Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने गोरखपुर के महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय (Guru Gorakhnath Ayush University) के निर्माण कार्य के लिए 9271.91 लाख (बानबे करोड़ इकहत्तर लाख इक्यानवे हजार मात्र) की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इस विश्वविद्यालय के लिए 26750.56 लाख रुपये (दो अरब सड़सठ करोड़ पचास लाख छप्पन हजार रुपये) की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जिसके सापेक्ष प्रथम किश्त 600.11 लाख रुपये (छः करोड़ ग्यारह हजार रुपये) पूर्व में जारी की जा चुकी है।
बताते चलें कि प्रदेश में संचालित राजकीय एवं निजी आयुष महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र के नियमन एवं प्रवेश में एकरूपता तथा योग एवं नेचुरोपैथी में उत्कृष्ट शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है। इस सम्बंध में आयुष विभाग ने शासनादेश जारी करते हुए निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं उप्र लखनऊ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है।
जिम्मेदारी तय होगी
उसमें कहा गया कि महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य आयुष मंत्रालय भारत सरकार के स्तर पर गठित सीसीआईएम के मानकों के अनुसार किया जाना सुनिश्चित किया जाए। निदेशक, आयुर्वेद सेवायें एवं कार्यदायी संस्था यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रायोजन का सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही कार्य कराया जायेगा। कार्य की गुणवत्ता मानक एवं विशिष्टियों की जिम्मेदारी निदेशक आयुर्वेद सेवायें एवं कार्यदायी संस्था की होगी।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किया था शिलान्यास
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने इसी साल 28 अगस्त को गोरखपुर में विकास खण्ड भटहट के पिपरी गांव में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया था। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान भगवान इंद्रदेव भी अपना आशीर्वाद देने के लिए हमारे बीच पधारे हैं। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में मान्यता है कि शुभ कार्य संपन्न होने के दौरान यदि आकाश से पानी की बूंदे गिरने लगें, तो कहा जाता है कि कार्य शुभ से अत्युत्तम शुभम हो गया।
इस वजह से बनाया जा रहा है
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर की स्थापना से प्रदेश के आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो सकेंगे। इससे आयुष महाविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया, सत्र का नियमन, परीक्षा का संचालन एवं परिणाम में एकरूपता स्थापित हो सकेगी। आयुष विश्वविद्यालय में आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का एक उत्कृष्ट श्रेणी का शोध संस्थान भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें अन्तर्विभागीय चिकित्सा पद्धतियों का पारस्परिक समन्वय करते हुए शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा।
52 एकड़ भूमि में बन रहा है
आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना एवं संचालन के लिए गोरखपुर में 52 एकड़ भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है। इस विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपए है। प्रदेश सरकार ने मई, 2017 में नये स्वतंत्र विभाग के रूप में आयुष विभाग का गठन किया गया। आयुष के अन्तर्गत आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, होम्योपैथी तथा सिद्ध चिकित्सा पद्धतियां शामिल हैं। वर्तमान में आयुष विभाग के अन्तर्गत आयुर्वेद, होम्योपैथिक, यूनानी एवं आयुष मिशन निदेशालयों का संचालन किया जा रहा है।
कुल 94 आयुष महाविद्यालय हैं
प्रदेश में कुल 94 आयुष महाविद्यालय हैं, जिसमें 19 राजकीय एवं 75 निजी महाविद्यालय हैं। आयुष महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर 7500 सीटों पर एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 525 सीटों पर प्रवेश की क्षमता है। वर्तमान में राजकीय आयुष महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर प्रवेश क्षमता 720 से बढ़कर 1690 एवं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रवेश क्षमता 30 से बढ़कर 111 हो गई है। आयुष विभाग के अन्तर्गत 3942 राजकीय चिकित्सालय संचालित हैं। जिसमें 2104 आयुर्वेद, 1584 होम्योपैथी एवं 254 यूनानी विधा से सम्बन्धित हैं।