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अच्छी खबर : चंद्रकांता और गोरखपुर ईको टूरिज्म सर्किट विकसित करेगी योगी सरकार, जानें पूरी योजना

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बायोफ्यूल के क्षेत्र में बेहतर प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर अंतर्विभागीय समन्वय से इस क्षेत्र में भी अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के 9 जनपदों में लागू की गई है।

50 हजार गांवों में लागू हुई योजना

प्रदेश सरकार का प्रयास होगा कि दिसम्बर, 2021 तक इस क्षेत्र के प्रत्येक घर तक नल से जल प्रदान किया जा सके। यहां पर बड़े-बड़े जलाशयों के माध्यम से इस कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है। साथ ही, प्रदेश में दिसम्बर तक 50 हजार गांवों में इस योजना को लागू किया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण के साथ-साथ पानी की एक-एक बूंद को बचाने का प्रयास भी किया जाएगा।

3 ईको सर्किट पर काम हो रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जंगल के बीच में बसे गांव के लोगों का पुनर्वास करने के साथ ही उनको संरक्षण भी प्रदान कर रही है। जिससे वन्य जीवों एवं मानव के संघर्षों को रोका जा सके। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 3 ईको पर्यटन सर्किट को लाॅन्च किया गया है। इनमें आगरा-चम्बल सर्किट, वाराणसी-चन्द्रकांता सर्किट तथा गोरखपुर-सोहगीबरवा सर्किट पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इनके माध्यम से पर्यटकों को प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक वातावरण प्राप्त होगा।

पीएम को मिला पुरस्कार

इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चैबे ने कहा, भारत हमेशा से ही प्रकृति के प्रति संवेदनशील रहा है। भारत में प्राचीनकाल से ही प्रकृति को देव तुल्य माना जाता रहा है। भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में सादा जीवन उच्च विचार के कारण ही प्रकृति का दोहन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश-दुनिया में जलवायु परिवर्तन की दिशा में कई अच्छे कार्य किए हैं। उन्हें वर्ष 2018 में चैम्पियन ऑफ द अर्थ का पुरस्कार प्राप्त हुआ था। यह पुरस्कार पर्यावरण के प्रति भारत की प्रकृति के प्रति चिन्तन को दर्शाता है।

100 करोड़ पेड़ लगे

इस अवसर पर प्रदेश के पर्यावरण एवं वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा, भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में पर्यावरण के प्रति वैज्ञानिक सोच थी। पीपल एवं अन्य पेड़ों को लगाने एवं उसे बचाने के प्रति लोग गम्भीर थे। प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विगत पांच वर्षों में 100 करोड़ पेड़ लगाए गए। इन पेड़ों को बचाने के लिए भी पारदर्शी तरीके से थर्ड पार्टी माॅनीटरिंग की जा रही है। प्रदेश में वृक्षारोपण में वृद्धि करने के लिए जनान्दोलन के रूप में ‘वन मैन वन ट्री’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘जल है तो जीवन है, वन हैं तो हम हैं’ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।

प्रभाव दिख रहा

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का आयोजित यह सम्मेलन प्राकृतिक संरक्षण की एक अनोखी पहल है। अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मनोज सिंह ने कहा, सम्पूर्ण विश्व जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभाव को देख रहा है। इससे अनियमित मौसम, बढ़ते तापमान, प्रचण्ड लू, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं की आवृत्ति दिखायी पड़ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पूरे इवेन्ट को कार्बन न्यूट्रल बनाने के लिए जापान की मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण किया जा रहा है।

ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, ताइवान के राजदूत बाउशन गैर, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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