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यूपी का उत्कर्ष : योगी सरकार ने स्कूल से लेकर एयरपोर्ट तक का किया कायाकल्प, जानें कैसे बदली सूबे की सूरत

Uttar Pradesh : सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि हमारी सरकार ने हर समुदाय के लिए योजनाएं बनायी। राज्य सरकार ने 43.5 लाख आवास बनाये हैं। यह बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लाभार्थियों को उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यक आबादी 19 से 20 प्रतिशत है। सभी लाभार्थीपरक योजनाओं में अल्पसंख्यक आबादी को 35 फीसदी तक लाभ मिला है।

उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व प्रदेश के नागरिकों के हितों के प्रति है। हमने पहले ही कहा था कि विकास सबका लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं। राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को बिना भेदभाव के दिया जा रहा है। लोकतंत्र सेनानी की पेंशन 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये की गयी है।

दमक रही है

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी पारदर्शित व ईमानदारी से कार्य किया है। जनपद कन्नौज में इत्र उद्योग को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जोड़ा गया है। वर्तमान में कन्नौज से 800 करोड़ रुपये के इत्र का व्यापार हो रहा है। विगत 05 वर्षों में कन्नौज में 55 इत्र की इकाइयां लगी हैं। कोरोना काल में भी 2.7 मिलियन डॉलर का इत्र का निर्यात किया गया। वर्तमान में कन्नौज के इत्र की खुशबू विश्वस्तर पर दमक रही है।

50 एकड़ की गयी

जनपद कन्नौज में इत्र पार्क की परियोजना के लिए वर्ष 2017 में प्रथम चरण में भूमि 30 एकड़ के स्थान पर 50 एकड़ की गयी। मानचित्र स्वीकृत कराया गया। ‘इत्र पार्क एवं संग्रहालय, कन्नौज’ का नाम दिया। इत्र पार्क एवं संग्रहालय के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान ऋण के रूप में किया गया है। वर्तमान में 30 एकड़ भूमि पर बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य 265 लाख रुपये एवं सड़क, नाली, पुलिया के विकास कार्य भी 800 लाख रुपये से प्रगति पर है, जिसकी भौतिक प्रगति लगभग 50 प्रतिशत है। यहां व्यवस्थित ढंग से काम हो रहा है।

निर्यात हो रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ हमारी विरासत की प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक प्रोडक्ट्स को जीआई प्राप्त हुआ है। इन उत्पादों को फिर से वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। प्रधानमंत्री ने जापान में मथुरा के ओडीओपी से जुड़े प्रोडक्ट को उपहार के रूप में दिया। हम आत्मनिर्भर भारत और परम्परागत उद्यम को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2017 तक मुरादाबाद का ब्रास उद्योग लड़खड़ा गया था। भदोही के कालीन उद्योग के सामने चुनौतियां थीं। वर्तमान में मुरादाबाद से 06 हजार करोड़ रुपये के ब्रास का सामान, भदोही से 4,000 करोड़ रुपये के कालीन का निर्यात हो रहा है।

1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है

फिरोजाबाद का कांच उद्योग नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के साथ आत्मनिर्भर भारत के लिए भी आधार बन रही है। केन्द्रीय बजट में भी इसे स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश से होने वाला निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रुपये था। वर्ष 2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की गयी। इससे प्रदेश का निर्यात बढ़कर वर्तमान में 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

धनराशि नहीं दी गयी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 05 वर्षों में सिविल एयरपोर्ट की स्थापना और विकास पर 5,694.98 करोड़ रुपये खर्च किये। इसमें जेवर, अयोध्या, बरेली, प्रयागराज के एयरपोर्ट पर कार्य हुआ। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2012-17 के मध्य एयरपोर्ट के विकास के लिए कुल 694 करोड़ रुपये निर्गत किये, उसे भी अन्यत्र डायवर्ट कर दिया गया। मेरठ के एयरपोर्ट के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने जो धनराशि निर्गत की थी, उसे बाद में डायवर्ट कर दिया गया। अन्य एयरपोर्ट के लिए कोई धनराशि नहीं दी गयी।

