्राम प्रधान व सचिव ने केयरटेकर की नियमित व्यवस्था नहीं कराई है। इसके लिए ग्राम प्रधान व सचिव पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर ग्राम पंचायत अधिकारी प्रवीन कुमार को निलंबित किया गया था। निलंबन की अवधि में उन्हें जिला पंचायती राज अधिकारी कार्यालय से सम्बद्ध किया गया था।

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