Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए एमएसएमई विभाग के क्रय किये जाने वाले 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वजों के लिए धनराशि की व्यवस्था के सम्बन्ध में पंचायतीराज विभाग एवं नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पूरे देश में मनाया जा रहा है। इसके तहत, 11 से 17 अगस्त, 2022 के मध्य ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज एमएसएमई विभाग से क्रय किये जाएंगे। शेष लगभग 2.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों एवं निजी सिलाई केन्द्रों से क्रय किये जाने हैं।
30 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी
पंचायतीराज विभाग के तहत आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के आयोजन के लिए एमएसएमई विभाग के क्रय किये जा रहे 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वजों में से 75 प्रतिशत अर्थात 01 करोड़ 50 लाख राष्ट्रीय ध्वजों का भुगतान पंचायतीराज विभाग से राज्य वित्त आयोग के अनुदान से किये जाने का प्रस्ताव है। प्रति राष्ट्रीय ध्वज की लागत लगभग 20 रुपये मानते हुए इस खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को अवमुक्त की जाएगी
वित्त विभाग को माह जुलाई में प्राप्त होने वाली धनराशि लगभग 600 करोड़ रुपये होगी, उसमें से 30 करोड़ रुपये प्रस्तावित कार्य के लिए पंचायतीराज निदेशालय स्तर पर रोक कर, शेष धनराशि 15:15:70 के अनुपात में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को अवमुक्त की जाएगी। धनराशि को पंचायतीराज निदेशालय द्वारा एमएसएमई विभाग अथवा विभाग द्वारा निर्दिष्ट शासकीय संस्था को उपलब्ध कराया जाएगा।
उपलब्ध करायी जाएगी
नगर विकास विभाग के तहत प्रस्ताव है कि ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक धनराशि की व्यवस्था नागर निकायों को राज्य वित्त आयोग से प्राप्त हो रही धनराशि से, जनसंख्या के आधार पर समानुपातिक रूप से कटौती करते हुए सुनिश्चित की जाएगी। 10 करोड़ रुपये की यह धनराशि एमएसएमई विभाग को वास्तविक व्यय के आधार पर निदेशक, नगरीय निकाय द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। इस के लिए नामित कार्यदायी संस्था द्वारा ध्वज तैयार करने के लिए दिये गये निर्देशों का पूर्णरूपेण अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।