77 गंतव्य हवाई मार्ग से जुड़े हुए हैं

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में लखनऊ एवं वाराणसी के 02 एयरपोर्ट क्रियाशील थे। गोरखपुर और आगरा के एयरपार्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे। हमारी सरकार ने 05 वर्ष में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील किये। पूर्ववर्ती सरकार में 25 गंतव्य हवाई मार्ग से जुड़े थे, वर्तमान में 77 गंतव्य हवाई मार्ग से जुड़े हुए हैं। हमारी सरकार एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।

भूमि प्राप्त की जा चुकी है

सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री ने की थी। इस कॉरिडोर में 06 नोड हैं। डिफेंस कॉरिडोर के लिए 1598.84 हेक्टेयर भूमि प्राप्त की जा चुकी है। कॉरिडोर में निवेश के लिए 8,640 करोड़ रुपये के एमओयू भी हो चुके हैं। इस कॉरिडोर में डीआरडीओ लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण की इकाई तथा झांसी में भारत डायनमिक्स लि की इकाई स्थापित की जा रही है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए अलग से बजट नहीं, बल्कि कन्वर्जन के माध्यम से कार्य किया जा रहा है।

टेस्ट किये जा सकते हैं

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्य किया। इसके लिए इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (आईटीसी), पीकू, मिनी पीकू आदि चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की गयीं। कोरोना संक्रमण के प्रारम्भ में प्रदेश में एक भी आरटीपीसीआर लैब नहीं थी। वर्तमान में 209 आरटीपीसीआर लैब क्रियाशील हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन 02 लाख से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट किये जा सकते हैं।

संख्या में वृद्धि की है

कोरोना संक्रमण के प्रारम्भ में प्रदेश के 36 जनपदों में एक भी आईसीयू बेड नहीं था। आज हर जनपद में आईसीयू बेड और ट्रेण्ड स्टाफ उपलब्ध है। वर्तमान राज्य सरकार ने 5 साल में मेडिकल कॉलेजों में अण्डर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या में वृद्धि की है।

प्रगति को प्रदर्शित कर रहा है

सीएम ने कहा कि 16 असेवित जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के नतीजों के मुताबिक मैटरनल एनीमिया, संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर सहित स्वास्थ्य के सभी मानकों पर प्रदेश में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। एनएफएचएस-4 की तुलना में एनएफएचएस-5 में संस्थागत प्रसव की संख्या 67.80 प्रतिशत से बढ़कर 83.4 प्रतिशत हो गई है। 70 प्रतिशत बच्चों का पूरा टीकाकरण हुआ है। लिंगानुपात में सुधार हुआ है। यह प्रदेश की सभी क्षेत्रों में प्रगति को प्रदर्शित कर रहा है।

इतना निवेश हो रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार से निवेश के जो एमओयूहुए थे, उनमें से लगभग सभी पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर और रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 10-10 हजार करोड़ रुपये के ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, सैमसंग 05 हजार करोड़ रुपये की डिस्प्ले यूनिट, हीरानंदानी समूह 09 हजार करोड़ रुपये का डेटा सेण्टर पार्क, वीवो और ओप्पो मोबाइल क्रमशः 07 हजार 429 करोड़ रुपये और 02 हजार करोड़ रुपये की मोबाइल निर्माण इकाइयां स्थापित कर रही हैं। अल्ट्राटेक सीमेण्ट की सीमेण्ट ग्राइंडिंग इकाई, पेप्सिको की खाद्य प्रसंस्करण इकाई के साथ-साथ मेडिकल डिवाइस पार्क, बल्क ड्रग पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, गारमेण्ट पार्क, अपैरल पार्क, ट्वॉय पार्क निर्मित हो रहे हैं। 03 जून, 2022 को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 80 हजार करोड़ रुपये के निवेशों की ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरेमनी होने जा रही है।

