उत्तर प्रदेशखबरें

डेढ़ महीने में 3 करोड़ से अधिक कृषि भूमि पर पैदावार का सर्वे करेगी योगी सरकार : दो चरणों में होगी खरीफ फसलों की ‘ई-पड़ताल’

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में अन्नदाता किसानों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने केंद्र की एग्रीस्टैक योजना को प्रदेश में वृहद स्तर पर लागू करने की कार्ययोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। केंद्र द्वारा फसलों के निरीक्षण व किसानों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत एग्रीस्टैक योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य देश में फसलों का एक केंद्रीयकृत डाटाबेस तैयार करना है।

यह डाटाबेस किसानों के लिए ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ की तरह काम करेगा जहां उन्हें फसलों संबंधी समस्याओं के निराकरण, सरकारी अनुदान व प्रशस्ति प्रबंधन और विस्तृत बाजार तक पहुंच जैसी अनेकों सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी। इसी तर्ज पर कार्य करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में ‘ई-पड़ताल’ सर्वे को अंजाम देने की विस्तृत रूपरेखा पर कार्य शुरू हो गया है।

10 अगस्त से होगी सर्वे की शुरुआत
खास बात ये है कि मौजूदा खरीफ सीजन के मध्य राज्य में इस सर्वे को अंजाम देने के लिए 3 करोड़ से ज्यादा कृषि योग्य रजिस्टर्ड भूमि को चिन्हित किया गया है। यह सर्वे 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच दो चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में 21 जबकि दूसरे चरण में 54 जिलों में ‘ई-पड़ताल’ सर्वे को अंजाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए पहले ही राज्य, जिला व तहसील समेत कुल 4 स्तरीय समितियों का गठन हो चुका है।

इसके अंतर्गत मुख्य सचिव खुद स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता करेंगे जबकि अन्य समितियां इंप्लीमेंटेशन समिति के अंतर्गत कार्य करेंगी। सर्वे को अंजाम देने के लिए सभी स्तरों पर ट्रेनिंग, मॉनिटरिंग व मेंटोरिंग जैसे अहम पहलुओं को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से कार्यशाला व बैठकों के आयोजन का दौर निरंतर जारी है।

6 सूत्रीय लाभ का जरिया बनेगा ‘ई-पड़ताल’
‘ई-पड़ताल’ को प्रदेश में महज एक फसलों का डाटा एकत्रित करने वाले सर्वे के तौर पर नहीं बल्कि 6 सूत्रीय लाभ का जरिया मानकर क्रियान्वित करने की रूपरेखा रखी गई है। दरअसल, इसके जरिए एकत्रित डाटा के आधार पर किसान बैंकों से केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) निर्धारण का भी यह एक सशक्त जरिया बन सकेगा।

इसके अतिरिक्त, सॉइल हेल्थकार्ड योजना के जरिए ई-पड़ताल से जुटाए गए आंकड़े कृषि योग्य भूमि के मृदा निरीक्षण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। इससे किसानों को अपनी भूमि की उर्वरता के आधार पर फसलों की बोआई का उचित विकल्प मिल सकेगा। वहीं, कृषि भूमि पर फसलों के समुचित क्रॉप एरिया के निर्धारण और किसानों को फसलों संबंधी कस्टमाइज्ड एडवायजरी जारी करने के लिहाज से भी ई-पड़ताल सर्वे प्रमुख भूमिका निभाएगा।

कुल मिलाकर, सर्वे में प्रदेश के 75 जिलों के 350 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 31002 लेखपाल अधीन क्षेत्रों के 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर्स के आंकड़ों को समावेशित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे क्रियान्वित करने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है।

Related posts

Rani Laxmi Bai Jayanti : विद्यार्थी परिषद ने देवरिया में शोभा यात्रा निकाली, वीरांगनाओं की वेशभूषा में सजीं छात्राओं ने जगाया जोश

Rajeev Singh

योगी सरकार का बड़ा फैसला : राशन दुकानदार करेंगे धान खरीद का रजिस्ट्रेशन, सड़कों से हटेंगे 10 साल पुराने वाहन, पढ़ें अन्य निर्णय

Satyendra Kr Vishwakarma

रेल अपडेट : दुर्ग एक्सप्रेस समेत दो ट्रेनें इन तिथियों पर रहेंगी रद्द, रेलवे ने बताई ये वजह

Satyendra Kr Vishwakarma

तैयारी : काशी विश्वनाथ धाम में बदलेगी व्यवस्था, श्रद्धालुओं को मिलेगा अलग अनुभव

Sunil Kumar Rai

BREAKING : पुलिस की पिटाई से हुई गैंगस्टर की बेटी की मौत! 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज, थाना प्रभारी पर हुआ एक्शन

Abhishek Kumar Rai

देवरिया में अनियंत्रित ट्रेलर दीवार से टकराया : 3 लोगों की दर्दनाक मौत, ड्राइवर की भी हालत नाजुक

Rajeev Singh
error: Content is protected !!