उत्तर प्रदेशखबरें

सुझाव : आम के फल को बचाने के लिए इन कीटनाशक का करें इस्तेमाल, जानें पूरी प्रक्रिया

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डॉ आरके तोमर ने कहा है कि प्रदेश में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिये सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित समय प्रबन्धन नितान्त आवश्यक है। बौर निकलने से लेकर फल लगने तक की अवस्था अत्यन्त ही संवेदनशील होती हैं। वर्तमान में आम को मुख्य रूप से भुनगा एवं मिज कीट तथा खर्रा रोग से क्षति पहुँचने की सम्भावना बनी रहती है।

उद्यान निदेशक ने आम उत्पादकों को सलाह देते हुए कहा कि आम के बागों में भुनगा कीट कोमल पत्तियों एवं छोटे फलों के रस चूसकर हानि पहुचाते हैं। प्रभावित भाग सूखकर गिर जाता है। साथ ही यह कीट मधु की तरह का पदार्थ भी विसर्जित करता है, जिससे पत्तियों पर काले रंग की फफूँद जम जाती है। फलस्वरूप पत्तियों द्वारा हो रही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मंद पड़ जाती है।

ये लक्षण हैं
इसी प्रकार से आम के बौर में लगने वाला मिज कीट मंजरियों एवं तुरन्त बने फलों तथा बाद में मुलायम कोपलों में अण्डे देती है, जिसकी सूँडी अन्दर ही अन्दर खाकर क्षति पहुंचती हैं। प्रभावित भाग काला पड़ कर सूख जाता है। भुनगा एवं मिज कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मिली प्रति लीटर पानी) या क्लोरपाइरीफास (2.0 मिली/ली पानी) अथवा डायमेथोएट (2.0 मिली/ली पानी) की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

इन कीटनाशक का प्रयोग करें
डॉ आरके तोमर ने आगे बताया कि इसी प्रकार खर्रा रोग के प्रकोप से ग्रसित फल एवं डंठलों पर सफेद चूर्ण के समान फफूँद की वृद्धि दिखाई देती है। प्रभावित भाग पीले पड़ जाते हैं तथा मंजरियाँ सूखने लगती हैं। इस रोग से बचाव के लिए ट्राइडोमार्फ 1.0 मिली ली या डायनोकेप 1.0 मिलीली/ली पानी की दर से भुनगा कीट के नियंत्रण हुई प्रयोग किये जा रहे घोल के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

सुरक्षित रखें
उद्यान निदेशक ने बताया कि बागवानों को यह भी सलाह दी जाती है कि बागों में जब बौर पूर्ण रूप से खिला हो, तो कम से कम रासायनिक दवाओं का छिड़काव किया जाये। जिससे पर-परागण क्रिया प्रभावित न हो सके। कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियाँ कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए।

मिट्टी में दबा दें
कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मुँह को मास्क व आँखों को चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशक त्वचा व आँखों में न जाय। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए। कीटनाशक के खाली पाउच/डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।

Related posts

निरीक्षण : जिला कार्यक्रम अधिकारी ने शहर के 6 आंगनवाड़ी केन्द्रों का जाना हाल, कहीं बच्चे कम तो कुछ केंद्र मिले बंद, हुई ये कार्रवाई

Harindra Kumar Rai

DEORIA : कोविड वैक्सीनेशन के लिए चलेगा विशेष अभियान, इन वर्ग के लोगों पर रहेगा खास ध्यान

Abhishek Kumar Rai

DEORIA BEAKING : 20 जून तक नहीं निपटे मामले तो लेखपालों पर होगी कार्रवाई, डीएम ने दिए ये आदेश

Sunil Kumar Rai

डीएम ने किया निर्माणाधीन सीड स्टोर का निरीक्षण : खराब गुणवत्ता पर जताई कड़ी नाराजगी, जेई पर एक्शन

Abhishek Kumar Rai

UP Election 2022 : ‘सिर्फ बसपा पर भरोसा करें यूपी के वोटर,’ मायावती ने मतदाताओं से भावुक अपील की, गिनाईं उपलब्धियां

Sunil Kumar Rai

NEWS IMPACT : युवक की मौत के मामले में गौरी बाजार पुलिस ने चौथे दिन दर्ज की FIR, ऐसे शक के घेरे में आए आरोपी

Satyendra Kr Vishwakarma
error: Content is protected !!