पहले स्थान पर है

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। भारत सरकार ने मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 10 शहरों का चयन किया है। प्रदेश सरकार शेष 07 नगर निगमों को अपने संसाधनों से राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से विकसित कर रही है। स्मार्ट सिटी के विकास के लिए कन्वर्जन्स के मॉडल को भी लागू किया गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश में आईसीसीसी ने उल्लेखनीय कार्य किया। इन शहरों में स्मार्ट सिटी में इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर, इन्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम, स्मार्ट रोड, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, स्मार्ट क्लासेस, स्मार्ट हेल्थ एटीएम, वाटर रीयूज प्रोजेक्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट आदि परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। अप्रैल, 2022 में सम्पन्न स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। 100 स्मार्ट सिटी में आगरा चौथे, वाराणसी 5वें, प्रयागराज 13वें और लखनऊ 15वें स्थान पर है। अयोध्या को स्टेट स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत चयनित कर विभिन्न कार्यक्रम आगे बढ़ाए जा रहे हैं।

बढ़ेगा उत्पादन

उन्होंने कहा कि प्रदेश की पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी 2016-17 में 16,348 मेगावॉट थी, जो 2021-22 में बढ़ाकर 28,000 मेगावॉट की गयी है। वर्ष 2017-22 की अवधि में उत्पादन क्षमता में 1,980 मेगावाट की वृद्धि की गयी है। आगामी दो वर्षों में ओबरा (सोनभद्र) में 1,320 मेगावॉट, जवाहरपुर (एटा) में 1,320 मेगावॉट, घाटमपुर (कानपुर देहात) में 1,980 मेगावॉट और पनकी (कानपुर नगर) में 660 मेगावॉट कुल 5,280 मेगावॉट की परियोजनाओं को पूर्ण किया जाना है। प्रदेश में विद्युत वितरण व्यवस्था में अब कोई वीआईपी जनपद नहीं है। प्रत्येक जनपद को बिना भेदभाव के समान रूप से विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

साफ हो रहीं नदियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत गंगा जी के साथ-साथ सहायक नदियां भी सम्मिलित हैं। इस परियोजना में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री फरवरी, 2020 में कानपुर गये थे। कानपुर में सीसामऊ नाले को टैप करके गिरने वाले अशोधित जल को रोका गया है। यह स्थान अब सीवर प्वाइंट से सेल्फी प्वाइंट बन गया है। जाजमऊ के नाले के कारण गंगाजी के जलीय जीव नष्ट हो गये थे। वर्ष 2019 में राज्य सरकार ने प्रयागराज में अविरल, निर्मल कुम्भ का आयोजन कराया। इस आयोजन में 24 करोड़ श्रद्धालु आये और उन्होंने भव्य, दिव्य एवं स्वच्छ कुम्भ देखा।

सैनिक स्कूलों पर काम किया

सीएम ने कहा कि वर्ष 2012-17 के मध्य पूर्ववर्ती सरकार ने सैनिक स्कूलों के लिए 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की। हमारी सरकार ने 2017-22 के बीच सैनिक स्कूलों को 216.56 करोड़ रुपये का धनावंटन किया। वर्तमान में प्रदेश में 05 सैनिक स्कूलों में से 04 क्रियाशील हैं। एक सैनिक स्कूल निर्माणाधीन है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ सम्पूर्णानन्द ने वर्ष 1960 में प्रदेश की राजधानी में देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना करायी थी। हमारी सरकार ने इस स्कूल की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना किया है। साथ ही, इसमें बालिकाओं के प्रवेश का प्राविधान किया है।

ग्राम पंचायत स्तर पर खुलेंगे स्कूल

इसके अलावा, प्रदेश में 16 नये सैनिक स्कूलों की स्थापना का प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है। सैनिक स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर स्थापित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से परिषदीय स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं। प्रत्येक मण्डल में श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। आगामी समय में इन विद्यालयों को जनपद, विकासखण्ड तथा ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा।

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