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शिक्षा : अगले साल से बदल जाएगा यूपी बोर्ड का परीक्षा पैटर्न, योगी सरकार करेगी बड़े बदलाव, जानें

Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा है कि आज की आवश्यकताओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy 2020) के उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा ही विकास को गति प्रदान करती है। ऐसे में उत्कृष्ट पठन-पाठन और नकलविहीन परीक्षा ही प्रगति और समृद्धि में सहायक होगी।

2023 में लागू हो नया पैटर्न

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के लर्निंग आउट कम में सुधार, नामांकन में वृद्धि, ड्रॉप आउट में कमी, ट्रांजिशन और रिटेंशन दर में वृद्धि के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य योजना बनाकर अमल में लायी जाए। संरचनात्मक, शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार के लिए कक्षा 12वीं में बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न वर्ष 2025 तक लागू करने की जरूरत है। कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न वर्ष 2023 से नया सत्र शुरू होने के पहले लागू करें।

प्रजेंटेशन देखा

सीएम गुरुवार को शास्त्री भवन में शिक्षा सेक्टर के 7 विभागों के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। शिक्षा सेक्टर के अन्तर्गत बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, युवा कल्याण एवं खेल विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया।

तकनीक की जानकारी मिले

इस मौके पर सीएम ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र लम्बे समय तक शिक्षा माफिया की चपेट में रहा है। लेकिन हमारी सरकार ने नकल विहीन शुचितापूर्ण परीक्षा का संकल्प लिया है, इसको प्रत्येक दशा में पूरा किया जाए। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को समयानुकूल अपडेट किया जाना आवश्यक है। ड्रोन टेक्नोलॉजी, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे अधुनातन विषयों का समावेश कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए। वोकेशनल एजुकेशन में बाजार की जरूरत के अनुसार स्किल्ड युवाओं को तैयार किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, कृषि शिक्षा में नवाचारों का समावेश जरूरी है। इस दिशा में ठोस प्रयास अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को तकनीक आधारित जानकारी प्रदान की जाए।

रोजगारपरक हों कोर्स

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में यथासम्भव कैरियर काउंसिलिंग सेल का गठन होना चाहिए। आईटीआई व पॉलीटेक्निक सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं को ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर समायानुकूल ट्रेड से जोड़ा जाए। इससे कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जाए।

सभी जिलों में विस्तार हो

उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन एजुकेशन, ऑनलाइन परीक्षा तथा ऑनलाइन तैयारी की रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना को तैयार करते समय उपलब्ध मानव संसाधन का ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म दिया है। इसे और व्यवस्थित किया जाना चाहिए। अभी मण्डल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए।

2 करोड़ दाखिले हों

उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के नामांकन का लक्ष्य लेकर नियोजित ढंग से कार्य करें। समस्त छात्र-छात्राओं का शत-प्रतिशत आधार पंजीकरण कराया जाए। छात्रों के वर्तमान अधिगम स्तर का आकलन स्वतंत्र संस्था द्वारा मूल्यांकन के माध्यम से कराया जाए। परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा से अगले 100 दिनों में लाभान्वित किया जाए।

सुविधाएं मिलें

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 6 माह की अवधि में समस्त छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म, बैग, स्वेटर, जूता-मोजा की धनराशि का डीबीटी के माध्यम से अन्तरण कर दिया जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि बच्चे यूनीफॉर्म में ही विद्यालय आएं। 02 वर्ष के भीतर प्रदेश में अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ने की प्रक्रिया की जाए। समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करें। प्रत्येक ब्लॉक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना के प्रयास किए जाएं।

रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी हो

सीएम ने कहा कि एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए। इससे संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव उत्पन्न होगा। बेहतरी के लिए प्रयास का बोध होगा। छात्र को दाखिला लेना हो या सेवायोजन कम्पनी में प्लेसमेण्ट करना हो, संस्था का चयन करने में सुविधा होगी।

हर लिहाज से खास होगा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड अर्बन मैनेजमेण्ट की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से हम न सिर्फ युवाओं को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में भी महती भूमिका निभा सकते हैं।

लाइट हाउस आईटीआई का विकास हो

उन्होंने कहा कि 5 ‘लाइट हाउस आईटीआई’ का विकास किया जाए। विशिष्ट कौशल मांग के अनुरूप यहां छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए। यह संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय मानक के होंगे, जो भविष्य में इस क्षेत्र में बेंचमार्क इंस्टीट्यूट साबित होंगे। प्रत्येक विकास खण्ड में आईटीआई और राजकीय आईटीआई में स्मार्ट क्लास का निर्माण किया जाए। सभी ट्रेड्स के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कण्टेण्ट उपलब्ध कराया जाए। राज्य आईटीआई की ग्रेडिंग और रैंकिंग सुनिश्चित करें।

मंगल दल का गठन हो

उन्होंने कहा कि मंगल दल खेल-कूद के साथ युवाओं को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का शानदार मंच बनकर उभरे हैं। मंगल दलों द्वारा फिट इण्डिया, नमामि गंगे, वृक्षारोपण, रक्तदान, स्वच्छता, कोविड से राहत एवं बचाव आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए। आगामी 100 दिनों में 1,000 और 2 वर्ष में 11,000 मंगल दलों का गठन करने की प्रक्रिया की जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर युवक एवं महिला मंगल दल की स्थापना का कार्य किया जाए तथा उन्हें स्पोर्ट्स किट उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में स्टेडियम उपलब्ध नहीं हैं, उन जनपदों में सरकारी, पीपीपी तथा खेल संघों आदि के माध्यम व सहयोग से स्टेडियम स्थापना की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए।

मदद लें विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की प्रेरणा से प्रदेश सरकार राज्य में खेल सम्बन्धी अवस्थापना सुविधाओं का लगातार विकास कर रही है। इन प्रयासों को और नियोजित स्वरूप देते हुए यथाशीघ्र मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत की जाए। यथाशीघ्र प्रदेश की नई खेल नीति तैयार की जाए। इसमें खेल जगत के प्रोफेशनल की मदद भी ली जानी चाहिए।

तेजी से हो निर्माण

उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय मेरठ का निर्माण कार्य तेजी से किया जाए। इसके कुलपति पद पर खेल जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को स्थान दिया जाना चाहिए। मण्डल स्तर पर स्पोर्ट्स कॉलेज, स्पोर्ट्स अकादमी की स्थापना के लिए पीपीपी मॉडल अपनाने पर विचार किया जाए। इन्हें खेल की किसी एक-एक विधा से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने टोक्यो ओलम्पिक तथा टोक्यो पैरालम्पिक में पदक विजेताओं व प्रतिभागी खिलाड़ियों को सम्मानित करने का कार्य किया है।

असेवित क्षेत्रों में बनें स्कूल

सीएम ने कहा कि कक्षा 9 और 11 में इण्टर्नशिप प्रोग्राम, रोजगारोन्मुखी कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही, पांच वर्ष पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट कॉलेज की स्थापना के लिए अभी से रणनीति बनाकर प्रक्रिया शुरू करें। सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मॉनिटरिंग, स्टूडेण्ट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबन्धन प्रणाली की व्यवस्था लागू की जाए। 02 वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करें। साथ ही, शिक्षा में तकनीकी के उपयोग को देखते हुए एकीकृत डाटा प्रबन्धन प्रणाली लागू कराएं।

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