Uttar Pradesh : सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि डाटा एनालिटिक्स के लिए आईआईटी कानपुर की मदद से टूल विकसित किये जाने चाहिए। सीसीटीवी में वीडियो एनालिटिक्स और मैनेजमेंट तकनीक को भी शामिल किया जाए। इससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ेगी। उन्होंने अपराध अन्वेषण में प्रोफेशनल स्किल बढ़ाने के लिए एटीएस टीम का भारत के विभिन्न संस्थानों में प्रशिक्षण कराने के अलावा एफबीआई, होम लैंड सिक्योरिटी जैसी जांच, खुफिया एजेंसियों के साथ विदेशी प्रशिक्षण भी कराये जाने पर बल दिया।
सीएम ने एंटी ड्रोन अटैक सिस्टम और ड्रोन फॉरेंसिक के क्षेत्र में तकनीकी विकास की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एटीएस पुलिस स्टेशन की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई इकाई के लिए आगामी 100 दिनों में ऊर्जावान, दक्ष और समर्पित कार्मिकों का चयन किया जाए। केंद्रीय पुलिस बल, भारतीय सेना के सहयोग से इनका प्रशिक्षण कराया जाना चाहिए। इन्हें स्नाइपर ट्रेनिंग भी दिलाई जाए, साथ ही आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए विशेष एडवेंचर कोर्स भी कराया जाए।
3 हजार पिंक बूथ बनें
उन्होंने कहा कि जांच, अन्वेषण की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के क्रम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की तर्ज पर प्रदेश में 100 दिनों के अन्दर यूपी स्पेशल पुलिस स्टेबलिशमेंट एक्ट तैयार कराया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी एवं 03 हजार पिंक बूथ की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप नियुक्त किया जाए। धार्मिक स्थलों के पास भी पिंक बूथ बनाए जाएं। बीट पुलिस सेवा से जुड़कर महिला कर्मियों ने अच्छा कार्य किया है। प्रत्येक महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध करायी जानी चाहिये।
फॉरेंसिक लैब स्थापित हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल यौन शोषण से जुड़े अति संवेदनशील प्रकरणों में अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है। इसके लिए अभियोजन को और मजबूत किए जाने की जरूरत है। लखनऊ में फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना हो रही है। साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लखनऊ में डिजिटल फॉरेंसिक लैब व परिक्षेत्र पर साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना कराई जाए। प्रत्येक जनपद में फॉरेंसिक फील्ड यूनिट स्थापित कराई जाए। इसी प्रकार, हर थाने पर साइबर हेल्प डेस्क का गठन हो। साइबर थानों में नियुक्त कार्मिकों को फॉरेंसिक प्रशिक्षण भी दिलाया जाना चाहिए।
20 लाख लोगों को जोड़ा जाए
सीएम ने कहा कि नागरिक केंद्रित यूपी कॉप और बीट प्रहरी ऐप को और प्रभावी बनाये जाने की जरूरत है। इंसिडेंट कमांड कंट्रोल के लिए सभी जिलों में हाईटेक लॉ एण्ड ऑर्डर क्यूआरटी स्थापित करायी जाए। डिजिटल वॉलंटियर सी-प्लान ऐप से 20 लाख लोगों को जोड़ने की कार्रवाई हो।
स्वयंसेवक तैयार किए जाएं
उन्होंने कहा कि शुचिता और पारदर्शिता के साथ पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। महिला पुलिस कार्मिकों की संख्या को दोगुना करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर अग्निशमन एवं जीवनरक्षा के लिए 100 स्वयंसेवकों को तैयार कर आवश्यक ट्रेनिंग दिलाई जाए। तहसील स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने के प्रयास हों। आपात स्थिति के लिए रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए।
UPSSF को प्रशिक्षित किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेट्रो रेल की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) की टीम को प्रशिक्षित किया जाए। सहारनपुर, मथुरा, प्रयागराज, और गोरखपुर में यूपीएसएसएफ की एक-एक बटालियन का गठन किया जाए। सीतापुर में स्थापित पीएसी की तीन वाहिनियों में से एक को अयोध्या तथा मुरादाबाद की एक वाहिनी को संभल में तैनात करना उचित होगा। इस दिशा में विचार किया जाए। जनपद बदायूं और लखनऊ में क्रमशः वीरांगना अवंतीबाई और उदा देवी जी के नाम पर गठित महिला पीएसी बटालियन का संचालन आगामी 02 वर्ष में शुरू कर दिया जाए।
तुरंत भुगतान की व्यवस्था हो
उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर दण्ड स्वरूप निर्धारित चालान की राशि को स्पॉट पर ही जमा करने की सुविधा दी जाए। डेबिट, क्रेडिट कार्ड से भुगतान की व्यवस्था की जाए। जनपद मेरठ में कोतवाल धन सिंह गुर्जर स्टेट ऑफ आर्ट पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की जाए। घुड़सवार पुलिस, डॉग स्क्वॉयड तथा पुलिस बैण्ड को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए।
होमगार्ड विभाग ने बेहतर काम किया
सीएम ने कहा कि होमगार्ड विभाग ने सतत प्रयासों से गत वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। होमगार्ड पुलिस बल के सहायक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनकी कार्य कुशलता और दक्षता में निरंतर प्रगति होनी आवश्यक है। महिला हेल्प डेस्क पर सैनेटरी नैपकीन डिस्पेंसर और इंसिनेरेटर की सुविधा होनी चाहिए। ‘1090’ को पब्लिक सेफ्टी अवेयरनेस प्वॉइंट का दर्जा दिया जाए।