Deoria News : देवरिया में आयुर्वेद चिकित्सकों की एक बैठक सिंगही देवरिया स्थित कैंप कार्यालय पर हुई। इसमें मौजूदा वक्त में आयुर्वेद पद्धति के अनर्गल विरोध पर चर्चा हुई। साथ ही पीएम से उचित कार्रवाई की मांग की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए आरोग्य भारती (Arogya Bharti) के प्रांतीय उपाध्यक्ष व पूर्व जिला उपाध्यक्ष भाजपा देवरिया डॉ अजीत नारायण मिश्र ने कहा कि आज पूरे विश्व में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग जोरों पर हैं। लोगों का आयुर्वेदिक चिकित्सा पर विश्वास जगा है। प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से ही सभी चिकित्सा पद्धतियों का जन्म हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज आधुनिक चिकित्सा पद्धति जिस मुकाम पर है, वह आयुर्वेद की ही देन हैl चाहे वह सर्जरी हो या अंगों का प्रत्यारोपण, यह सभी सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में वर्णित है। मगर कुंठित विचारधारा के कुछ लोग आयुर्वेद का विरोध कर रहे हैं। उन्हें पुराने ज्ञान का अनुभव नहीं है। वह सिर्फ मशीनी ज्ञान पर आधारित चिकित्सा पद्धति की तरफ आकृष्ट हो रहे हैं, जिसका आधारभूत आयुर्वेद ही है।
प्रांतीय उपाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार की सर्जरी को आयुर्वेदिक सर्जन को अधिकार देकर बड़ा कदम उठाया। अब सभी प्रकार की सर्जरी आयुर्वेद के सर्जन कर सकते हैं तथा उनके चिकित्सक आवश्यकता पड़ने पर आकस्मिक रोगियों को आधुनिक दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं।
इससे लोगों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा व्यवस्था मिल सकेगी और मानवता का कल्याण होगाl लेकिन ग्रसित विचारधारा के लोग आयुर्वेद का विरोध कर रहे हैं। उनका इस तरह का विरोध भारतीय संस्कृति के ध्वजा वाहक आयुर्वेद का विरोध है, जो देश की संस्कृति और सभ्यता का विरोध है।
उन्होंने केंद्र सरकार से इस तरह के विरोधियों के खिलाफ देशहित को देखते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की है। बैठक में मुख्य रूप से डॉक्टर केके सिंह, डॉक्टर साहब यादव, डॉक्टर श्वेता, डॉक्टर केसी पांडे, डॉक्टर श्याम सुंदर सिंह, डॉ जनार्दन, डॉ संजय कुमार, डॉ उपेंद्र, पंकज कुमार चतुर्वेदी, अंजलि, डॉ विनीत, डॉ प्रीति, डॉ अनिल कुमार मणि आदि उपस्थित रहे।