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एमिटी यूनिवर्सिटी : 7वें ग्लोबल लीडरशिप रिसर्च सम्मेलन में हुआ विशेषज्ञों का संगम, इन हस्तियों ने साझा किए अनुभव

Noida News : छात्रों में उद्यमिता और नेतृत्वता जैसे गुणों के विकास, उद्यमियों, अकादमिकों, शोधार्थियों और विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करने के लिए एमिटी बिजनेस स्कूल ने ‘‘लीडिंग इन दी न्यू रियालिटी’’ विषय पर ऑनलाइन 7वें ग्लोबल लीडरशिप रिसर्च सम्मेलन का आयोजन किया।

इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ राज्यसभा सांसद डॉ सस्मित पात्रा, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कार्ल मूर, डॉ अशोक कुमार चौहान, संजीव सान्याल, चांसलर डॉ अतुल चौहान, वाइस चांसलर डॉ (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और डॉ संजीव बंसल ने किया। इस मौके पर डॉ कार्ल मूर, ब्लैकरॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर और टेक एवं ओफ्स के भारत प्रमुख निशांत गोविल और कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड की एचआर हेड अरून्धती मुकु को एमिटी एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।

सब लीडर हैं
इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए राज्यसभा सांसद डॉ सस्मित पात्रा ने कहा, “जब आप नेता कहते हैं, तो आपको खादी पहने राजनेताओं की झलक दिखती है। लेकिन ऐसा नहीं है। हमें समझना होगा कि नेतृत्व का अर्थ घर का संचालन करने वाली गृहिणी से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक है। कोविड की अनिश्चितता ने हमें कई सारे अवसर प्रदान किये हैं। अगर हमें नव समान्य में सफल होना है, तो नवाचार ही उसकी मुख्य चाबी है। हमें शोध ओर नवाचार के क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। उन्होनें कहा कि डॉ चौहान ने 30 वर्ष पहले शिक्षा के विकास का वृक्ष लगाया था। आज बड़ी संख्या में उससे छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।”

प्रोत्साहित करना होगा
डॉ कार्ल मूर ने कहा कि एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का शीर्षक अत्यधिक उपयुक्त और प्रासंगिक है। विश्व को महामारी के उपरांत अभूतपूर्व तरीके से फिर से बनाया गया है। नव वास्तविकता के अनुकूल होने के लिए नए तरीकों, नई प्रणालियों, नए विचारों और नए वातावरण को प्रस्तुत, कार्यान्वयन करना होगा। संस्थानों को यह देखना होगा कि रिमोट तरीके से कार्य करने वाले लोगों को कैसे प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकते हैं।

सफलता मिलेगी
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा, एमिटी के शिक्षण वातावरण में हम छात्रों को सफल बनाने के लिए मूल्यों और संस्कारों के साथ शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होनें छात्रो से कहा कि सम्मेलन में आये उद्यमियों, विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करें। इनके विचारो से आप नेतृत्व के गुण को समझ कर जीवन में सफल होंगे। किसी भी देश का विकास उद्योग, शोध और नवाचार से संभव है। इसलिए हमें नवाचार के महत्व को समझना होगा।

गुंजाइश कम होती है
वित्त मंत्रालय के प्रिसिंपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने संबोधित करते हुए कहा, द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत कोरोना महामारी सबसे बड़ा आर्थिक और मानवीय झटका रहा है। उन्होनें छात्रों को ऐसी परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता को बताते हुए कहा कि सबसे पहले आपको समझना चाहिए कि आप एक ऐसे वातावरण में हैं, जहां संभावनाओं और अनुमानों की गुजाइंश कम हेाती है।

इन्होंने रखे विचार
कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ अतुल चौहान, वाइस चांसलर डॉ (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डॉ संजीव बंसल ने अपने विचार रखे

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