-ग्राम भरौटा के तत्कालीन प्रधान को अनियमितता धनराशि की वसूली के लिए डीएम ने दी नोटिस
-गठित जांच समिति ने 6,88,181 रुपये के दुरुपयोग की पुष्टि की
-15 दिन के अंदर देना होगा जवाब -अन्यथा भू राजस्व की भाँति की जाएगी वसूली व विधिक कार्रवाई
Deoria News : जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh IAS) ने विकासखंड तरकुलवा अंतर्गत ग्राम पंचायत भरौटा के तत्कालीन प्रधान शंकर यादव को शासकीय धन के दुरुपयोग किए जाने पर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है। उन्होंने कहा है कि दुरुपयोग की गई 6,88,181 रुपये की कुल शासकीय धनराशि की आधी धनराशि 3,44,090 रुपये की वसूली मय ब्याज क्यों न किया जाए?
15 दिन में मांगा जवाब
जिलाधिकारी ने कहा है कि तत्कालीन ग्राम प्रधान इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यदि निर्धारित अवधि में प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि लगाए गए आरोप स्वीकार हैं और उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दुरुपयोग की गई धनराशि की वसूली भू-राजस्व के बकाए की भांति करते हुए विधिक कार्रवाई भी की जाएगी। जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
कमेटी ने दोषी पाया
उल्लेखनीय है कि ग्राम भरौटा निवासी उपेंद्र राव के लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत परिवाद पर जिलाधिकारी ने डीपीआरओ, क्षेत्राधिकारी सदर एवं सहायक अभियोजन अधिकारी देवरिया की त्रिस्तरीय जांच समिति गठित कर इसकी जांच कराई। समिति ने विभिन्न बिंदुओं पर कुल 6,88,181 रुपये की लागत से कराए गए कार्यों को मौके पर नहीं पाया। अर्थात उक्त धनराशि बिना कार्य कराए ही आहरित कर ली गई।
विभागीय कार्रवाई होगी
इस अनियमितता के दोषी तत्कालीन ग्राम प्रधान शंकर यादव एवं ग्राम पंचायत सचिव आस मोहम्मद संयुक्त रूप में पाए गए। दुरूपयोगित धनराशि की वसूली किए जाने के लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान को ‘कारण बताओ नोटिस’ दिया गया एवं निर्धारित समय के अंतर्गत उत्तर नहीं देने पर उक्त धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भांति की जाएगी। ग्राम पंचायत सचिव पर भी वित्तीय अनियमितता के लिए वसूली के साथ ही कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।