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मरीजों और परिजनों को मिलेट्स की जानकारी दे रहा ये संस्थान : सालाना 10000 प्रतियां करेगा वितरित, जानें क्या है लक्ष्य

Uttar Pradesh : पोषण संबंधी अपनी खूबियों की वजह से मिलेट्स (मोटे अनाज) हर किसी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। लोग बाजरा, सावां, कोदो, टांगुन जैसे मोटे अनाजों की इन खूबियों को जानें, स्वाद के अनुसार इनको पसंदीदा डिश के रूप में अपने नाश्ते, लंच, और डिनर में इनको शामिल करें, यह केंद्र सरकार के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की भी मंशा है। इसके लिए वह हर संभव प्रयास भी कर रही है।

अपनी पोषण संबंधी खूबियों के साथ मोटे अनाज सुपाच्य भी होते हैं। इसलिए यह बीमार लोगों और बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों के लिए तो और भी उपयोगी हैं। इसी के मद्देनजर लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने एक अच्छी पहल की है। यहां भर्ती मरीजों एवं उनके परिजनों को सावां का डोसा, मल्टीग्रेन (मिश्रित अनाजों) का नमक पारा, मडुवा का चीला, कुट्टू की बर्फी, बाजरा चकली, ज्वार मठरी, कुट्टू की सेव, रामदाना टिक्की, कोदो की खिचड़ी, कुट्टू की कढी, बाजरे का लड्डू, रागी का पेड़ा आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है।

इस बाबत संस्थान की डायटिशियन और पोषण विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मिलकर एक व्यंजन पुस्तिका तैयार की है। इसमें मोटे अनाजों की महत्ता और 14 तरह के चटपटे और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की आसान रेसिपी शामिल की गई है। संस्थान की ओर से तैयार पुस्तिका का नाम है- ‘पोषण की खान, स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक धान्य।’ इसे संस्थान की डायटिशियन पूनम तिवारी के साथ डायटिशियन अनामिका सिंह, डौली इदरीसी, प्रियंका सिंह और इंटर्न महिमा गुप्ता, शिवानी यादव, शुभी, प्रियंका समेत 30 लोगों की टीम ने मिलकर तैयार किया है। यह पुस्तिका मरीजों को निःशुल्क वितरित की जाएगी। संस्थान का लक्ष्य सालाना 10 हजार प्रतियां वितरित करने का है।

सबके लिए उपयोगी होगी यह पुस्तिका :पूनम तिवारी
मोटे अनाज भारत की परंपरा एवं संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। भारत 2018 में मिलेट्स वर्ष मना चुका है। भारत की ही पहल पर 2023 को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर के रूप में मना रही है। सरकार हर संभव प्लेटफॉर्म पर इसकी ब्रांडिंग भी कर रही है। इससे लोगों में इन अनाजों को लेकर जागरूकता भी आयी है। आसानी से घर पर मोटे अनाजों से कैसे पसंद के अनुसार स्वादिष्ट बनाये जा सकते हैं, यही इस पुस्तिका का मकसद है। यह आम आदमी, बीमार और बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। खासकर पेट, हृदय रोग, मधुमेह या हादसे से उबर रहे लोगों के लिए। इनको लंबे समय तक नियंत्रित एवं पोषण युक्त डाइट की जररूत होती है। कुछ रोगों में तो यह उम्र भर के लिए उपयोगी होगी।

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