Deoria News : बार-बार मना करने के बावजूद पराली जलाने वाले किसानों को प्रशासन बड़ा झटका देगा। ऐसे किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में मिलने वाले अनुदान से वंचित रखा जाएगा। इसीलिए किसानों को जागरूक करने के लिए न्याय पंचायत और गांव में गोष्ठी आयोजित की जा रही हैं। फसल अवशेष के निस्तारण के विकल्प दिए जा रहे हैं।
दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और अदालतों के दिशा निर्देशानुसार पराली जलाना प्रतिबंधित है। इसके अनुपालन के लिए देवरिया प्रशासन ने किसानों को जागरूक करने का अभियान चलाया है। गांव और न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठी आयोजित कर पराली प्रबंधन के उपाय बताए जा रहे हैं। बावजूद इसके जनपद में पराली जलाने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
ऐसे में जिला प्रशासन अब सख्ती अपना रहा है। शनिवार तक देवरिया में पराली जलाने वाले 3 किसानों पर ₹10000 का जुर्माना लगाया गया है। जबकि बिना एसएमएस लगे 2 कंबाइन हार्वेस्टर फसल कटाई करते हुए पकड़े गए और उन्हें सीज किया गया है।
जुर्माने के अलावा प्रशासन ऐसे किसानों के खिलाफ दूसरी कार्रवाई की तैयारी में है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई किसान बार-बार पराली जलाता है, तो उसे कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में दिए जाने वाले अनुदान से वंचित रखा जाएगा। प्रशासन ऐसे सभी कृषकों का रिकॉर्ड रखेगा और भविष्य में मिलने वाले योजनाओं का लाभ न दिए जाने की सिफारिश की जाएगी।
प्रशासन ने कहा है कि यदि किसी गांव में कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाएगा, तो 2 एकड़ क्षेत्र से कम पर ढाई हजार रुपया प्रति घटना , दो से 5 एकड़ क्षेत्रफल पर ₹5000 प्रति घटना तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल पर ₹15000 प्रति घटना की दर से जुर्माना तहसील के माध्यम से वसूल कराया जाएगा।
साथ ही अगर किसी क्षेत्र में बिना एसएमएस लगे हार्वेस्टर फसल की कटाई कर रहा है, तो उसे संबंधित थाना के माध्यम से तत्काल सीज कराया जाएगा। सीज हार्वेस्टर को तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक की हार्वेस्टर मालिक अपने स्वयं के खर्च पर हार्वेस्टर में एसएमएस लगवा नहीं लेता है।